भारत-व्हिएतनाम के बीच रक्षा सहकार्य पर विशेष चर्चा

नई दिल्ली: बुधवार को राजधानी दिल्ली में ११ वा ‘व्हिएतनाम-इंडिया डिफेन्स पॉलिसी डायलोग’ संपन्न हुआ। इस बैठक के लिए व्हिएतनाम का लष्करी प्रतिनिधि मंडल भारत में आया था। इस बैठक का नेतृत्व भारत के रक्षा सचिव संजय मिश्रा और व्हिएतनाम के नेशनल डिफेन्स के उपमंत्री लेफ्टिनेंट जनरल ‘न्गुयेन ची विन्ह’ ने किया। इस दौरान दोनों देशों के बीच मिसाइल और हेलिकॉप्टर की खरीदारी के विषय में चर्चा पूरी हुई।

भारत, व्हिएतनाम, रक्षा सहकार्य, संजय मिश्रा, न्गुयेन ची विन्ह, विशेष चर्चा, नई दिल्ली, मिसाइल, हेलिकॉप्टर एक घंटे तक चली इस बैठक में आकाश, जमीन से आकाश में हमला करने वाले मिसाइल, ध्रुव और एडवांस्ड सॅटेलाईट हेलिकॉप्टर्स की खरीदारी पर दोनों देशों के बीच चर्चा हुई है। साथ ही इस चर्चा में भारत-रशिया ने संयुक्त रूपसे विकसित किए ‘ब्रम्होस’ मिसाइल की खरीदारी का मुद्दा भी था। व्हिएतनाम भारत से ब्रम्होस खरीदने के लिए उत्सुक है। लेकिन इस व्यवहार पर चीन ने आपत्ति जताई है। व्हिएतनाम ने भारत से ब्रम्होस ख़रीदा तो इस क्षेत्र की शांति भंग होगी, ऐसी चीन ने चेतावनी दी है।

उसी समय दोनों देशों ने लष्करी सहकार्य अधिक दृढ करने का निश्चित किया है। साथ ही भारत ने व्हिएतनाम के रक्षा क्षेत्र के लिए दिए कर्ज का उल्लेख करके लेफ्टिनेंट जनरल विन्ह ने उसके लिए भारत को धन्यवाद दिया है। इस दौरे में जनरल विन्ह ने लष्कर प्रमुख बिपिन रावत से भी मुलाकात की।

भारत व्हिएतनाम के वैमानिकों को ‘सुखोई ३०’ इस लड़ाकू विमान का प्रशिक्षण दे रहा है। उसी समय भारतीय नौसेना व्हिएतनाम की नौसेना के २० अधिकारी और ४० नाविकों को विशाखापत्तनम के ‘आईएनएस सातवाहना’ इस नौसेना अड्डे पर प्रशिक्षण दे रहा है। साथ ही पिछले महीने में ही भारत की रक्षा मंत्री निर्मला सीतारामन ने व्हिएतनाम का दौरा किया था। उस समय व्हिएतनाम की राजधानी ‘हनोई’ में ‘भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड’ (बीईएल) ने अपना कार्यालय शुरू किया था।

दौरान, जुलाई के अंतिम हफ्ते में राजधानी दिल्ली में ‘इंडिया-व्हिएतनाम: स्ट्रेथनिंग इकॉनोमिक टाईज’ इस विषय पर अंतर्राष्ट्रीय परिषद पूरी हुई। इस परिषद में दोनों देशों का आर्थिक सहकार्य दृढ करने पर एकमत हुआ। पिछले वर्ष दोनों देशों का द्विपक्षीय व्यापार ७.७ अरब डॉलर्स पर था। पहले के साल की तुलना में यह व्यापार ४२ प्रतिशत से बढ़ गया है और सन २०२० तक यह व्यापार १५ अरब डॉलर्स तक ले जाने का उद्दिष्ट दोनों देशों ने सामने रखा है।

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