भारत फ्रान्स से अधिक राफेल विमान खरीदेगा – अमरीका के हॉर्नेट के मुकाबले में राफेल की जीत होने का माध्यमों का दावा

नई दिल्ली – विमान वाहक युद्धपोत ‘आईएनएस विक्रांत’ पर तैनात करने के लिए अमरीका के ‘एफ-१८ हॉर्नेट’ और फ्रान्स के ‘रफायल’ विमानों का विकल्प भारत के सामने था। इस मुकाबले में ‘रफायन’ ने जीत हासिल करने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। माध्यमों में इसकी चर्चा शुरू हुई है। ऐसे में वायु सेना और नौसेना के लिए जल्द ही ८४ राफेल विमान प्रदान करने की ऑर्डर फ्रान्स को दी जाएगी, ऐसे दावे हो रहे हैं। इनमें से ५७ विमान वायुसेना और २७ विमानों की खरीद नौसेना के लिए होगी, ऐसी चर्चा है। भारत ने अपनी वायु सेना के लिए पहले ही ३६ राफेल विमान खरीदे हैं।

अमरीका की बोईंग कंपनी का ‘एफ-१८ हॉर्नेट’ और फ्रान्स की दसॉल्ट कंपनी के ‘रफायल’ विमान के बीच भारत से यह ठेका पाने का मुकाबला हो रहा था। भारत ने इन दोनों विमानों के परीक्षण भी किए थे। लेकिन, ४५ हज़ार टन भार की ‘आईएनएस विक्रांत’ पर तैनात करने के लिए ‘राफेल’ विमान अधिक प्रभावी साबित होंगे, इस अनुमान तक भारतीय नौसेना पहुँची, यह दावा किया जा रहा हैं। इसकी अधिकृत स्तर पर अभी पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन, भारतीय विमान वाहक युद्धपोत के डेढ़ गुना या दोगुने आकार के अमरिकी युद्धपोत पर तैनात करने के विचार से ‘एफ-१८ हॉर्नेट’ का निर्माण किया गया है। इस वजह से  राफेल  लड़ाकू विमान ‘आईएनएस विक्रांत’ के लिए अधिक उपयुक्त साबित होंगे, ऐसा नौसेना ने रक्षा मंत्रालय को सुचित किया है, यह दावा हो रहा है।

भारतीय वायुसेना में पहले से ३६  राफेल विमान तैनात हैं। आनेवाले दिनों में भारत फ्रान्स से और ८४  राफेल खरीदेगा और इनमें से २७ विमान नौसेना को और ५७ विमान वायु सेना के लिए होंगे, यह दावा किया जा रहा हैं। रफायल के लिए इतनी बड़ी मात्रा में भारत से ऑर्डर प्राप्त होने के बाद फ्रान्स इन विमानों का निर्माण प्रकल्प भारत में स्थापीत कर सेगा।

साथ ही इनके रखरखाव के लिए भारत में ही स्वतंत्र व्यवस्था करना फ्रान्स के लिए उपयुक्त हो सकता है। साथ ही फ्रान्स इन विमानों की तकनीक भी भारत को प्रदान करे और इससे दोनों देशों के रणनीतिक सहयोग को नई उंचाई प्राप्त होगी, ऐसे स्पष्ट संकेत भी प्राप्त हो रहे हैं।

फ्रान्स के रक्षा मंत्री सैबेस्टिन लिकोर्नो पिछले महीने में ही भारत आए थे और उन्होंने मुंबई तट पर ‘आईएनएस विक्रांत’ का निरीक्षण किया था। इस दौरान फ्रान्स के रक्षा मंत्री ने भारत के इस विमान वाहक युद्धपोत की काफी सराहना भी की थी। यह भारत-फ्रान्स कारोबार की पूर्व तैयारी होने की बात अब सामने आयी है। इसी बीच भारतीय नौसेना को ५७ नए लड़ाकू विमानों की आवश्यकता होने का मुद्दा साल २०१७ में नौसेना ने बनाई रपट में दर्ज़ था। लेकिन, भारत स्वयं ही ‘ट्विन इंजन डेक बेस फायटर टेड-बीएफ’ विकसित कर रहा हैं और आने वाले समय में नौसेना के विमान वाहक युद्धपोत को इसकी आपूर्ति हो सकती है। इसके मद्देनज़र नौसेना ने ५७ लड़ाकू विमानों की मांग २७ कर दी थी।

मराठी

Leave a Reply

Your email address will not be published.