यूरोपिय महासंघ से मुक्त व्यापार समझौता करते समय भारत अपने किसानों के हित से समझौता नहीं करेगा – व्यापार मंत्री पियुष गोयल

रोम – यूरोपिय महासंघ से मुक्त व्यापार समझौता करते समय भारत अपने किसान और दुग्ध उत्पादकों के हितों से समझौता नहीं कर सकता, ऐसा इशारा व्यापार मंत्री पियुष गोयल ने दिया है। फ्रान्स के बाद इटली के दौरे पर पहुंचे विदेश मंत्री गोयल ने इस मुद्दे पर भारत की भूमिका स्पष्ट की। इससे पहले संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और ऑस्ट्रेलिया के साथ मुक्त व्यापार समझौते करते समय भी भारत ने अपने हितसंबंधों से समझौता नहीं किया था, इसपर पियुष गोयल ने ध्यान आकर्षित किया।

भारत और यूरोपिय महासंघ १७ जून से मुक्त व्यापारी समझौते पर बातचीत शुरू कर रहे हैं। करीबन २७ यूरोपिय देशों की सदस्यता के यूरोपिय महासंघ के साथ भारत मुक्त व्यापार समझौता करता हैं तो इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को भारी लाभ प्राप्त होंगे। साथ ही यूरोपिय देशों के लिए भारत का बड़ा बाज़ार उपलब्ध होगा। लेकिन, यूरोपिय देशों की सभी मांगे हम स्वीकार नहीं कर सकत, इसका अहसास भारत ने पहले ही कराया था। खास तौर पर अपने किसान और दुग्ध उत्पाद कारोबार से जुड़े लोगों के हितसंबंध अनदेखा करके यह समझौता नहीं होगा, यह इशारा व्यापार मंत्री पियुष गोयल ने फिर से दिया हैं। 

इटली में बोलते हुए भारतीय व्यापार मंत्री यूरोपिय महासंघ को यह इशारा देते दिखाई दे रहे हैं। युरोपीय महासंघ के सदस्य देश और भारतीय लोगों के प्रति व्यक्ति आय में काफी फरक हैं। इस वजह से अपने किसान और डेअरी कारोबारियों के हितसंबंध सुरक्षित करना भारत के लिए आवश्यक ही हैं। इस पर समझौता करना मुमकिन ही नहीं, इसका अहसास गोयल ने कराया है। साथ ही भारत में यूरोपिय महासंघ को व्यापारी अवसर उपलब्ध कराए हैं, विश्व का अन्य कोई भी देश ऐसे अवसर नहीं दे सकता, यह बात भी व्यापार मंत्री ने इस दौरान बड़े विश्वास से कही।

वर्ष २००७ में भारत और यूरोपिय महासंघ के बीच मुक्त व्यापार पर चर्चा शुरू हुई थी। लेकिन, भारत के हितसंबंधों पर गौर करने पर महासंघ ने इन्कार करने से यह चर्चा खंड़ित हुई। लेकिन, एक दशक बाद भारत एक उभरती काफी बड़ी शक्ति होने का अहसास यूरोपिय महासंघ को हुई हैं। खास तौर पर कोरोना की महामारी के बाद भारत की आर्थिक अहमियत महासंघ को अधिक तीव्रता से महसूस हुई। इस वजह से महासंघ ने फिर से भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौता करने के लिए पहल की है। लेकिन, महासंघ की सभी मांगे पुरी तरह से स्वीकार करना मुमकिन नहीं हैं, यह इशारा भारत स्पष्ट तौर पर दे रहा हैं। अगले महीने शुरू हो रही इसकी चर्चा से पहले महासंघ को इसका अहसास कराने की कोशिश भारतीय व्यापार मंत्री ने की है।

फ्रान्स और इटली यह देश महासंघ और भारत का मुक्त व्यापार समझौता जल्द से जल्द हो, इसके लिए उत्सुक होने का दावा भी पियुष गोयल ने इस दौरान किया। 

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