चीन तैवान पर हमले के लिए मौके की तलाश में

वॉशिंग्टन – चीन तैवान पर हमला करेगा यह निश्चित है। पर रशिया ने युक्रेन युद्ध में पाई हुई असफलता का अध्ययन करके, तैवान पर कैसे और कब हमला किया जाए, चीन इसका विचार कर रहा है, ऐसा अमेरिकी गुप्तचर प्रणाली ‘सीआयए’ के प्रमुख विल्यम बर्न्स ने आगाह किया है। तथा, तैवान पर हमले के बारे में निर्णय लेते हुए चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग आर्थिक अनिश्चितता का भी विचार करेंगे, ऐसा दावा बर्न्स ने किया।

चीन द्वारा तैवान पर हमले की संभावना दिनोंदिन बढती जा रही है, ऐसा दावा अमेरिका, जापान तथा यूरोप के नेता एवं विश्लेषक कर रहे हैं। युक्रेन में जारी युद्ध का लाभ उठाकर चीन तैवान पर हमले कर सकता है, ऐसी ताकीद जापान के नेता दे रहे हैं। बायडेन प्रशासन ने अब तक तैवान के बारे में ठोस भूमिका नहीं अपनाई है। अमेरिका की मुख्य गुप्तचर प्रणाली ‘सीआयए’ के प्रमुख विल्यम बर्न्स ने एक कार्यक्रम में बोलते समय भी तैवान के मुद्दे पर चीन के खिलाफ बात नहीं की।

‘ऐस्पेन सिक्युरिटी फोरम’ में बोलते समय सीआयए के प्रमुख विल्यम बर्न्स ने अमेरिका की सुरक्षा और विश्वभर की सुरक्षा विषयक घटनाओं का जाएजा लिया। इसमें भी रशिया और चीन जैसे अमेरिका के शत्रु देशों पर बर्न्स ने अपनी भूमिका रखी। रशिया को युक्रेन के युद्ध में सामरिक असफलता मिलने का दावा सीआयए के प्रेमुख ने किया। युक्रेन का युद्ध हम आसानी से जीत सकते हैं, ऐसा रशिया ने सोचा था, पर रशिया इस युद्ध में फंसा है और चीन भी तैवान पर हमला करने से पहले इसका जरुर विचार करेगा, ऐसा बर्न्स ने कहा।

‘चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग के तैवान पर कब्ज़ा करने की महत्वाकांक्षा को कम नहीं माना जा सकता है। चीन की सेना के पास आदेश मिलते ही कार्यवाई करने का सामर्थ्य है, इसके बार में जिनपिंग को विश्वास है’, ऐसा कहकर चीन तैवान पर हमला करेगा यह निश्चित बात है ऐसा बर्न्स ने कहा।

रशिया ने संपूर्ण युक्रेन पर कब्ज़ा करने के बजाए केवल डोन्बास पर ध्यान केंद्रित किया है। इसलिए चीन तैवान पर हमला करते समय सावधानता से कदम उठाएगा, ऐसा बर्न्स ने कहा। रशिया ने युक्रेन पर हमला किया इसलिए अमेरिका एवं युरोपिय राष्ट्रों के बीच नज़दीकियां अधिक बढीं हैं, चीन इस बात का भी विचार करेगा, ऐसी जानकारी बर्न्स ने दी।

इस दौरान, बायडेन प्रशासन ने तैवान के लिए सैन्य सहायता की घोषणा की थी। पर चीन के विरोध के कारण बायडेन प्रशासन ने तैवान के बारे में अपना निर्णय बदलने की बात सामने आई है। पिछले महीने बायडेन ने अमेरिका तैवान को चीन के खिलाफ युद्ध में सहायता करेगी, ऐसा कहा था। पर चीन से इस बात पर प्रतिक्रिया आने पर अमेरिका वन चायना पॉलिसी का आदर करती है, ऐसा पेंटगॉन ने कहा था। तो पिछले दो दिनों से अमेरिकन संसदे की सभापति नैन्सी पेलोसी तैवान के दौरे पर जाएंगी ऐसी खबरें आई थीं। इस पर चीन ने आपत्ति जताने के बाद राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने घोषित किया कि, पेलोसी के तैवान दौरे के लिए विरोध है।

बायडेन प्रशासन ने तैवान के बारे में स्वीकारी हुई अनियमित नीति के कारण चीन फुरसत में होने की टीका अमेरिका में ही हो रही है। इसका लाभ उठाकर चीन तैवान पर हमला कर सकता है, ऐसा अमेरिकाक के विश्लेषक आगाह कर रहे हैं।

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