भारत-फ्रान्स रक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए नए उपक्रम चलाएगा – रक्षा बलों की संयुक्त रक्षा बलों की संयुक्त बैठक में दिलाया यकीन

पैरिस – रशिया-युक्रेन युद्ध के चलते जागतिक समीकरण बदलने के संकेत मिल रहे हैं, ऐसे में भारत और फ्रान्स ने आपस में रक्षा सहयोग अधिक मजबूत करने की घोषणा की है। पैरिस में दोनों देशों के रक्षा बलों के अधिकारियों में संपन्न हुई बैठक में, रक्षा सहयोग बढ़ाने हेतु नये उपक्रम हाथ में लेने पर एकमत हुआ है। इस साल फरवरी महीने में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने फ्रान्स के रक्षा मंत्री से मुलाकात करके चर्चा की थी। इस पृष्ठभूमि पर रक्षा बलों की संयुक्त बैठक अहम मानी जाती है।

रक्षा सहयोगभारत और फ्रान्स में बढ़ते सहयोग को चीन की वर्चस्ववादी हरकतों की पृष्ठभूमि है। फ्रान्स हालाँकि युरोपीय देश है, फिर भी फ्रान्स के द्वीप इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में हैं। इस पर फ्रेंच नागरिकों की बस्ती होकर उनकी सुरक्षा को तथा इस क्षेत्र में होने वाले अपने हित संबंधों की सुरक्षा को भी फ्रान्स प्राथमिकता दे रहा है। इसीलिए इस क्षेत्र में अहम देश होने वाले भारत से सहयोग करने के लिए फ्रान्स ने पहल की है। पिछले साल सितंबर महीने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमॅन्युअल मॅक्रॉन के बीच द्विपक्षीय सहयोग पर गहराई से चर्चा हुई थी।

भारत ने फ्रान्स के साथ रफायएल लड़ाकू विमानों के लिए समझौता किया होकर, नौसेना तथा थल सेना के लिए भी फ्रान्स से हथियार की खरीद करने के संकेत दिए हैं। उसी समय संयुक्त नौसेना अभ्यास तथा अन्य उपकरणों के माध्यम से दोनों देश आपस में रक्षा विषयक सहयोग बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। इस बात को मद्देनज़र रखते हुए पैरिस की बैठक में दोनों देशों के अधिकारियों ने नए रक्षा उपक्रमों के बारे में चर्चा की। ‘बैठक मित्रतापूर्ण वातावरण में हुई। दोनों देशों ने रक्षा सहयोग अधिक मज़बूत करने पर संवाद हुआ’, ऐसी जानकारी भारत के रक्षा मंत्रालय द्वारा दी गई है।

अमरीका ने दबाव डालकर, ऑस्ट्रेलिया ने फ्रान्स को दिया पनडुब्बियों का कॉन्ट्रैक्ट अपनी ओर खींच लिया था। इससे फ्रान्स के अमरीका के साथ संबंध बिगड़ गए हैं। उसी समय फ्रान्स रशिया के विरोध में जाने के लिए तैयार ना होने के कारण अमरीका फ्रान्स से नाराज़ है। इसी वजह से अमरीका भारत को भी चेतावनियाँ दे रही है। इस कारण भारत और फ्रान्स के सहयोग का महत्त्व अधिक ही बढ़ा है।

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