भारतीय सेना ने चिनी सैनिकों की घुसपैंठ की कोशिश की नाकाम – सिक्किम सीमा पर हुई झड़प में दोनों देशों के सैनिक हुए घायल

गंगटोक, (वृत्तसंस्था) – सिक्किम के नाकू ला सेक्टर में भारतीय सीमा में घुसपैंठ की कोशिश कर रहें चिनी सैनिकों को भारतीय सैनिकों ने रोककर वापस लौटने के लिए मज़बूर किया है। इस समय चीन और भारतीय सैनिकों के बीच झड़प भी हुई। इसमें कुछ चिनी सैनिक ज़ख़्मी हुए हैं। चार भारतीय सैनिक भी इस झड़प में घायल हुए होकर, इस संघर्ष के बाद हुई बातचीत के साथ दोनों देशों के सैनिक पुन: अपनी अपनी चौकियों में लौट गए हैं। सन २०१७ में उत्तरी सिक्किम की सीमा पर के डोकलाम ट्राय जंक्शन क्षेत्र में भारत और चीन के सैनिक ७३ दिनों तक एक-दूसरे के सामने खड़े हुए थे। इसके तीन वर्ष बाद उत्तरी सिक्किम की भारत-चीन सीमा पर दोनों देशों के सैनिकों का टकराव हुआ है।

शनिवार के दिन सिक्किम के नाकू ला सेक्टर क्षेत्र में घुसपैंठ करने की चिनी सैनिकों की साज़िश भारतीय सैनिकों ने नाकाम की। भारतीय सैनिकों ने चिनी सैनिकों को रोक रखा और भारतीय सीमा से पीछे धकेल दिया। इसमें भारत और चीन के करीबन १५० सैनिक आमनेसामने खड़े हुए थे। चिनी सैनिकों को भारतीय सीमा से पीछे धकेलने की कोशिश कर रहे भारतीय सैनिकों की चिनी सैनिकों के साथ झड़प भी हुई। इसमें कुछ चिनी सैनिक ज़ख़्मी हुए हैं। चीन के छः सैनिक घायल हुए हैं, यह दावा कुछ प्राप्त खबरों में किया गया है। यह मामला बाद में प्रोटोकॉल के तहत की गई बातचीत के माध्यम से हल निकाल कर शांत किया गया। इसके साथ ही भारत और चीन के सैनिक अब अपनी अपनी चौकियों पर लौंट चुके हैं।

भारत और चीन के सैनिकों के बीच जहाँ पर यह टकराव हुआ, वह जगह समुद्री सतह से पाँच हज़ार मीटर उंचाई पर है और अरुणाचल प्रदेश, लद्दाख और उत्तराखंड के कुछ हिस्सों की तरह ही, चीन इस क्षेत्र पर भी अपना हक होने का दावा कर रहा है। ईशान्य भारत के राज्यों को जोड़नेवाला सिलीगुड़ी कॉरीड़ॉर इस क्षेत्र के नज़दिक होने के कारण, यह क्षेत्र सामरिक दृष्टि से काफ़ी अहम है। उत्तरी सिक्किम की सीमा से पाँच किलोमीटर की दूरी पर स्थित चुंबी घाटी तक चीन ने रास्ते का निर्माण किया है। इस क्षेत्र की रणनीतिक अहमियत पहचानकर ही, चीन उत्तरी सिक्किम पर अपना दावा बता रहा है और वहाँ पर चिनी सैनिकों द्वारा घुसपैंठ की कोशिशें भी होती रहती हैं।

तीन वर्ष पहले भारतीय सैनिकों ने, डोकलाम में रास्ते का निर्माण करने की और इस क्षेत्र पर अपनी पकड़ मज़बूत करने की कोशिश नाकाम की थी। भारत, भूटान और चीन की सीमाएँ जहाँ एक-दूसरें से जुड़ती हैं, ऐसे इस क्षेत्र में भारत ने ड़टकर अपनाई भूमिका की वज़ह से ७३ दिनों के बाद चिनी सैनिकों को वापस लौटना पड़ा था। इस वज़ह से चीन की प्रतिष्ठा को बड़ा जोरदार झटका लगा था। वहीं, भारत ने जिस प्रकार से, युद्ध की धमकियाँ दे रहें चीन को वापस लौटने के लिए मज़बूर किया था, उसकी दख़ल दुनियाभर के विश्‍लेषकों ने ली थी।

उसके बाद डोकलाम से सटे अपने क्षेत्र में हालाँकि चीन ने सैनिकों की तैनाती बढ़ाई थी, लेकिन फ़िर भी दोनों देशों के सैनिक आमनेसामने खड़े होने की स्थिति नहीं बनी थी। लेकिन, शनिवार के दिन फ़िर एक बार चिनी सैनिकों ने उकसाने की कोशिश की। लेकिन, इस बार भी चौकन्ने भारतीय सैनिकों ने चीन की यह साज़िश नाकाम की और डोकलाम की तरह इस बार भी चीन को पीछे हटने के लिए मज़बूर किया।

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