बजट 2022-23

नई दिल्ली – स्वतंत्रा के अमृतमहोत्सव वर्ष में अगले २५ वर्षों के लिए राष्ट्र की नींव डाले जानेवाला बजट हम पेश कर रहे हैं. ऐसा वित्तमंत्री सीतारामन ने कहा। राष्ट्र के आर्थिक विकास की निरंतरता रखनेवाला बजट पेश करने को हमने प्रधानता दी, ऐस सीतारामन ने कहा है। तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका स्वागत करते हुए कहा कि, यह विकासाभिमुख तथा रोज़गार को बढावा देनेवाला बजट है। उद्योगक्षेत्र द्वारा भी इस बजट की प्रशंसा हो रही है और नीति में निरंतरता और स्पष्टता वाले इस बजट का दीर्घकालीन लाभ राष्ट्र को प्राप्त होगा, ऐसा विश्वास उद्योगक्षेत्र के मान्यवर व्यक्त कर रहे हैं।

बजटक्रिकेट में प्रारंभिक बल्लेबाजों द्वारा अच्छी शुरुआत की जाने पर, अंतिम ओवर में फटकेबाज़ीए शुरु होने से पहले के बीच के समय में विकेट को संभालते हुए रन्स की गति को बरकरार रखने की चुनौती टीम पर होती है। २०२२-२३ का बजट में यही संतुलन एवं निरंतरता कायम रखने की कोशिश की गई है, ऐसा केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा। सन २०२१-२२ के वित्तिय वर्ष में राष्ट्र ९.२ विकासदर से प्रगति कर रहा है। बडी अर्थव्यवस्था वाले राष्ट्रों में अर्थव्यवस्था की प्रगति की यह सर्वाधिक गति है, इस ओर सीताराम ने ध्यान आकर्षित किया।

कोरोना संकट को देखते हुए राजकोषीय घाटे पर ज्यादा विचार किए बिना बजट आवंटन करना पड़ा, इसका जिक्र करके वित्तमंत्री ने २०२२-२३ के बजट में ६.४ प्रतिशत का वित्तिय घाटा होगा, ऐसी जानकारी दी। इस बजट में वास्तविक निवेश खर्च १०.६८ लाख करोड रुपए तक होगा। यह रकम राष्ट्र की जीडीपी के ४ प्रतिशत जितना होने की बात पर सीतारामन ध्यान आकर्षित किया।

इसके अलावा आयकर में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। इसलिए मध्यमवर्गीय निराश हुए हैं, ऐसे दावे किए जा रहे हैं। मगर कोरोना के संकट के मद्देनजर पिछले दो वर्षों में कर में बढोतरी नहीं की गई है, ऐसा कहकर सीतारामन ने अपने निर्णय का समर्थन किया। तो, इस दौर में सरकार ने महंगाई पर नियंत्रण रखा था, यह बात भी सीतारामन ने ध्याम में लाई।

अगले २५ वर्षों में राष्ट्र स्वतंत्रता की शताब्दी मनाएगा। तब राष्ट्र की आधी जनसंख्या शहर में निवास करनेवाली होगी। इसके मद्देनजर शहरों के विकास के लिए बजट में प्रावधान किया गया है। उद्योगों के लिए वातावरण निर्माण करके उत्पादन को गति प्रदान करने हेतु विशेष योजनाए लागू की जा रही हैं। यह बजट राष्ट्र के भविष्य को बढावा देने की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम होने का दावा उद्योगक्षेत्र के मान्यवरों ने किया।

गति-शक्ती

राष्ट्र के विकास में गति-शक्ति परियोजना का बहुत बडा महत्व होने की बात कहकर इसके सात इंजिन्स होने की बात वित्तमंत्री ने कही। रास्ते, रेलवे, हवाईअड्डे, बंदरगाह, सार्वजनिक परिवहन, जलमार्ग और व्यापार की सुविधाएं, यह सात इंजिन्स एकसाथ राष्ट्र की अर्थव्यवस्था गतिमान करेंगे, यह विश्वास सीतारामन ने व्यक्त किया।

बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए केंद्र द्वारा राज्यों को एक लाख करोड रुपयों का ब्याज-मुक्त ऋण दिया जाएगा। धन का उपयोग प्रधानमंत्री गति-शक्ति योजना से संबंधित परियोजनाओं के लिए राज्यों को दिया जाएगा, यह जानकारी वित्तमंत्री ने दी।

२०२२-२३ के वित्तिय वर्ष में राष्ट्र में २५ हजार किलोमीटर रास्तों का नेटवर्क बनाया जाएगा। इसके लिए २० हजार करोड रुपए स्थापित किए जाएंगे। तथा, ’कवच’ उपक्रम के अंतर्गत दो हजार किलोमीटर रेलमार्ग स्थापित किया जाएगा। इसके अलावा, आगले तीन वर्षों की अवधि में उत्तम यात्रा का अनुभव करानेवाली ४०० वंदे भारत गाडियों का निर्माण किया जाएगा, ऐसा सीतारामन ने आगे कहा।

तो लॉजिस्टिक अर्थात मालवाहक एवं इससे जुडी सेवाओं के लिए १०० कार्गो टर्मिनल्स बनाए जाएंगे, ऐसी घोषणा सीतारामन ने की।

 

संरक्षण के लिए प्रावधान में बडे पैमाने पर बढोतरी 

२०२२-२३ के बजट में संरक्षण के लिए लगभग ५.२५ लाख करोड रुपयों का प्रावधान किया गया है। पिछले बजट में संरक्षण के लिए ४.७८ लाख करोड घोषित किए गए थे। उसकी तुलना में इस वर्ष संरक्ष खर्च में कुल ९.८ प्रतिशत बढोतरी की गई है।

नए शस्त्र, विमान, युद्धनौकाएं एवं संरक्ष सामग्री खरीदने के लिए एक लाख, ५२ हजार, ३६९ करोड रुपयों का निधि आरक्षित की गई है। इसमें से ६८ हजार करोड निधि देश में निर्माण किए गए शस्त्रास्त्र और संरक्षण सामग्री के लिए होगा।

कुल मिलाकर संरक्षण खर्च के लिए घोषित की गई निधि में से २५ प्रतिशत निधि संरक्षण से जुडे संशोधन पर खर्च किए जाएंगे। इसमें निजी उद्योगक्षेत्रों भी शामिल किया जाएगा, ऐसा केंद्रीय वित्तमंत्री ने घोषित किया।

संरक्षण के लिए आयात घटाकर संरक्षण सामग्री एवं शस्त्रास्त्रों के देश में निर्माण के लिए सरकार वचनबद्ध है, ऐसा सीतारामन के कहा।

संरक्षणमंत्री राजनाथ सिंग ने इस बजट का स्वागर किया है। संरक्षण क्षेत्र में संशोधन के लिए २५ प्रतिशत का प्रावधान किया गया, यह संतोषजनक बात है, ऐसा राजनाथ सिंग ने कहा।

 

कृषि कर्ज की मर्यादा बढाई गई 

पिछले बजट में १६.५ लाख करोड रुपयों के कृषि कर्ज का प्रावधान में बडी बढोतरी करके वर्ष २०२२-२३ के बजट में १८ लाख करोड रुपयों के कृषि कर्ज की घोषणा वित्तमंत्री ने की।

इसके अलावा, कृषि क्षेत्र के लिए १.३२ लाख करोड रुपयों का प्रावधान किया गया है। इसमें प्रधानमंत्री किसान योजना के लिए ६८ हजार करोड आरक्षित किए गए हैं। तो युरिया पर अनुदान की राशि ६३,२२२ करोड रुपयों से बढाई गई है।

कृषि से जुडी प्रौधौगिकी का इस्तेमाल करके कृषि क्षेत्र में अत्याधुनिक बदलावों के लिए केंद्र सरकार विशेष कोशिश कर रही है। यह बात कहते हुए सीतारामन ने किसान ड्रोन्स योजना की घोषणा की। इसके अंतर्गत सावजनिक एवं निजि क्षेत्र द्वारा निवेश खडा किया जाएगा। इस माध्यम द्वारा किसानों को ड्रोन्स तथा अन्य अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी प्रदान किए जाएंगे, यह जानकारी केंद्रीय वित्तमंत्री ने दी।

इसके अलावा खेती एवं ग्रामिण क्षेत्र से जुडे स्टार्टअप्स के लिए स्वतंत्र निधि द्वार वित्तीय आपूर्ति की जाएगी, ऐसा सीतारमन ने कहा। तो केन बेतवा की नदियों को जोडने की परियोजना के तहत १४०० करोड का निधि घोषित किया गया है।

 

क्रिप्टो करन्सी से मिलनेवाली आय पर ३० प्रतिशत कर 

रिजर्व बैंक ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करके ’डिजिटल करन्सी’ शुरु करेगी, यह अत्यंत महत्वपूर्ण घोषणा वित्तमंत्री सीतारामन ने की। राष्ट्र के इस अधिकृत चलन के अलावा अन्य सारे डिजिटल ऐसेट और क्रिप्टोकरन्सी द्वारा पाए जानेवाली आय पर ३० प्रतिशत कर लगाने की घोषणा वित्तमंत्री सीतारामन ने की। बजट घोषित करते हुए सीतारामन ने इस घोषणा से सबका ध्यान आकर्षित किया।

पिछले कुछ महीनों से क्रिप्टोकरन्सी के बारे में केंद्र सरकार ने ठोस भूमिका अपनाई हुई दिख रही है। २०२२-२३ का बजट घोषित करते समय ’डिजिटल रुपी’ की गई घोषणा सरकार द्वारा उठाया गया बहुत बडा कदम है। इसलिए ’डिजिटल एकॉनॉमी’ को गति मिलेगी। इसलिए करन्सी अधिक प्रभावीरूप से इस्तेमाल की जा सकेगी और इस पर से खर्च घटाया जा सकेगा, ऐसा विश्वास सीतारामन ने व्यक्त किया।

 

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