दो दिनों में चीन के २३ विमानों की ताइवान की सीमा में घुसपैठ – ताइवान ने ‘मिसाइल सिस्टम’ तैनात करके लड़ाकू विमानों को किया रवाना

ताइपे/बीजिंग – चीन ने ताइवान के खिलाफ शुरू किए ‘ग्रे ज़ोन वॉरफेअर’ की तीव्रता अधिक बढ़ने की बात सामने आ रही है। बीते दो दिनों में चीन के २३ विमानों ने ताइवान की सीमा में घुसपैठ की कोशिश करने का मामला सामने आया है। चीन की इस घुसपैठ के खिलाफ ताइवान ने अपनी ‘मिसाइल सिस्टम’ तैनात करने के साथ ही लड़ाकू विमानों को भी रवाना करने की बात सामने आयी है। बीते पांच दिनों में चीन के विमानों के घुसपैठ की यह चौथी घटना है।

ताइवान की सीमाचीनी विमानों ने इतनी बड़ी मात्रा में घुसपैठ करने का बीते चार महीनों में यह दूसरा अवसर है। इससे पहले जून में चीन की ‘पीपल्स लिबरेशन आर्मी’ (पीएलए) के कुल २८ विमानों ने ताइवान की हवाई सीमा में घुसपैठ करने की बात सामने आयी थी। इसके बाद रविवार के दिन चीन के कुल १९ विमानों ने ताइवान की सीमा में घुसपैठ करने की जानकारी ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने प्रदान की।

चीनी विमानों की घुसपैठ रविवार की सुबह से ही शुरू हुई, यह जानकारी ताइवान ने साझा की है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने जारी किए निवेदन में यह कहा गया है कि, घुसपैठ करनेवाले इन विमानों में ‘शांक्सी वाय-८ एण्टी सबमरिन एअरक्राफ्ट’ के साथ ‘शिआन एच-६ बॉम्बर्स’ (४), ‘शेनयांग जे-१६ फायटर जेटस्‌’ (१०) और रशियन निर्माण के ‘एसयू-३०’ (४) का समावेश था। इससे पहले शनिवार के दिन भी चीन के चार विमानों ने ताइवान की सीमा में घुसपैठ की थी, ऐसा ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा। इसमें दो ‘शांक्सी वाय-८एण्टी सबमरीन एअरक्राफ्ट’ और २ ‘जेएच-७’ लड़ाकू विमानों का समावेश था।

बीते पांच दिनों के दौरान चीन के लड़ाकू विमान चार बार ताइवान की हवाई सीमा से टकराने की बात सामने आयी है। इस मामले में चीन का कोई भी बयान सामने नहीं आया है। अमरीका और यूरोप के साथ विश्‍व के कई देश ताइवान को अलग अलग स्तर पर समर्थन प्रदान कर रहे हैं। कुछ दिन पहले ही यूरोप की संसदीय समिती ने ताइवान के संबंध मज़बूत करने से संबंधित प्रस्ताव पारित किया है। इसके अलावा पोलैण्ड जैसा यूरोपिय देश ताइवान को कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति कर रहा है। इस वजह से चीन की हुकूमत बौखलाई हुई है और ‘ग्रे ज़ोन वॉरफेअर’ का इस्तेमाल करके ताइवान पर दबाव बढ़ाने की कोशिश की जा रही है।

वर्ष २०१० के बाद के दशक में चीन ने ‘ग्रे ज़ोन वॉरफेअर’ का इस्तेमाल शुरू किया है और विमानों के साथ ही मछुआरों के सैंकड़ों हथियारबंद जहाज़ों के समावेश वाले ‘नेवल मिलिशिया’ का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। ताइवान के रक्षाबलों को तंग करके हमेश दबाव में रखना एवं उसे कमज़ोर करने का ही प्रमुख उद्देश्‍य इसके पीछे होने की बात समझी जा रही है। कुछ दिन पहले ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने जारी की हुई एक रपट में चीन की ‘पीपल्स लिबरेशन आर्मी’ ताइवान के रक्षाबलों की सभी गतिविधियों पर नज़र रखे हुए होने की ओर ध्यान आकर्षित किया गया था। ताइवान के रक्षाबलों को पूरी तरह से निष्प्रभ करने की क्षमता चीन की ‘पीपल्स लिबरेशन आर्मी’ में है और यह खतरा लगातार बढ़ रहा है, यह इशारा भी दिया गया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published.