कश्मीर में चरमपंथियों को प्रभाव रोकने के लिए जनरल रावत ने रखे प्रस्ताव का केंद्रीय गृहराज्यमंत्री ने किया समर्थन

नई दिल्ली – कश्मीर में छोटे बच्चे चरमपंथियों के प्रभाव में आ रहे है, यह कहकर रक्षादलप्रमुख जनरल बिपीन रावत ने चिंता जताई थी| इस समस्या से रास्ता निकालने के लिए १० से १२ वर्ष के कश्मीरी बच्चों कों चरमपंथ के विरोध में शिक्षा प्रदान करनी होगी और इसके लिए अलग कैम्प की जरूरत है, यह दावा जनरल रावत ने किया था| इसकी गुंज सुनाई दे रही है और पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भारतीय रक्षादलप्रमुख के बयान पर आलोचना की है| पर, भारत के केंद्रीय गृहराज्यमंत्री जी.किशन रेड्डी ने जनरल रावत के प्रस्ताव में कुछ भी गलत नही है, यह स्पष्ट किया है|

रायसेना डायलॉग में बोलते समय जनरल रावत ने कश्मीरी युवावर्ग पर चरमपंथियों का प्रभाव बनने के मुद्दे पर चिंता जताई थी| इस प्रभाव के कारण युवावर्ग हिंसक प्रदर्शनों में शामिल हो रहा है| इस दौरान सेना ने की कार्रवाई पर आलोचना होती है| पैलेट गन्स के कारण होनेवाली जख्मों के लिए सेना को लक्ष्य किया जाता है| पर, इसकी जिम्मेदारी सेना पर नही डाली जा सकती| इसके बजाए कश्मीरी युवाओं पर बना चरमपंथियों का प्रभाव करना अधिक उचित साबित होगा, यह दावा जनरल रावत ने किया था|

इसके लिए कैम्प की जरूरत होने की बात जनरल रावत ने कही?थी| कश्मीरी युवावर्ग को हिंसक प्रदर्शन करने के लिए हमेशा बढावा देनेवाला पाकिस्तान जनरल रावत के प्रस्ताव का पुरे एहसास से गलत मतलब बयान कर रहा है|

इनका प्रस्ताव भारत की मानसिकता दिखा रहा है, यह बयान पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने किया है| साथ ही जनरल रावत ने फायनान्शिअल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के जरिए पाकिस्तान पर कडी कार्रवाई करने की मांग की थी| इस पर भी पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कडी आपत्ति जताई है| ‘एफएटीएफकी कार्रवाई पर भारत राजनीति कर रहा है, यह बात जनरल रावत के बयान से स्पष्ट हुई है यह दावा भी पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने किया है| भारत के इस दुष्प्रचार को ल ेकर पाकिस्तान ने हमेशा ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अलर्ट किया था, यह बात भी पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के निवेदन में दर्ज की गई है|

इसी बीच, केंद्रीय गृहराज्यमंत्री जी.किशन रेड्डी ने जनरल रावत के प्रस्ताव का समर्थन किया| कश्मीरी युवावर्ग पर बना चरमपंथियों का प्रभाव हटाने के लिए जनरल रावत ने रखे प्रस्ताव में कुछ भी गलत नही है| उन्होंने रखा विकल्प जरा भी नया नही है| इससे पहले भी ऐसे प्रयोग हुए है, इस ओर रेड्डी ने ध्यान आकर्षित किया| भारतीय सेना ने कश्मीर में चरमपंथियों का प्रभाव होनेवाले क्षेत्र में भी स्वास्थ्य सेवा प्रदान की है और वहां के छात्राओं को शिक्षा संबंधी मार्गदर्शन एवं उनकी सहायता भी की है, इस बात पर रेड्डी ने ध्यान आकर्षित किया|

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