पाकिस्तान की अस्थिरता के कारण दक्षिण एशिया में युद्ध होगा – अमरीका के पूर्व राजनीतिक अधिकारी झाल्मे खलिलझाद

वॉशिंग्टन – पाकिस्तान की अस्थिरता का इस क्षेत्र पर घातक परिणाम होने से वहां युद्ध शुरू हो सकता है, ऐसी चेतावनी अमरीका के पूर्व राजनीतिक अधिकारी ने दी है। अमरीका के अफ़गानिस्तान संबंधित विशेषदूत रहे झाल्मे खलिलझाद ने पाकिस्तान की स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त करके इससे सावध रहने की सलाह दी है। खलिलझाद की यह चेतावनी प्रसिद्ध होने के दौरान ही अमरीका के लगभग 66 जनप्रतिनिधियों ने बायडेन प्रशासन ने अपना प्रभाव इस्तेमाल करने की मांग की है। यह संजोग नहीं हैं, बल्कि अमरीका इसके ज़रिये पाकिस्तान में मौजूद अमरीका समर्थक और विरोधियों को भी संदेश देती दिख रही है। 

पाकिस्तान की अस्थिरतापाकिस्तान में फिलहाल अराजकता फैली हैं और यह देश किसी के भी नियंत्रण में ना होने की बात दिख रही है। यही स्थिति कायम रही तो पाकिस्तान के टुकड़े हो जोंगे और इन्हें जोड़ने का काम क्षमता के बाहर का होगा, ऐसा बयान करके पूर्व प्रधानमंत्री इम्रान खान ने आगाह किया है। पाकिस्तान के विश्लेषक और माध्यम भी देश के टुकड़े होने का ड़र व्यक्त कर रहे हैं। इसके बावजूद पाकिस्तान की सरकार और सेना उन्हें चुनौती दे रहे इम्रान खान और उनके समर्थकों को किसी भी तरह की सहुलियत देने के लिए तैयार नहीं हैं। इम्रान खान की 9 मई को हुई गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थकों ने पुरे देश में हिंसा शुरू की थी। इस दौरान इम्रान खान और उनके सहयोगियों ने सिधे पाकिस्तान के सेनाप्रमुख पर आरोप लगाकर खुली चुनौती भी दी थी।

इसकी गूंज पाकिस्तान में सुनाई दे रही हैं और पाकिस्तानी सेना ने इम्रान खान को उनकी जगह दिखाने की बड़ी तैयारी जुटाई है। इससे पाकिस्तान में सरकार और सेना के विरोध में इम्रान खान और उनके समर्थक ऐसा संघर्ष शुरू हुआ है। वास्तव में यह संघर्ष अमरीका और चीन का होने के मुद्दे पर कुछ विश्लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। इम्रान खान पाकिस्तानी सेना पर डॉलर समर्थक होने का आरोप लगा रहे हैं। साथ ही हमें खत्म करने की साज़िश अमरीका में तैयार होने का दावा भी इम्रान खान ने किया था। लेकिन, वास्तव में फिलहाल अमरीका ही इम्रान खान के पक्ष में खड़ी हैं, यही विश्लेषकों का कहना है। क्यों कि, प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ की सरकार चीन से नज़दिकियां बढ़ा रही हैं और यह बात अमरीका को मंजूर नहीं।

इसी कारण से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था डुबने की कगार पर होने के बावजूद अमरीका ने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोश का कर्ज प्राप्त होने नहीं दिया है। साथ ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और सेनाप्रमुख चीन के दौरे करके आर्थिक सहायता पाने की कोशिश करते दिखाई दे रहे हैं। पाकिस्तान की सरकार चीन के काफी करीब जा रही हैं और इसका विरोध कर रहे इम्रान खान की सहायता करने के लिए अमरीका ने पहल करने की संकेत प्राप्त होने लगे है। झाल्मे खलिलझाद ने किए बयान इम्रान खान के पक्ष में होने की बात दिख रही है। साथ ही पाकिस्तान में जनतंत्र को मज़बूती देने के लिए 66 सांसदों ने बायडेन प्रशासन के सामने रखी मांग भी इम्रान खान के पक्ष में होने की बात दिख रही है।

पाकिस्तान में फिलहाल काफी उथल-पुथल शुरू हैं और इसी बीच अमरीका और चीन का हो रहा हस्तक्षेप पाकिस्तान की स्थिति अधिक बिगाड़ रही है। इस वजह से आगे के समय में पाकिस्तान की स्थिति घनघोर संघर्ष और हिंसा से पीड़ित किसी अफ्रीकी देश जैसी होगी, ऐसी ड़रावनी संभावना जताई जा रही है। झाल्मे खलिलझाद ने भी पाकिस्तान जैसा बड़ा देश इस तरह से टूट रहा हैं ऐसा कहकर चिंता जताई है। लेकिन, पाकिस्तान के कुछ लोगों ने खलिलझाद ने इससे पाकिस्तान को लेकर किए बयान पर कड़ी आपत्ति जताई थी। अफ़गानिस्तान से अमरिकी सेना की वापसी तैयारी करने का ज़िम्मा संभालने वाले खलिलझाद सीआईए एजेन्ट हैं और वह पाकिस्तान में विभिन्न पद्धती से हस्तक्षेप कर रहे हैं। उन्होंने पाकिस्तान को लेकर जताई चिंता फिजूल होने का आरोप भी इस देश के कुछ सामरिक विश्लेषकों ने लगाया था। 

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