खाड़ी क्षेत्र में अमरीका का प्रभाव कम हो रहा है – सीरियन राष्ट्राध्यक्ष का अरब लीग में स्वागत होने के बाद विश्लेषकों का अनुमान

जेद्दाह – सौदी अरब के जेद्दाह में अरब लीग की बैठक शुरू हुई हैं। कुल 12 साल बाद सीरिया इस बैठक में शामिल हो रहा हैं, इस पर खाड़ी क्षेत्र के माध्यमों के साथ दुनियाभर के माध्यम ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। सीरिया के राष्ट्राध्यक्ष बशर अल अस्साद का अरल लीग में किया गया स्वागत यानी अमरीका की राजनीतिक हार होने के दावे किए जा रहे हैं। ऐसे में अब यह भी चर्चा शुरू हुई है कि, खाड़ी क्षेत्र में अमरीका का प्रभाव खत्म होने की बात सीरियन राष्ट्राध्यक्ष की जेद्दाह में आयोजित अरब लीग की बैठक में देखी गई मौजुदगी दर्शा रही हैं। 

अमरीका का प्रभाववर्ष 2011 में विद्रोहियों ने सीरिया में राष्ट्राध्यक्ष अस्साद की हुकूमत को चुनौती देकर सशस्त्र संघर्ष शुरू किया था। सीरिया के करीबी मित्रदेश ईरान और रशिया राष्ट्राध्यक्ष अस्साद के पक्ष में खड़े हुए थे। वहीं, सौदी अरब, यूएई ने सीरियन जनता ने राष्ट्राध्यक्ष अस्साद के विरोध में विद्रोह करने का बयान किया था। सीरियन विद्रोहियों के पीछे अमरीका और खाड़ी देशों का समर्थन होने की बात कई बार स्पष्ट हुई थी। इसके बाद सौदी समेत अरब लीग के प्रमुख देशों ने यह आरोप लगाया था कि, सीरियन राष्ट्राध्यक्ष अस्साद की हुकूमत आम जनता पर अत्याचार कर रही है। इसके बाद सीरिया की अरब लीग की सदस्यता रद्द करने का निर्णय किया गया।

इसके 12 वर्ष बाद सीरिया फिर से अरब लीग में शामिल हुआ है। अमरिकी विदेश नीति की यह काफी बड़ी असफलता होने की बात दिख रही है। अमरीका ने इसपर आलोचना भी की थी। अरब लीग सीरिया संबंधित निर्णय करते समय अधिक सोच-विचार करें, ऐसी मांग अमरीका ने की थी। लेकिन, इसे अरब लीग अनदेखी करती दिखाई दे रही है। इसपर ध्यान आकर्षित करके ईरान जैसा देश यह दावे कर रहा है कि, खाड़ी क्षेत्र में अमरीका का प्रभाव खत्म हो रहा है। अमरीका के विरोधी दलों ने एवं विश्लेषकों ने भी बायडेन प्रशासन ने खाड़ी क्षेत्र को लेकर अपनाई नीति के दुष्परिणाम सामने आएंगे, ऐसी चेतावनी पहले ही दी थी। उनकी यह सच्चाई अब वास्तव में उतरती दिख रही है। 

बायडेन प्रशासन ने खाड़ी क्षेत्र के अपने इस्रायल और सौदी अरब इन प्रमुख सहयोग देशों को नाराज़ करने की बड़ी गलती की है। इसके परिणाम अमरीका को भुगतने पड़ रहे हैं, ऐसी आलोचना पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में की थी।

इसी बीच, रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने अरब लीग को खत देकर सहयोग का प्रस्ताव दिया है। खाड़ी क्षेत्र में शुरू इस्रायल-पैलेस्टिन विवाद एवं अन्य समस्याओं का हल निकालने के लिए रशिया पहल कर सकती हैं, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने सूचित किया है। इसमें सूड़ान, लीबिया और येमन में शुरू रक्तपात रोकने के लिए रशिया योगदान दे सकेगी, ऐसा रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने कहा है। ऐसे में अरब लीग की जेद्दाह में आयोजित बैठक में उपस्थित यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष वोलोदिमीर झेलेन्स्की ने अरब लीग यूक्रेन को अनदेखा ना करें, ऐसा बड़ा भावनात्मक आवाहन किया है।

रशिया-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद अरब लीग ने अमरीका और यूरोपिय देशों की सूचना के अनुसार यूक्रेन के पक्ष में खड़े होने से इन्कार किया था। इस युद्ध में अरब लीग के सदस्य देशों ने तटस्थ रहने की भूमिका अपनाई थी। सौदी और अन्य ईंधन उत्पादक देशों ने ईंधन उत्पादन बढ़ाने की अमरीका ने रखी मांग भी ठुकराई थी। इस वजह से अरब लीग की इस बैठक में शामिल होने का अवसर प्राप्त होने के बावजूद उसके आवाहन के अनुसार प्रतिक्रिया देकर अरब लीग रशिया के विरोधी जानेवाला निर्णय नहीं करेगी, यह स्पष्ट दिख रहा है। 

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