फ्रान्स उन्नत सैन्य प्रौद्योगिकी का विकास करने में भारत की सहायता करेगा

पैरिस – फ्रान्स ने भारत को उन्नत सैनिक प्रोद्योगिकी की आपूर्ति एवं विकास में सहायता करने का वादा किया है। भारत और फ्रान्स की ३५ वीं रणनीतिक चर्चा के लिए फ्रान्स का दौरा कर रहे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल ने फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष के राजनीतिक सलाहकार इमैन्युएल बोन से चर्चा की। इसके अलावा, डोवल ने फ्रान्स के रक्षामंत्री फ्लोरेन्स पार्ली और विदेशमंत्री जीन य्वेस ली द्रियान से भी मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों के बीच समुद्री सुरक्षा से संबंधित सहयोग अधिक मज़बूत करने का निर्णय हुआ। साथ ही अफ़गानिस्तान एवं अन्य अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी गहराई से चर्चा हुई।

उन्नत सैन्य प्रौद्योगिकीराष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल की अध्यक्षता में भारतीय शिष्टमंड़ल फ्रान्स का दौरा कर रहा है। इस दौरान फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन के सलाहकार इमैन्युएल बोन की अध्यक्षता के शिष्टमंड़ल से विभिन्न मुद्दो पर चर्चा हुई। समुद्री सुरक्षा, गोपनीय जानकारी का आदान-प्रदान, अंतरिक्ष एवं सायबर क्षेत्र के सहयोग जैसे प्रमुख क्षेत्र के सहयोग अधिक विस्तृत करने पर इस दौरान जोर दिया गया। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के समान हित, मुक्त यातायात के मुद्दे पर भी इस दौरान चर्चा हुई। फ्रान्स की इंडो-पैसिफिक नीति का भारत प्रमुख आधार होने की बात फ्रान्स ने इस दौरान स्पष्ट की। फ्रान्स के राजदूत इमैन्युएल लैनिअन ने इससे संबंधित जानकारी साझा की। साथ ही दोनों देशों का यह सहयोग हर तरफ से अधिक मज़बूत हो रहा है, यह बयान भी उन्होंने किया। बहुध्रुवियता, बहुपक्षियता, लोकतांत्रिक मूल्य ही इन दोनों देशों के विश्‍वास और सहयोग का आधार होने की बात लैनिअन ने रेखांकित की।

इस दौरान फ्रान्स ने भारत को सैन्य प्रोद्योगिकी का विकास करने के लिए सभी तरह की सहायता प्रदान करने का वादा किया, यह वृत्त है। प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए भी फ्रान्स उत्सुक है। समुद्री, हवाई एवं भू सुरक्षा से जुड़े सैन्य प्रौद्योगिकी समेत सायबर सुरक्षा की तकनीक के क्षेत्र में भी भारत के साथ सहयोग करने की तैयारी फ्रान्स ने दिखाने की बात सामने आ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आत्मनिर्भर भारत नीति को फ्रान्स ने पूरा समर्थन दिया है और इसके तहत रक्षा संबंधी औद्योगीकरण, संयुक्त अनुसंधान और प्रौद्योगिकी के विकास के लिए सहायता का वादा फ्रान्स ने किया है, ऐसा भारतीय दूतावास ने कहा।

इसी बीच, अन्य वैश्‍विक मुद्दों पर भी इस दौरान बातचीत हुई। इसमें अफ़गानिस्तान का विषय प्रमुख रहा। भारत लगातार अफ़गानिस्तान के मुद्दे पर विश्‍व के प्रमुख देशों से संवाद कर रहा है। यूरोपियन महासंघ के प्रमुख देश फ्रान्स के साथ यह चर्चा भारत ने इसी मुद्दे पर हुई बैठक से पहले हुई है। भारत ने १० नवंबर के दिन अफ़गानिस्तान के मुद्दे पर बैठक का आयोजन किया है। इसके लिए पाकिस्तान को भी आमंत्रित किया गया था। लेकिन, पाकिस्तान ने भारत की आयोजित इस चर्चा में शामिल होने से इन्कार किया है। पर ईरान, रशिया और मध्य एशिया के अन्य सभी देशों ने इस चर्चा में शामिल होने की बात स्पष्ट की है। इस पृष्ठभूमि पर फ्रान्स के साथ हुई इस चर्चा को अहमियत प्राप्त हुई है।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रोन की हाल ही में ‘जी-२०’ की बैठक के दौरान मुलाकात हुई थी। इस दौरान दोनों ने विभिन्न द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की थी। इनमें इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के सहयोग एवं लष्करी सहयोग का मुद्दा भी शामिल था। भारत-फ्रान्स की शनिवार के दिन हुई रणनीतिक चर्चा दोनों देशों के प्रमुखों के निर्णयों को आगे बढ़ानेवाली होने की बात कही जा रही है।

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