भारत को अमरीका से पूरी सहायता प्राप्त होती रहेगी – व्हाईट हाउस के वरिष्ठ अधिकारी का ऐलान

वॉशिंग्टन -‘भारत और चीन के सीमा विवाद में अमरीका अपनी पूरी ताकत के साथ भारत के पीछे ड़टकर खड़ी हैं और इसके आगे भी रहेगी’, यह बयान व्हाईट हाउस के वरिष्ठ अधिकारी मार्क मिडोज ने किया है। साथ ही, चीन को लष्करी बल का प्रयोग करके ‘साउथ चायना सी’ पर कब्ज़ा करना संभव नहीं होगा। अमरीका ऐसा होने ही नहीं देगी, यह चेतावनी भी मिडोज ने दी है। अमरिकी विमान वाहक युद्धपोत, चीन के प्रभावक्षेत्र में मौजूद हैं और चीन पर इससे काफ़ी बड़ा सामरिक दबाव बना है। इस पृष्ठभूमि पर, मिडोज ने इस संदर्भ में अमरीका की भूमिका स्पष्ट की हुई दिखाई दे रही है।

India-Americaअमरीका ने दो दिन पहले ही ‘साउथ चायना सी’ के क्षेत्र में ‘युएसएस रोनाल्ड रीगन’ और ‘युएसएस निमित्झ’ ये अपने दो विशाल विमान वाहक युद्धपोत तैनात किए हैं। भारत और चीन के बीच बढ़ रहा तनाव और उसी समय पर अमरिकी युद्धपोतों की इसी क्षेत्र में हुई तैनाती, इनके बारे में अमरिकी समाचार चैनल से की हुई बातचीत के दौरान मार्क मिडोज ने अमरीका की भूमिका स्पष्ट की। ‘आज भी अमरीका विश्‍व में सबसे ताकतवर देश है और यही संदेश देने के लिए अमरीका ने अपने दो विमान वाहक युद्धपोत इस क्षेत्र में रवाना किए हैं’, यह कहकर मिडोज ने, ‘साउथ चायना सी’ के क्षेत्र में चीन की बढ़ रही गतिविधियों पर ध्यान आकर्षित किया।

वहीं, भारत और चीन के बीच के तनाव पर बात करते समय उन्होंने, अमरीका भारत के समर्थन में ड़टकर खड़ी है, यह बयान किया। व्हाईट हाउस की तरह अमरिकी सिनेट में भी चीन की आक्रामकता की आलोचना हो रही है और भारत की भूमिका का समर्थन किया जा रहा है। अमरीका के प्रभावी सिनेटर टॉम कॉटन ने, फॉक्स न्यूज समाचार चैनल के एक कार्यक्रम में बोलते समय, लद्दाख के संघर्ष में चीन ने अपनी विस्तारवादी भूमिका दिखाई है, यह आलोचना भी की है। ‘आज चीन का कोई भी पड़ोसी देश, चीन की लष्करी आक्रामकता से सुरक्षित नहीं है। इन देशों को अमरीका की सहायता आवश्‍यक है और अमरीका उन्हें सहायता प्रदान करती रहेगी। ‘साउथ चायना सी’ में युद्धपोतों की तैनाती भी इसी कारण की गई है’, ऐसें ठेंठ शब्दों में उन्होंने अमरीका की भूमिका रखी।

अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प और विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ भी चीन की लगातार कड़ी आलोचना कर रहे हैं। उसीके साथ, अमरीका ऐसी चेतावनी भी दे रही है कि इसके आगे चीन की मग़रूरी बर्दाश्‍त नहीं करेंगे। अमरीका की इस आक्रामक भूमिका की वजह से बढ़ता दबाव महसूस कर रहें चीन ने, एक ही समय पर लगभग सभी पड़ोसी देशों के साथ सीमा विवाद निर्माण किया हुआ दिख रहा है। अमरीका की हम परवाह नहीं करते, यह दिखाने के लिए ही हालाँकि चीन ने भारत के साथ अन्य पड़ोसी देशों के साथ सीमा विवाद बढ़ाया है, लेकिन अब यह चाल चीन पर ही पलटती हुई दिखाई देने लगी है। लगभग सभी पड़ोसी देश अब चीन की विस्तारवादी नीति को लक्ष्य करने लगे हैं।

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