पाकिस्तान को चीन से एक अरब डॉलर का ऋण

इस्लामाबाद – अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के सामने बार बार हाथ फैलाने के बावजूद एक अरब डॉलर ऋण प्राप्त ना होने से बेहाल हुए पाकिस्तान को चीन ने राहत दी है। चीन ने पाकिस्तान को एक अरब डॉलर्स ऋण मुहैया किया है और इससे पाकिस्तान परदिवालियां होने का मंड़रा रहा खतरा कुछ समय के लिए टल गया है। लेकिन, इस तरह से एक अरब डॉलर के लिए दुनियाभर में भीख मांग रहा हमारा देश अब अंतरराष्ट्रीय भिखारी कहा जा रहा है, ऐसा अफसोस इस देश के माध्यम और विश्लेषक व्यक्त कर रहे हैं। साथ ही चीन से प्राप्त कर्ज़ के बदले में पाकिस्तान और क्या कुछ खोएगा, इसकी चर्चा भी इस देश में शुरू हुई है।  

एक अरब डॉलरपाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने यह मांग की है कि, उनके ज्येष्ठ बंधू और पूर्व प्रधानमंत्री नवाझ शरीफ स्वदेश लौट आए और प्रधानमंत्री पद की बागड़ोर संभाले। नवाझ शरीफ को बड़ी आसानी से प्रधानमंत्री पद की बागड़ोर देने की तैयारी शाहबाज शरीफ दर्शा रहे हैं, यह एक ही मुद्दा पाकिस्तान की स्थिति काफी बिगड़ी होने की बात दर्शाता है। पिछले कुछ महीनों से पाकिस्तान की सरकार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से ऋण देने की लगातार मांग कर रही हैं। लेकिन, मुद्रा कोष ने इससे इनकार करके पाकिस्तान को बड़ा निराश किया था।

कुछ हफ्ते पहले पाकिस्तान दिवालिया घोषित होने की कड़ी संभावना सामने आ रही थी, उस समय चीन ने एक अरब डॉलर कर्ज मुहैया करके पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को बचाया। लेकिन, यह कर्ज सिर्फ अस्थायि मरम्मत हैं और कुछ पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था की इस बिमारी का यह कोई इलाज नहीं हैं, इसपर ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। कुछ समय बाद पाकिस्तान को निधि की फिर से आवश्यकता महसूस होगी। तब क्या करना होगा, यह सवाल यह विश्लेषक पूछ रहे हैं।

मुद्रा कोष से कर्ज प्राप्त नहीं हो रहा है, यह जानकर पाकिस्तान की सरकार ने मुद्रा कोष पर गंभीर आरोप लगाए थे। कुछ देशों के प्रभाव में आने से और राजनीतिक इरादों से प्रेरित होकर मुद्रा कोष पाकिस्तान को कर्ज सहायता मुहैया करने से इनकार कर रहा है, ऐसी आलोचना इस देश के वित्त मंत्री ने की थी। लेकिन, मुद्रा कोष पर यह आरोप लगाकर वित्त मंत्री इसाक दार ने स्थिति को और भी गंभीर बनाया है। क्यों कि, मुद्रा कोष से कर्ज प्राप्त हुए बिना चीन के अलावा अन्य कोई भी देश पाकिस्तान को कर्ज नहीं दे सकता, इसपर विश्लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। इसके अलावा आगे के समय में चीन भी पाकिस्तान को कर्ज प्रदान नहीं करेगा, ऐसी चिंता भी यह विश्लेषक व्यक्त कर रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.