ब्रिटेन में महंगाई का विक्रमी उछाल

लंदन – ईंधन और अनाज़ की कीमतों में उछाल जारी रहने से ब्रिटेन में महंगाई का विक्रमी विस्फोट हुआ है। जून में ब्रिटेन का महंगाई निर्देशांक 9.4 प्रतिशत दर्ज़ हुआ। लगातार दो महीनों से महंगाई निर्देशांक नौं प्रतिशत रहने से ब्रिटीश जनता के सामने ‘कॉस्ट ऑफ लिविंग क्राइसिस’ अधिक तीव्र हुई है। महंगाई दर की यह बढ़ोतरी मार्च 1982 के बाद सबसे बड़ी बढ़ोतरी साबित हुई है और ‘जी 7’ गुट के देशों में सबसे ज्यादा महंगाई निर्देशांक दर्ज़ करनेवाले देश के तौर पर ब्रिटेन का नाम सामने आया है।

ईंधन की कीमत मात्र एक महीने में 10 प्रतिशत बढ़ी हैं और अनाज़ की कीमतें 1.2 प्रतिशत बढ़ी हैं। इनमें दूध, दूध के उत्पादन, सब्ज़ियां, मांस, अंड़े, खाने के ‘रेडी टू ईट’ पदार्थों का समावेश है। पिछले साल से बिजली के बिल में 70 प्रतिशत से अधिक बढ़ोतरी हुई है और अगले दिनों में यह बढ़ोतरी जारी रहेगी, ऐसे संकेत प्राप्त हो रहे हैं। इस बढ़ती महंगाई की पृष्ठभूमि पर ब्रिटेन की केंद्रीय बैंक ब्याज़दर आधा प्रतिशत बढ़ाने की तैयारी में होने का दावा सूत्रों ने किया।

रशियन अर्थव्यवस्था को लक्ष्य करके यूक्रेन पर हमला करनेवाले राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन को सबक सिखाने की चेतावनी अमरीका और ब्रिटेन के नेतृत्व ने दी थी। लेकिन, असल में पश्‍चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंध ‘बूमरैंग’ होकर उन्हीं को नुकसान पहुँचाते दिख रहे हैं। रशिया पर प्रतिबंध लगानेवाले अधिकांश प्रमुख देशों में महंगाई का विस्फोट हुआ है। यह महंगाई अगले कुछ महीनों तक बरकरार रहने के संकेत भी दिए गए हैं और इससे मंदी शुरू हो सकती है, ऐसे दावे भी किए जा रहे हैं।

ब्रिटीश सरकार महंगाई को रोकने के लिए उचित कदम उठा नहीं रही है, ऐसी नाराज़गी की भावना तीव्र हो रही है, यह दावा माध्यम कर रहे हैं। महंगाई को रोकने के लिए केंद्रीय बैंक ने ब्याज दर बढ़ाने का उपाय किया है, फिर भी इससे महंगाई में बदलाव नहीं आया। इस वजह से ब्रिटेन के विपक्षी दल सरकार समेत संबंधित यंत्रणाओं की कड़ी आलोचना कर रहे हैं। ब्रिटीश परिवार संकट की दहलिज पर खड़े हैं, ऐसी आलोचना विपक्षी नेता और विश्‍लेषक कर रहे हैं। ब्रिटेन में महंगाई दर 11 प्रतिशत तक बढ़ सकता है, ऐसा अनुमान विशेषज्ञों ने जताया है।

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