वैश्‍विक अर्थव्यवस्था को पहले के मुकाम तक पहुँचाने के लिए सभी देशों की प्रगति आवश्यक – वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन

नई दिल्ली – वैश्‍विक अर्थव्यवस्था अगर लंबे समय के लिए पहले के स्तर पर पहुँचानी है, तो इसके लिए सभी देशों की एक साथ प्रगति होना आवश्यक है, ऐसा दावा भारत की वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन ने किया| ‘जी-२० इंटरनैशनल सेमिनार’ की वर्चुअल बैठक में वित्तमंत्री सीतारामन ने, ‘कोरोना की पृष्ठभूमि पर वैश्‍विक अर्थव्यवस्था’ इस मुद्दे पर बोलते समय यह बयान किया| ‘जी २०’ को विश्‍व की विकसित और उभरती अर्थव्यवस्थाओं के प्रमुख गुट के तौर पर पहचाना जाता है|

वैश्‍विक अर्थव्यवस्थाइस वर्ष ‘जी २०’ गुट की अध्यक्षता इंडोनेशिया को प्राप्त हुई हैं और बाली शहर में इस गुट के सदस्य देशों के अर्थमंत्रियों के बैठक का आयोजन हुआ था| इस दौरान वित्तमंत्री सीतारामन ने, वैश्‍विक अर्थव्यवस्था को सामान्य स्तर पर पहुँचाने के लिए अलग अलग देशों का योगदान एवं एकसाथ काम करने की आवश्यकता होने का विचार रखा| इसके साथ ही, सर्वसमावेशकता, निवेश और अनुसंधान भी अर्थव्यवस्था के लिए अहम होने का मुद्दा उन्होंने रेखांकित किया| कोरोना की पृष्ठभूमि पर सबको सस्ते दामों में वैक्सीन और इलाज़ प्राप्त होना अहम होने का अहसास भी भारतीय वित्तमंत्री ने कराया|

इस दौरान उन्होंने कोरोना के टीकाकरण अभियान में भारत की भूमिका भी स्पष्ट की| भारत ने देश में अबतक १२५ करोड़ टीके लगाने में सफलता हासिल की है| साथ ही, विश्‍व के करीबन ९० देशों को ७.२० करोड़ से भी अधिक टीके प्रदान किए हैं, यह जानकारी वित्तमंत्री सीतारामन ने साझा की| बुधवार के दिन आयोजित ‘जी २०’ की बैठक में भारत के वाणिज्यमंत्री पियुष गोयल ने यह दावा किया कि वर्ष २०२२ में भारत पाँच अरब टीकों का उत्पादन करेगा|

वैश्‍विक अर्थव्यवस्था पहले के स्तर पर पहुँचाने के लिए बुनियादी सुविधाओं के प्रकल्पों में निवेश होना आवश्यक है, इसपर भारतीय वित्तमंत्री ने ध्यान आकर्षित किया| साथ ही, पर्यावरणस्नेही निवेश का मुद्दा भी अहम साबित होगा और ‘जी २०’ ने ‘ग्रीन टेक्नॉलॉजी’ को लेकर सक्रिय भूमिका अपनानी होगी, यह आवाहन भी उन्होंने किया|

कोरोना के कारण वैश्‍विक अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान पहुँचा है और कई अर्थव्यवस्थाएँ मंदी जैसी स्थिति का सामना करने के लिए मज़बूर हुई हैं| इससे बाहर निकलने की कोशिश कर रहीं अधिकांश अर्थव्यवस्थाओं के सामने कोरोना के नए वेरिएंट ने नई चुनौती खड़ी की है| दूसरी ओर भारत, विश्‍व की सबसे तेज़ गति से बढ़ रही अर्थव्यवस्था के तौर पर आगे आ रहा है| इस पृष्ठभूमि पर ‘जी २०’ में भारत के वित्तमंत्री ने अपनाई भूमिका अहमियत रखती है|

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