टी-आरएमएन समझौते पर भारत ने हस्ताक्षर किये

नई दिल्ली – अंतरराष्ट्रीय व्यापारी परिवहन के बारे में जानकारी का आदान-प्रदान करने के बारे में भारत ने ३० देशों के साथ सहयोगी करार किया है| यह बहुपक्षीय करार भारत के सागरी सुरक्षा एवं व्यापारी परिवहन की सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हो सकता है| भारतीय नौसेना के कमांडिंग ऑफिसर कैप्टन के रामाकृष्णन ने इटली में इस करार पर हस्ताक्षर किये| भारत के नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने इस करार का स्वागत किया है|

लगभग ३० देशों के इस बहुपक्षीय ‘ट्रांस रीजनल मैरिटाइम नेटवर्क’ करार में भारत शामिल हुआ है| जिसकी वजह से अंतरराष्ट्रीय सागरी माल परिवहन की पुख्ता जानकारी भारतीय नौसेना को मिल सकती है| इसमें व्यापारी परिवहन करनेवाले जहाज कोई भी बंदरगाह से निकले और वह कहां कहां जा रहे हैं, बीच में वह कौन से बंदरगाह पर रुकने वाले हैं, उनकी गति क्या होगी, यह सारी जानकारी इस करार की वजह से भारत को उपलब्ध होगी| भारत का व्यापारी परिवहन बढ़ते समय तथा भारत के सागरी क्षेत्र से बड़ी तादाद में व्यापारी परिवहन होते समय भारतीय नौसेना को यह जानकारी उपलब्ध होना आवश्यक है|

इसकी वजह से जहाज की गतिविधियां प्राप्त करना नौसेना को संभव होगा और सागरी सुरक्षा के लिए यह जानकारी अत्यंत महत्वपूर्ण है| इस करार की वजह से भारतीय नौसेना की क्षमता बढ़नेवाली है, ऐसा कहकर इस करार के लिए भारत सरकार ने दिए अनुमति पर नौसेना प्रमुख ने समाधान व्यक्त किया है| इसकी वजह से भारतीय नौसेना व्यापारी परिवहन के बारे में जानकारी का केंद्र बनेगा, ऐसा विश्वास ने नौसेना प्रमुख ने व्यक्त किया है| दौरान हिंदी महासागर क्षेत्र में भारत ने कई जगहों पर अपनी रडार यंत्रणा निर्माण की है और भारत के सुरक्षा के लिए यह बात अत्यंत आवश्यक होने का दावा किया जा रहा है| इस पृष्ठभूमि पर ‘टी-आरएमएन’ समझौते का महत्व अधिक बढ़ता दिखाई दे रहा है|

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