हाँगकाँग के चुनावों को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चीन पर आलोचना

वॉशिंग्टन/लंदन/हाँगकाँग – हाँगकाँग में हाल ही में किए गए चुनाव इस क्षेत्र की लोकतांत्रिक व्यवस्था कमजोर करने की कोशिश है, ऐसी आलोचना अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने की है। गोपनीय जानकारी का आदान-प्रदान करने के लिए स्थापित किए गए ‘फाईव आईज्‌’ के साथ ‘जी ७’ और यूरोपिय महासंघ ने चीन के खिलाफ निवेदन जारी किया है। अमरीका ने हाँगकाँग में कार्यरत पांच चीनी अफसरों पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया है और अर्थसंस्थाओं को भी इशारा दिया है। चीन ने इसके खिलाफ प्रतिक्रिया दर्ज़ की है और अंतरराष्ट्रीय समूदाय की आलोचना गैरज़िम्मेदार होने का इशारा भी दिया है।

अंतरराष्ट्रीय समुदायचीन की कम्युनिस्ट हुकूमत की दमन नीति के खिलाफ पिछले दशक में हाँगकाँग में बड़े लोकतांत्रिक अभियान हुए थे। इस अभियानों के हिस्से के तौर पर वर्ष २०१९ में हुए प्रदर्शनों के दौरान भारी मात्रा में हिंसा हुई थी। दो वर्ष पहले के इन प्रदर्शनों से हाँगकाँग की जनता में चीनी हुकूमत के खिलाफ बड़ा असंतोष दिखाई दिया था। इस बढ़ते असंतोष से बेचैन हुई कम्युनिस्ट हुकूमत ने वर्ष २०२० में हाँगकाँग में ‘नैशनल सिक्युरिटी लॉ’ थोंपा था। हाँगकाँग का कोई भी नागरिक, गुट या समाजघटक चीन के खिलाफ खड़ा ना हो सके, इसके लिए इस कानून में सख्त प्रावधान किए गए थे।

अंतरराष्ट्रीय समुदायइन्हीं प्रावधानों के अनुसार हाँगकाँग विधिमंड़ल की २० सीटों के लिए चुनाव किए गए। चुनावों में उतरे उम्मीदवारों का चयन चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत का हिस्सा रही यंत्रणा ने किया था। इस वहज से यह सभी उम्मीदवार चीन समर्थक ही थे। मतदान के लिए कई सहुलियतें और लालच दिए जाए के बावजूद रविवार के दिन चुनावी प्रक्रिया में मात्र ३० प्रतिशत मतदान हुआ। हाँगकाँग के चुनावों में बीते दो दशकों में यह सबसे कम मतदान साबित हुआ। इन चुनावों के नतीजे भी घोषित हुए हैं और इसमें सभी चीन समर्थक उम्मीदवारों का चयन होने का ऐलान किया गया है।

इस पूरी प्रक्रिया पर अंतरराष्ट्रीय समूदाय से तीव्र प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है। गोपनीय जानकारी का आदान-प्रदान करने के लिए गठित ‘फाईव आईज्‌’ गुट ने चीन की तीव्र शब्दों में आलोचना की है। ‘हाँगकाँग की नई व्यवस्था ने इस क्षेत्र के विरोधियों की आवाज़ हमेशा के लिए दबा दी है। नैशनल सिक्युरिटी लॉ के परिणामों की हमें गंभीर चिंता हो रही है’, यह इशारा ‘फाईव आईज्‌’ ने दिया।

‘फाईव आईज्‌’ के बाद ‘जी ७’ और यूरोपिय महासंघ ने भी हाँगकाँग की इन घटनाओं पर तीव्र नाराज़गी जताई है। चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत हाँगकाँग के लोकतंत्र को कमज़ोर करने की कोशिश कर रही है, इन शब्दों में ‘जी ७’ और महासंघ ने चीन को लताड़ा है। रविवार को हुए चुनाव ‘एक देश, दो व्यवस्थाएं’ को तहस नहस करने की दिशा में उठाया हुआ कदम है, यह आरोप महासंघ ने लगाया। अमरीका ने चीन के पांच अफसरों पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान भी किया है। इसी बीच हाँगकाँग की वित्तसंस्थाओं को इसके आगे कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा, यह इशारा भी दिया है।

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