रियायती दर में रशिया ने दिया ईंधन प्रस्ताव का भारत ने किया स्वीकार

india-accepts-russia-oil-2नई दिल्ली – अमरीका ने रशिया के ईंधन निर्यात को लक्ष्य करनेवाले सख्त निर्णय घोषित करने के बाद रशिया ने विश्‍वस्त मित्रदेश भारत को सस्ते दाम में ईंधन प्रदान करने का प्रस्ताव दिया था| अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में ईंधन के दरों में भारी उछाल आने के बाद भारत इस प्रस्ताव को स्वीकारने के सोच में होने की खबरें प्राप्त हुईं थी| पर, भारत की सबसे बड़ी ईंधन कंपनी ‘इंडियन ऑईल कार्पोरेशन’ (आईओसी) ने रशिया से तकरीबन ३० लाख बैरल्स ईंधन तेल खरीदने की जानकारी सूत्रों ने प्रदान की है| इसकी खबरें प्राप्त होने के बीच में भी भारत और रशिया का यह कारोबार अमरिकी प्रतिबंधों के दायरे में नहीं है, यह अमरीका ने कहा| लेकिन, इतिहास में यह दर्ज़ होगा, यह इशारा अमरीका ने भारत को दिया है|

कुछ दिन पहले अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने घोषित किया था कि, अमरीका आगे से रशिया से ईंधन नहीं खरीदेगी| अन्य देश भी रशियन ईंधन के बारे में यही निर्णय करें, यह हमारी उम्मीद होने का बयान बायडेन ने किया था| इसकी वजह से रशियन अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुँचेगा, यह विश्‍वास उन्होंने व्यक्त किया था| लेकिन, ईंधन के लिए रशिया पर निर्भर देशों को यकायक ऐसा निर्णय करना मुमकिन नहीं होगा, हमें इसका अहसास है, ऐसा बयान अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने किया था|

india-accepts-russia-oil-1अमरीका के बाद ब्रिटेन एवं अन्य कुछ मित्रदेशों ने भी रशिया से ईंधन निर्यात को लक्ष्य करनेवाले निर्णय किए| ईंधन निर्यात पर निर्भर रशियन अर्थव्यवस्था पर इसका भीषण असर पड़ सकता है| इस पृष्ठभूमि पर रशिया ने भारत को रियायती दर में ईंधन देने का प्रस्ताव दिया था| इसके अलावा, रशिया के ईंधन क्षेत्र में निवेश करके भारत ईंधन की आपूर्ति सुनिश्‍चित करे, यह प्रस्ताव भी रशिया ने दिया है| रशिया के इस प्रस्ताव पर भारत सोच रहा है, यह बात केंद्रीय ईंधनमंत्री हरदीप सिंह पुरी ने राज्यसभा में स्पष्ट की थी|

इसी बीच, आईओसी ने रशिया से प्रतिबैरल २० से २५ डॉलर्स के रियायती दर से तकरीबन ३० लाख बैरल्स ईंधन खरीदा है, ऐसा सूत्रों का कहना है| ज़रूरत का ८५ प्रतिशत ईंधन आयात करने वाला भारत अपने ईंधन की ज़रूरत के लिए किसी को परवाह किए बिना निर्णय कर सकता है, ऐसा विश्‍लेषक कह रहे हैं|

भारत और रशिया के इस कारोबार पर हमारी बारीक नज़र होने का संदेश अमरीका ने दिया है| अमरीका के वाईट हाऊस की माध्यम सचिव जेन साकी ने वार्तापरिषद में भारत और रशिया का यह ईंधन कारोबार अमरिकी प्रतिबंधों के दायरे में ना होने की बात कही है| लेकिन, दूसरे देश पर हमला करनेवाली रशिया से रियायती दर में भारत द्वारा ईंधन खरीदने की बात इतिहास में दर्ज़ होगी, ऐसा कहकर भारत का यह निर्णय गलत होने के संकेत जेन साकी ने दिए हैं| इतिहास नहीं बल्कि अमरीका भारत के इस निर्णय की बात दर्ज़ कर रही है और इसके परिणाम हो सकते हैं, ऐसा साकी को भारत से कहना है|

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