भारत-रशिया ईंधन कारोबार पर राजनीति ना करें – पश्‍चिमी देशों से भारत की गुहार

नई दिल्ली – रशिया से भारत काफी कम मात्रा में ईंधन खरीद रहा हैं| लेकिन इस वजह से इस कारोबार पर कोई भी राजनीति ना करें, ऐसी गुहार भारत ने लगायी है| साथ ही, भारत ने यकायक रशिया से ईंधन खरीद बंद की, तो इससे ईंधन की कीमत अधिक बढ़ने की संभावना होने की चेतावनी भारत ने दी| साथ ही, रशिया भारत को ७० डॉलर्स प्रति बैरल से भी कम कीमत से ईंधन की सप्लाई करें, इसके लिए भारत बातचीत कर रहा है, ऐसीं खबरें भी प्राप्त हो रही हैं|

russia-oil-europe-2अमरीका और कुछ यूरोपिय देशों ने, रशिया और भारत के ईंधन कारोबार को लेकर नाराज़गी जतायी थी| रशिया से ईंधन खरीदना भारत के हित में नहीं होगा, ऐसी चेतावनी अमरिकी नेता दे रहे हैं| लेकिन, रशिया से भारत एक महीने में जितना ईंधन खरीदता है, उतना ईंधन यूरोपिय देश आधे दिन में रशिया से खरीदते हैं, इसपर भारत ने ध्यान आकर्षित किया था| इसी कारण भारत पर इस मुद्दे पर अधिक दबाव बनाना अमरीका के लिए कठिन हुआ था| लेकिन, अब यूरोपिय देशों ने रशिया से ईंधन खरीद धीरे धीरे बंद करने का ऐलान किया है| इसके बाद अमरीका भारत-रशिया ईंधन कारोबार के मुद्दे पर फिर से भारत पर दबाव बनाने की गहरी संभावना है| इस दौरान अमरीका को यूरोपिय देशों का साथ मिल सकता हैं|

ऐसी स्थिति में भारत ने फिर एक बार रशिया के साथ जारी अपने ईंधन कारोबार का समर्थन किया| भारत की ईंधन की ज़रूरत प्रति दिन करीबन ५० लाख बैरल्स है| हर वर्ष भारत में २५ करोड़ टन ईंधन तेल पर प्रक्रिया होती है| ऐसी स्थिति में यूक्रैन का युद्ध शुरू होने के बाद भारत ने रशिया से मात्र चार करोड़ बैरल्स ईंधन की ही खरीद की| भारत के कुल ईंधन कारोबार की तुलना में इसकी मात्रा काफी कम हैं| लेकिन, देश की ईंधन सुरक्षा के लिए आवश्यक निर्णय करने के लिए भारत मज़बूर है, इसका अहसास भारत ने कराया है|

‘प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो’ (पीआईबी) ने यह जानकारी साझा की| इसी बीच, भारत ने रशिया के ईंधन की खरीद अगर यकायक बंद की, तो इससे ईंधन की कीमतें अधिक बढ़ेंगी, इसपर भी भारत ने ध्यान आकर्षित किया| ईंधन की कीमत फिलहाल प्रति बैरल १०५ डॉलर्स है, ऐसे में अगर उसमें नया उछाल आया, तो क्या उसे विश्‍व बर्दाश्त कर सकेगा, ऐसा सवाल भारत ने किया दिख रहा है|

रशिया ने रियायती कीमत में भारत को ईंधन प्रदान करने का प्रस्ताव दिया था| लेकिन, रशियन ईंधन की कीमत ७० डॉलर्स से कम रहें, इसके लिए भारत जोर दे रहा है, ऐसीं खबरें भी प्राप्त हो रही हैं|

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