पाकिस्तान आतंकियों पर कडी कार्रवाई करे – भारत और अमरिका का इशारा

वॉशिंगटन – पाकिस्तान पीछे हटे बिना दहशतगर्दों पर सही मायने में और यकिनन कार्रवाई करे, यह इशारा देकर अमरिका और भारत ने पाकिस्तान पर बना दबाव और भी बढाया है| संयुक्त राष्ट्रसंघ ने अपने सदस्य देशों को दहशतगर्दों की सहायता करनेवालों पर कडी कार्रवाई करने की सूचना देने के लिए संबंधी प्रस्ताव हाल ही में मंजूर किया था| इसके साथ ही भारत और अमरिका ने संयुक्त निवेदन प्रसिद्ध करके पाकिस्तान दहशतगर्दों पर कार्रवाई करे, यह उम्मीद व्यक्त की| साथ ही भारत ने अपनी राजनयिक क्षमता का उपयोग करके पाकिस्तान के विरोध में आक्रामक मुहीम छेड रखी है और अमरिका भी भारत का साथ दे रही है, यह चिंता पाकिस्तान में व्यक्त की जा रही है| इस वजह से अगले कुछ महीनों में ‘फायनान्शिअल एक्शन टास्क फोर्स’ (एफएटीएफ) की ‘ब्लैक लिस्ट’ में अपने देश का नाम शामिल होगा, यह डर पाकिस्तान सरकार को सता रहा है|

संयुक्त राष्ट्रसंघ ने दहशतगर्दों को आर्थिक एवं अन्य प्रकार की सहायता करनेवालों पर कडी कार्रवाई करने की सूचना पूर्ण सहमती से मंजूर किया| उसके बाद अमरिका के विदेश मंत्रालय के आतंकवाद विरोधी विभाग के विशेष दूत नॅथन सेल्स एवं भारत के विदेश विभाग के सहसचिव महावीर सिंघवी इनकी बातचीत हुई| इस दौरान दोनों देशों के प्रतिनिधि मंडल के सदस्य उपस्थित थे| आतंकवाद विरोधी युद्ध में अमरिका भारत के पक्ष में खडी होने का भरोसा इस दौरान नॅथन सेल्स इन्होंने दिया| साथ ही दोनों देशों ने इस अवसर पर प्रसिद्ध किए प्रतिनिधि मंडल में पाकिस्तान पीछे हटे बिना आतंकियों के विरोध में यकिनन कार्रवाई करें, यह मांग की गई| इसके पहले भी लगभग इन्हीं शब्दों में अमरिकी विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के समक्ष आतंकियों पर कडी कार्रवाई करने की मांग रखी थी|

संयुक्त राष्ट्रसंघ ने आतंकवाद के विरोध में मंजूर किया प्रस्ताव और भारत एवं अमरिका से बढ रहे दबाव की पृष्ठभूमि पर पाकिस्तान की चिंता बढ रही है| संयुक्त राष्ट्रसंघ एवं सुरक्षा परिषद आतंकवाद के विरोध में भूमिका अपनाते समय इससे राजनीति कम करे, यह मांग पाकिस्तान के राजदूत कर रहे है|

चीन ने भी यही भाषा का इस्तेमाल किया है और मसूद अजहर के विरोध में सुरक्षा परिषद में नया प्रस्ताव रखने की तैयारी में होनेवाली अमरिका को चेतावनी दी है| लेकिन, फिलहाल पाकिस्तान में ही अजहर का बचाव करना है या पाकिस्तान का बचाव करना है, इस मुद्दे पर चर्चा शुरू हुई है| मसूद अजहर यह आंतरराष्ट्रीय दहशतदर्ग है और उसका पालन पाकिस्तान तर रहा है, यह संदेशा भारत ने सफलता से पुरी दुनिया में पहुंचाया है| इस वजह से भारत को प्राप्त हो रहे समर्थन में भी बढोतरी हो रही है और चीन एवं कुछ तादाद में तुर्की का अपवाद है, लेकिन इनके अलावा अन्य कोई भी देश पाकिस्तान के पक्ष में खडा नही है, इस ओर पाकिस्तान के विश्‍लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे है|

ऐसे में ही दहशतगर्दों को पैसों की आपुर्ति करनेवालों के विरोध में पाकिस्तान ने की कार्रवाई संतोषजनक नही है, यह फटकार ‘एफएटीएफ’ के दल ने लगाई है| इस वजह से पाकिस्तान ‘एफएटीएफ’ के ‘ग्रे लिस्ट’ से बाहर निकलने की संभावना खतम हुई है| साथ ही इस संगठन की ‘ब्लैक लिस्ट’ में जल्द ही पाकिस्तान का समावेश होने के आसार दिख रहे है| ऐसा हुआ तो अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से आर्थिक सहायता प्राप्त करने का मार्ग बंद होगा और पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था तबाह होगी, यह चेतावनी पाकिस्तानी अर्थशास्त्री दे रहे है| इसी लिए आतंकियों का पुरस्कार करना बंद करे और अंतराराष्ट्रीय समुदाय को मंजूर हो, ऐसी कडी कार्रवाई करके अपनी अर्थव्यवस्था की रक्षा करे, यह बिनती यह अर्थतज्ञ प्रधानमंत्री इम्रान खान के समक्ष रख रहे है| लेकिन, इस समय आतंकियों के विरोध में वास्तविक कार्रवाई किए बिना सिर्फ कार्रवाई करने की नौटंकी करके पाकिस्तान को अब धूलफेक करना मुमकिन नही होगा, इसका एहसास अर्थतज्ञ एवं विश्‍लेषक दिला रहे है|

ऐसी स्थिति में भारत और अमरिका ने संयुक्त निवेदन प्रसिद्ध करके पाकिस्तान पर बना दबाव और भी बढाया दिख रहा है|

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