सिक्कीम सरहद पर भारत की तथाकथित घुसपैंठ पर चीन का गुस्सा

बीजिंग/नई दिल्ली, दि. २७: ‘चीन अपनी प्रादेशिक संप्रभुता की रक्षा के लिए किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेगा| भारत भी इस मसले पर चीन के साथ सहयोग करेगा, ऐसी उम्मीद है| चीन की सीमा में घुसे भारतीय जवान जल्द से जल्द पीछे हटें, ऐसी हमारी माँग है’, ऐसे शब्दों में चीन के विदेशमंत्रालय ने भारतीय जवानों की ‘कथित’ घुसपैंठ के बारे में नाराज़गी जताई| इसीके साथ, इस सिक्कीम सीमा पर हुई घुसपैंठ पर हल निकले बगैर, ‘कैलास मानसरोवर यात्रा’ फिर से शुरू नहीं करेंगे, ऐसी चेतावनी भी चीन ने दी|

जून के पहले हफ्ते में, चिनी सेना की टुकड़ी ने सिक्कीम में ‘डोकाला’ इलाके में घुसपैंठ करने की कोशिश की| चिनी जवानों ने जानबूझकर इस इलाके के ‘लालटेन पोस्ट’ में रहे भारतीय सेना के दो ‘मेकशिप्ट बंकर्स’ ध्वस्त कर दिये| चिनी टुकड़ी की इस आक्रामक कारवाई को भारतीय सेना ने प्रत्युत्तर देकर चिनी जवानों के फिर से पीछे भेज दिया| भारतीय सेना की इस कार्रवाई से बेचैन हुए चीन ने ‘नथुला दर्रे’ से होकर जानेवाला मार्ग बंद करके, भारतीय यात्रियों की ‘कैलास मानसरोवर यात्रा’ रोकने का फैसला किया|

भारत के प्रधानमंत्री अमरीका यात्रा पर रहते समय यह वारदात सामने आयी है| चीन की यह नयी छेड़खानी भारत को ‘उचित चेतावनी’ देने की कोशिश है, ऐसा माना जाता है| पिछले कुछ महीनों में चीन ने कई मसलों पर भारत को दुविधा में पकड़ने की कोशिश शुरू की है| पाकिस्तानी आतंकवादी ‘मसूद अझहर’, ‘एनएसजी’ की सदस्यता इन जैसे मसलों पर विरोधी भूमिका लेने की अपनी परंपरा चीन ने बरकरार रखी है|

लेकिन इसके बाद भी भारत ने ‘साऊथ चायना सी’, ‘सीपीईसी’, ‘वन बेल्ट, वन रोड’ जैसे मसलों पर चीन को विरोध बरकरार रखा है| इस वजह से चीन भारत को लक्ष्य बनाने के लिये नये नये मसले उपस्थित करते रहता है। सिक्कीम की कथित घटना पर चीन ने जताया निषेध, यह उसका ही हिस्सा साबित होता है| ‘चीन का अगला फ़ैसला भारत द्वारा उठाये जानेवाले कदमों पर निर्भर रहेगा| सीमा पर हालात सुधारने के लिए भारत की तरफ से पहल होनी चाहिए’ ऐसी माँग चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु कांग ने की|

‘नथुला पास’ इलाके में चीन की तरफ से शुरु हुए बांधकाम में भारत रुकावट पैदा कर रहा होने का दावा भी चीन द्वारा किया जा रहा है| ‘डोका-ला’ तथा ‘नथुला’ इलाके में भारतीय सेना की कार्रवाइयों पर बीजिंग ने, साथ ही, नई दिल्ली स्थित प्रतिनिधियों ने निषेध जताया है, ऐसी जानकारी चीन के विदेशमंत्रालय ने दी| इससे पहसे सन २००८ में चीन की सेना ने सिक्कीम के सीमाक्षेत्र में घुसपैंठ करने की कोशिश करके बंकर्स नष्ट कर दिये थे|

Leave a Reply

Your email address will not be published.