भारत की वित्त मंत्री की क्रिप्टोकरन्सी के विरोध में चेतावनी

वॉशिंग्टन – अमरीका के दौरे पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने फिर से क्रिप्टोकरन्सी के खिलाफ देश की पुख्ता भूमिका रखी। क्रिप्टोकरन्सी के खिलाफ उचित समय पर भूमिका अपनाकर हम अर्थव्यवस्था को बचाने की दिशा में की हुई कोशिश जाया नहीं होने देंगे, ऐसा सीतारामन ने कहा। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के मुख्यालय में आयोजित समारोह में वित्त मंत्री सीतारामन बोल रही थीं। भारत में आयोजित ‘जी २०’ परिषद में क्रिप्टोकरन्सी को नियंत्रित करने के लिए सबसे अधिक प्राथमिकता दी जाएगी, ऐसे संकेत केंद्रीय वित्त मंत्री ने इस दौरान दिए। 

वित्त मंत्री‘माइक्रोफाइनान्शियल इंप्लिकेशन्स ऑफ क्रिप्टो ऐसेटस्‌‍’ विषय पर ‘जी २०’ देशों के वित्त मंत्री एवं इन देशों के केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों की बैठक हुई। इस बैठक में बोलते समय सीतारामन ने क्रिप्टोकरन्सी के खतरों का ज़िक्र करके इसके खिलाफ उचित समय पर कदम उठाना बड़ा आवश्यक होने का इशारा दिया। क्रिप्टोकरन्सी की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंच सकता है। किसी का नियंत्रण न होने वाली यह डिजिटल करन्सी देशों की अर्थव्यवस्थाओं को चुनौती दे सकती है, यह बात भारत बार-बार कह रहा है। इस मुद्दे पर भारत द्वारा अपनाई गई सावधानता और सख्त भूमिका का पूरे विश्व को संज्ञान लेना पड़ रहा है। मुद्रा कोष के मुख्यालय में बोलते समय भी भारतीय वित्त मंत्री ने यही भूमिका दृढता से रखी।

पिछले साल क्रिप्टोकरन्सी पर आधारित अमरीका का ‘एफटीएक्स’ एक्सचेंज दिवालिया हो गया। इससे निवेशकों को अरबों डॉलर्स का नुकसान हुआ था। पिछले हफ्ते ‘पीटरसन इन्स्टीट्यूट ऑफ इंटरनैशनल इकॉनॉमिक्स’ नामक अमरीका की संस्था में बोलते समय वित्त मंत्री सीतारामन ने ‘एफटीएक्स’ का दाखिला देते हुए क्रिप्टोकरन्सी की वजह से निर्माण होने वाले संकटों का फिर से अहसास कराया था।

इसकी वजह से सभी देशों को साथ मिलकर क्रिप्टोकरन्सी के खिलाफ ज़रूरी कदम उठाने पडेंगे क्योंकि, कोई भी एक देश इस तरह की वर्चुअल मुद्रा के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकता, ऐसा सीतारामन ने इस दौरान कहा था। भारत के प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री सीतारामन एवं रिज़र्व बैंक के गवर्नर लगातार क्रिप्टोकरन्सी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चेतावनी दे रहे हैं। साथ ही जी २० परिषद में भारत क्रिप्टोकरन्सी से होने वाले आर्थिक खतरों के खिलाफ तीव्र भूमिका अपनाएगा, ऐसा भारत लगातार कह रहा है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के मुख्यालय में बोलते समय भी वित्त मंत्री सीतारामन ‘जी २०’ देशों को इस बात का अहसास करा रही हैं। 

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