चीन धमकियाँ देगा, लेकिन युद्ध नहीं करेगा- भारतीय विश्लेषकों का दावा

बीजिंग: ‘चीन के साथ संघर्ष को टालना है तो भारतीय सैनिकों को डोकलाम से पीछे हटना पड़ेगा’, ऐसा इशारा चीन के ‘पीपल्स लिबरेशन आर्मी’ के (पीएलए) कर्नल ली ली ने दिया है। इधर भारतीय विश्लेषक दावा कर रहे हैं कि, डोकलाम के मामले में चीन भारत को हर रोज नई धमकी भले ही दे रहा हो, लेकिन चीन भारत के साथ युद्ध नहीं करेगा। इससे यही साबित होता है कि धमकियाँ देकर भारत पर दबाव डालने की चीन की कोशिश पूरी तरह नाकाम हुई है।

भारतीय सैनिकों को डोकलाम से पीछे हटना पड़ेगा

ग्लोबल टाइम्स’ में प्रकाशित हुए एक लेख में चीन के विश्लेषक ‘ह्यू झिओंग’ ने अगले दो हफ़्तों में चीन डोकलाम में हमला करके भारतीय सेना को पीछे हटा सकता है’, ऐसा दावा किया था। उसके बाद ‘पीएलए’ के कर्नल ली ली ने भी भारत को संघर्ष टालना हो तो सेना को पीछे हटाना होगा, ऐसा इशारा दिया हैं। साथ ही भारत ने चीन के भूभाग में घुसपैठ की है, ऐसा कहकर चीन के सैनिक इस बात को बर्दाश्त नहीं करेंगे, ऐसा कर्नल ली ली का कहना है। तो दूसरी तरफ चीन भारतीय माध्यमों के प्रतिनिधियों के सामने अपना पक्ष रखते हुए, समझाने की कोशिश कर रहा है कि, भारतीय सैनिकों की आक्रामकता ही इस विवाद का कारण है।

इस विवाद में पहले से ही आक्रामक रवैया अपनाकर भारत को सीधे सीधे युद्ध की धमकी देने की वजह से, चीन खुद दुविधा में फ़ॅंस गया है। डोकलाम विवाद में भारत इतना मजबूत रवैया नहीं अपनाएगा, इस गलतफैमी की वजह से इस समय चीन को भारत ने जकड रखा है, ऐसा दावा भारतीय विश्लेषक कर रहे हैं, इसी कारण भले ही चीन भारत को हर रोज धमकी दे रहा हो, लेकिन चीन भारत के साथ युद्ध करने का साहस नहीं करेगा, ऐसा भारतीय विश्लेषकों का कहना है। चीन की सरकारी मीडिया पर भी चीन ने भारत पर सेना की कार्रवाई की तो भारत किस तरह से इसका जवाब देगा, इस पर चर्चा शुरू है। मलाक्का की खाड़ी से चीन का व्यापारी परिवहन होता है। यह पूरा इलाका भारतीय नौसेना के वर्चस्व के नीचे है, जिससे किसी भी समय पर भारत यहाँ का व्यापारी परिवहन बंद करके चीन को घेर सकता है, ऐसा कुछ चीनी विश्लेषकों का कहना है।

डोकलाम में चीन ने सेना की कार्रवाई की तो भारत मलाक्का की खाड़ी में चीन का व्यापारी परिवहन अवश्य रोकेगा, इस संभावना को चीन के विश्लेषक मान्य कर रहे हैं। लेकिन ऐसा हुआ तो यह चीन के खिलाफ व्यापक युद्ध की घोषणा होगी, इस बात की तरफ चीनी विश्लेषक ध्यान खींच रहे हैं। एक ही समय पर ईस्ट चाइना सी, साउथ चाइना सी, ताइवान और हांगकांग विवाद में गिरे चीन को भारत के साथ मोर्चा खोलना मुनासिब नहीं होगा, ऐसा अमेरिकी सामरिक विश्लेषक कह रहे हैं।

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