अमरिका-ईरान विवाद का हल निकालने के लिए भारत मध्यस्थता करें – ईरान का निवेदन

नई दिल्ली – तीन दिनों की यात्रा पूरी करके ईरान के विदेशमंत्री जावेद झरिफ स्वदेश पहुंचे है| इसी दौरान झरिफ ने और एक बार ध्यान आकर्षित करनेवाला बयान किया है| अमरिका और ईरान की बातचीत शुरू करने के लिए भारत काफी अहम भूमिका निभा सकता है, यह बयान विदेशमंत्री झरिफ ने किया है| साथ ही ईरान के छाबहार बंदरगाह से अफगानिस्तान तक रेल सेवा शुरू करने के लिए ईरान को भारत की सहायता की आवश्यकता रहेगी, यह कहकर जावेद झरिफ ने इस निर्माण कार्य के लिए भारत से निवेदन किया है|

नई दिल्ली में आयोजित रायसेना डायलॉगके लिए ईरान के विदेशमंत्री भारत पहुंचे थे| जनरल कासेम सुलेमानी को अमरिका ने मारने के बाद पहली बार ईरान के विदेशमंत्री अंतरराष्ट्रीय व्यासपीठ पर देखे गए| पर फिर भी वह इस दौरान आक्रामकता दिखाने से दूर रहे| बल्कि ईरान और अमरिका के बिच बने विवाद का हल निकालने के लिए भारत काफी बडा योगदान दे सकता है, यह कहकर झरिफ ने भारत से निवेदन किया| अपनी भारत यात्रा पूरी करके लौटते समय भी उन्होंने अमरिका-ईरान विवाद का हल निकालने के लिए भारत से निवेदन किया|

भारत यह ईरान का नजदिकी मित्रदेश है और भारत के अमरिका के साथ भी अच्छे संबंध है| इस वजह से अमरिका और ईरान विवाद का हल निकालने के लिए भारत अहम भूमिका निभा सकता है, यह बात झरिफ ने स्पष्ट की| साथ ही भारत आगे भी ईरान से ईंधन की खरीद करता रहेगा, यह उम्मीद भी उन्होंने इस दौरान व्यक्त की| अमरिका ने ईरान पर प्रतिबंध लगाने के बाद ईरान से हो रही ईंधन की खरीद कम करने के लिए भारत विवश हुआ था| इस पर ईरान ने नाराजगी व्यक्त करने के बावजूद भारत जैसे देश से यह उम्मीद ना होने की बात ईरान ने दर्ज की थी|

पर, भारत अभी भी ईरान से काफी मात्रा में ईंधन की खरीद कर रहा है, सिर्फ इस कारोबार का बयान खुले तौर पर नही किया जाता, यह दावा कुछ विश्‍लेषक कर रहे है| इसपर अधिकृत स्तर से पुष्टी नही हो रही है, फिर भी भारत ईंधन की खरीद में कमी करने के बावजूद ईरान के साथ अच्छे संबंध रखने में कामयाब हुआ दिख रहा है| इसी बीच अमरिका ने अपने प्रतिबंधों के दायरे से ईरान के छाबहार बंदरगाह की विकास परियोजना को अलग करने से भारत-ईरान संबंधों पर काफी बडा सकारात्मक असर हुआ है|

यही धागा पकडकर ईरान के विदेशमंत्री ने भारत को अमरिका पर बना अपना प्रभाव इस्तेमाल करने का निवेदन किया हुआ दिखाई दे रहा है| साथ ही छाबहार बंदरगाह की विकास परियोजना के लिए ईरान को भारत की सहायता आवश्यक रहेगी, यह भी ईरान के विदेशमंत्री ने बयान किया है|

छाबहार से अफगानिस्तान तक रेल सेवा विकसित करनी होगी| ईरान ने अपनी रेल सेवा विकसित की है, इस में सच्चाई है| पर, छाबहार से अफगानिस्तान तक रेल सेवा विकसित करना ईरान को भारत के सहयोग के बिना मुमकिन नही होगा, यह भी विदेशमंत्री झरिफ ने कहा है|

अमरिका ने छाबहार बंदरगाह अपने प्रतिबंधों से दूर करके सहुलियत प्रदान की है, फिर भी ईरान पर अमरिका ने लगाए प्रतिबंधों का झटका भारत-ईरान व्यापार को लग रहा है, ऐसी आलोचना झरिफ ने की है| पर, भारत इससे मार्ग निकाल सकता है यह विश्‍वास व्यक्त करके झरिफ ने भारत को मध्यस्थता करने का निवेदन किया है| एक ओर ईरान और अमरिका एक दुसरें के विरोध में कडी भाषा का प्रयोग कर रहे है| वही, दुसरी ओर राजनयिक बातचीत के दरवाजे खुले रखने के लिए आवश्यक गतिविधियां दोनों देश करते दिख रहे है| इसी पृष्ठभूमि पर ईरान ने भारत को मध्यस्थता करने के लिए निवेदन करना सूचक साबित होता है|

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