अमरिकी नौसेना की ‘सेवन्थ फ्लिट’ भारतीय नौसेना के साथ सहयोग बढाएगी

नई दिल्ली – अमरिकी नौसेना का सातवां आरमार भारतीय नौसेना के साथ शुरू सहयोग और भी व्यापक करने की तैयारी में है| ‘इंडो-पैसिफिक’ क्षेत्र में मुक्त यातायात की सुरक्षा के लिए दोनों देश प्रतिबद्ध है, यह अमरिका के सातवे आरमार के प्रमुख वाइस ऐडमिरल फिल सॉयर ने कहा है| अमरिका के सातवे आरमार के नौसेना अधिकारी और भारतीय अधिकारियों की अहम बैठक हुई है| रशिया के रक्षा मंत्री भारत यात्रा पर है, तभी अमरिका और भारतीय नौसेना के बीच हुई इस चर्चा का महत्त्व बढा है|

अमरिका के सातवे आरमार के अधिकारी और भारतीय अधिकारियों के बीच हर वर्ष ‘एक्झिक्युटिव्ह स्टिअरिंग ग्रुप’ (इएसजी) की बैठक का आयोजन होता है| ‘इएसजी’ की २१ वी बैठक बुधवार के दिन हुई| इस दौरान वाइस ऐडमिरल फिल सॉयर शामिल हुए थे| वही भारतीय नौसेना के अधिकारियों के शिष्टमंडल का नेतृत्त्व उप नौसेनाप्रमुख वाइस ऐडमिरल जी.अशोक कुमार ने किया|

अमरिका और भारतीय नौसेना के बीच सहयोग को पहले कभी नही था उतना महत्त्व प्राप्त हुआ है, यह अमरिकी सातवे आरमार के अधिकारी लेफ्टनंट कमांडर जेरी तेझेंग इन्होंने रेखांकित किया है| ‘इएसजी’ की बैठक की वजह से दोनों देशों के विचारों का आदान-प्रदान होता है| साथ ही नौसेना में समन्वय बनाने के दृष्टी से भी यह बैठक काफी अहम साबित होती है, यह तेझेंग ने कहा|

इस बैठक में दोनों देशों के नौसेना ने हाल ही में शुरू किए गतिविधियों का जायजा किया| साथ ही दोनों देशों में हो रहे युद्धाभ्यास और भी व्यापक करने पर निर्णय हुआ| इसके अळावा जानकारी का आदान-प्रदान एवं एक दुसरों के नौसेना अड्डों को युद्धपोतों की सदिच्छा भेंट होने का लाभ दोनों देशों के नौसेना को होगा, यह विश्‍वास इस दौरान व्यक्त किया गया|

१९९५ से भारत और अमरिका के सातवे आरमार की ‘इएसजी’ बैठक हो रही है| जनवरी महीने में इस बैठक का अमरिका के हवाई में पर्ल हार्बर में आयोजन किया गया था| अमरिका का सातवां आरमार यानी अमरिका की एशिया-पैसिफिक क्षेत्र की सबसे बडी तैनाती है| सातवे आरमार में एक विमान वाहक युद्धपोतों के साथ ही ७० युद्धपोत, पनडुब्बीयां और १४० लडाकू विमाने शामिल है| इस के साथ ही २० हजार सैनिक भी इस बेडे का हिस्सा है|

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