चीन ने युरोपीय महासंघ के सामने बड़ी चुनौतियाँ खड़ी की हैं – युरोपियन संसद की रिपोर्ट में चेतावनी

ब्रुसेल्स/बीजिंग – चीन ने राजनीतिक, आर्थिक, सुरक्षा और तंत्रज्ञान क्षेत्र में युरोपीय महासंघ के सामने बड़ी चुनौतियाँ खड़ी की होने की चेतावनी युरोपियन संसद की रिपोर्ट में दी गई है। युरोपीय संसद ने चीन को दिया यह लगातार दूसरा झटका है। इससे पहले संसद की विदेश समिति की बैठक में ताइवान के संदर्भ में रिपोर्ट बहुमत से मंजूर की गई थी।

eu-china-challengesचीन एक आर्थिक सत्ता के रूप में सामने आ रहा होकर, विदेश नीति के मुद्दे पर भी अधिक आक्रामक भूमिका अपनाता दिख रहा है। चीन की यह बढ़ती आक्रामकता युरोपीय महासंघ के लिए राजनीतिक, आर्थिक, सुरक्षा और तंत्रज्ञान क्षेत्र में बड़ी चुनौती साबित होती है। जागतिक व्यवस्था पर इसके दीर्घकालीन और गौरतलब परिणाम हो सकते हैं। यह बात नियमों पर आधारित बहुपक्षीय व्यवस्था और लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए ख़तरा साबित होती है’, ऐसा युरोपियन संसद की रिपोर्ट में जताया गया है।

युरोपियन संसद की रिपोर्ट में, चीन की एकाधिकारशाही, उइगरवंशीयों पर अत्याचार, मानवाधिकार, ‘बेल्ट अ‍ॅण्ड रोड इनिशिएटिव्ह’, हाँगकाँग इन जैसे मुद्दों का भी ज़िक्र किया गया है। रिपोर्ट में कुछ सिफ़ारिशों का भी उल्लेख होकर, उसमें चिनी अधिकारियों पर निर्बंध और विंटर ओलंपिक्स का राजनीतिक बहिष्कार इनका समावेश है।

युरोपीय महासंघ और चीन के बीच पिछले कुछ महीनों में लगातार अनबन हो रही है। कोरोना महामारी के मुद्दे पर तनाव बढ़ने की शुरुआत हुई होकर, उसमें हाँगकाँग, उइगरवंशीय, ताइवान इन जैसे मुद्दे भी शामिल हुए हैं। एक जमाने में चीन का विरोध न करने की भूमिका अपनानेवाले महासंघ ने कई मुद्दों पर चीन के विरोध में आवाज़ उठाना शुरू किया है। अमरीका ने चीन के विरोध में शुरू किए मोरचे में भी महासंघ ने अपना योगदान दिया है। 

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