क्रिप्टोकरेन्सी को लेकर भारत ने उठाई मांग का मुद्रा कोष ने किया समर्थन

बेंगलुरु – क्रिप्टोकरेन्सी नियंत्रित करने के लिए ‘जी २०’ देश एकजूट के साथ कदम उठाए, ऐसा आवाहन भारत ने किया था। देश में आयोजित ‘जी २०’ परिषद में भारत इस मुद्दे को बड़ी आक्रामकता से पेश कर रहा है। इसके परिणाम दिखाई देने लगे हैं और अमरीका की वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने क्रिप्टोकरेन्सी नियंत्रित करने की ज़रूरत होने का बयान किया है। अब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रमुख ख्रिस्तिलिना जॉर्जिवा ने भी क्रिप्टोकरेन्सी नियंत्रित करने की आवश्यकता होने का दावा किया।

मुद्रा कोषबेंगलुरु में आयोजित ‘जी २०’ की वित्तीय विषय की बैठक में शामिल जॉर्जिवा ने क्रिप्टोकरेन्सी से संभावित खतरों का दाखिला दिया। इस के आगे इस तरह के डिजिटल मुद्रा को कानूनी करार नहीं दिया जा सकता, यह जॉर्जिवा ने स्पष्ट किया। क्रिप्टोकरेन्सी का निवेश काफी खतरनाक है और यह निवेश आर्थिक स्थिरता को झटके दे सकता है, इसका अहसास भी जॉर्जिवा ने कराया। इसी वजह से भारत और अन्य देश क्रिप्टोकरेन्सी पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं। इसे विश्व अनदेखा नहीं कर सकता, ऐसी चेतावनी जॉर्जिवा ने दी।
लेकिन, क्रिप्टोकरेन्सी नियंत्रित करने के या अवैध क्रिप्टोकरेन्सी को रद करने संबंधित निर्णय करना उतना आसान नहीं है। इसके लिए काफी

समय लग सकता है, इसका अहसास ख्रिस्तिलिना जॉर्जिवा ने कराया। इसके साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया कि, यदि निवेशकों को पर्याप्त सुरक्षा प्राप्त होती हैं तो क्रिप्टोकरेन्सी पर कार्रवाई करने की आवश्यकता नहीं रहेगी। इसी बीच अमरिकी वित्त मंत्री जेनेट येलन ने भी क्रिप्टोकरेन्सी नियंत्रित करने की आवश्यकता होने का मुद्दा स्वीकारा। लेकिन, इसपर रोक लगाना मुमकिन नहीं होगा, यह दावा भी येलेन ने किया।

बेंगलुरु में ‘जी २०’ के वित्तीय विषय की परिषद शुरू होने से पहले से ही भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने क्रिप्टाकरेन्सी से संभावित खतरों का अहसास कराया था। क्रिप्टोकरेन्सी की वजह से दुनिया पर आर्थिक संकट टूट सकता है, ऐसी चेतावनी सीतारामन ने दी थी। लेकिन, क्रिप्टोकरेन्सी नियंत्रित करनी हैं तो सभी देशों को इसके लिए एकजुट के साथ काम करना होगा। कोई अकेला देश क्रिप्टोकरेन्सी पर ऐसी कार्रवाई नहीं कर सकेगा, इस पर भी सीतारामन ने ध्यान आकर्षित किया था।

इसी वजह से भारत ‘जी २०’ परिषद में क्रिप्टोकरेन्सी का मुद्दा आक्रामकता से पेश करेगा, यह दावा सीतारामन ने किया। लेकिन, इस बैठक में वर्णित विषय पर कई देशों के मतभेद सामने आए हैं। अमरिकी वित्त मंत्री येलेन ने क्रिप्टोकरेन्सी नियंत्रित करने की आवश्यकता स्वीकारने के बावजूद इस पर रोक लगाने के प्रस्ताव का इन्कार किया दिख रहा है। इस वजह से भारत की इस मांग पर ‘जी २०’ देशों की इस बैठक में सहमति होने की संभावना दूर दूर तक नहीं दिखती। फिर भी भारत ने रखी इस मांग का अमरीका पर भी दबाव बनने की बात अब स्पष्ट हो रही हैं। 

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