युवाओं के लिए सेना का ‘टूर ऑफ ड्युटी’ का प्रस्ताव

नई दिल्ली – सेना की ओर बतौर करिअर ना देखनेवाले, लेकिन लष्करी जीवनशैली का अनुभव करना चाहनेवाले युवाओं के लिए सेना ने ‘टूर ऑफ ड्युटी’ का प्रस्ताव दिया है। इसके अनुसार केवल तीन वर्षों के लिए युवा भारतीय सेना में सेवा कर सकते हैं। इसके ज़रिये उन्हें सेना की जीवनशैली जानने का अवसर मिलेगा; साथ ही, खुद में आत्मविश्वास, ज़िम्मेदारी, धीरज और एकाग्रता ऐसे गुण और कुशलताएँ ये युवा विकसित कर सकते हैं। निमलष्करी बल और केंद्रीय सशस्त्र पुलीस बल के जवानों को सात साल की कालावधि के लिए सेना की सेवा में लेने का भी विचार चल रहा है। इसके अलावा, ‘शॉर्ट सर्व्हिस कमिशन’ को भी अधिक आकर्षक बनाने पर लष्कर काम कर रहा है।

कुछ राष्ट्रों में हर एक नागरिक को सेना में कुछ साल सेवा करना, लष्करी प्रशिक्षण लेना बंधनकारक होता है। अनुशासनबद्ध नागरिकों का गठन करने के लिए भारत में भी ऐसे नियम लागू किये जायें, ऐसी माँग की जा रही है। लष्कर का ‘टूर ऑफ ड्युटी’ का प्रस्ताव हालाँकि हर एक नागरिक के लिए बंधनकारक नहीं है, फिर भी लष्कर में कुछ समय तक रहने की और वहाँ की जीवनशैली का अनुभव करने की इच्छा होनेवाले युवाओं के लिए लष्कर के दरवाज़ें इससे खुले होनेवाले हैं। लष्कर में फिलहाल ‘शॉर्ट सर्व्हिस कमिशन’ है। लेकिन ‘टूर ऑफ ड्युटी’ यह इससे अलग संकल्पना होगी। अन्य क्षेत्र में करिअर ढाने की इच्छा होनेवाले युवा, यदि उनकी इच्छा है तो तीन साल के लिए सेना में भर्ती हो सकते हैं। यदि यह प्रस्ताव मंज़ूर हुआ, तो देश के इतिहास में यह क्रांतिकारी निर्णय साबित हो सकता है।

‘टूर ऑफ ड्युटी’ के तहत सेना में भर्ती होनेवाले लोगों को, अन्य सैनिकों की तरह ही नौं महीनों का कठोर प्रशिक्षण दिया जायेगा। उसके पश्चात् उन्हें लॉजिस्टीक, छावनियों में अथवा सीमा पर भी तैनात किया जायेगा। यह एक तरह से सेना में इंटर्नशिप होगी। इस इंटर्नशिप के तहत, सेनादल में प्रवेश के लिए होनेवाले निकषों में किसी भी प्रकार की छूट नहीं मिलेगी। सेना गुणवत्ता के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेगी। शॉर्ट सर्व्हिस कमिशन के लिए जिस प्रकार लिखित परीक्षा और इंटरव्यू लिये जाते हैं, उसी प्रकार से भर्ती प्रक्रिया पर अमल किया जायेगा। इसमें शारीरिक तंदुरुस्ती के लिए प्राथमिकता दी जायेगी, ऐसा लष्कर के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद ने कहा है।

‘टूर ऑफ ड्यूटी’ के तहत सेवा में दाखिल होनेवालों को सेना द्वारा पूरा वेतन दिया जानेवाला है। यह वेतन करमुक्त हो सकता है। लेकिन बतौर ‘पूर्व सैनिक’ उन्हें किसी भी प्रकार के पेन्शन भत्तें नहीं मिलेंगे। लेकिन युवाओं को पोस्ट ग्रॅज्युएट कोर्स और सार्वजनिक नौकरियों में भी प्राथमिकता भी मिल सकती है। इस नयी योजना के कारण सेना के खर्चे में कटौती हो सकती है, ऐसा दावा किया जाता है।

इसी बीच, ‘शॉर्ट सर्व्हिस कमिशन’ और ‘टूर ऑफ ड्यूटी’ ये दोनों बातें भिन्न होकर, ‘टूर ऑफ ड्यूटी’ को हालाँकि मंज़ुरी मिलकर वह लागू भी हुआ, तो भी ‘शॉर्ट सर्व्हिस कमिशन’ पर उसका असर नहीं होगा, ऐसा विश्वास रक्षादलप्रमुख जनरल बिपीन रावत ने व्यक्त किया है। ‘शॉर्ट सर्व्हिस कमिशन’ के तहत युवा १० से १४ साल सेना में सेवा करके, लगभग उम्र के ३४ वें साल तक वर्षापर्यंत निवृत्त हो जाते हैं। ‘शॉर्ट सर्व्हिस कमिशन’ से निवृत्ति के बाद जवानों को दूसरे क्षेत्र में करिअर करना संभव हों, इस दृष्टि से उन्हें विशेष प्रशिक्षण देने का प्रस्ताव भी सेना के सामने है। इसके अलावा अन्य लष्करी जवानों की तरह उन्हें निवृत्ति पश्चात् की योजनाओं के लाभ किस प्रकार दिलाये जा सकते हैं, इसपर भी विचार किया जा रहा है। ‘शॉर्ट सर्व्हिस कमिशन’ को अधिक आकर्षक बनाने के प्रयास शुरू होने की जानकारी जनरल रावत ने दी थी।

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