युक्रेन के मुद्दे पर भारत और चीन का एकमत – विदेशमंत्री एस. जयशंकर

वॉशिंग्टन – रशिया-युक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए राजनीतिक स्तर पर चर्चा यह एकमात्र मार्ग है, इस पर भारत और चीन का एकमत हुआ है। युक्रेन में युद्ध भड़का है, ऐसे में रशिया के विरोध में भूमिका ना अपनाने के कारण अमरीका भारत को लक्ष्य कर रही है। ऐसी परिस्थिति में चीन भी भारत की तरह ही रशिया के विरोध में जाना टाल रहा है इस बात पर इसके जरिए विदेश मंत्री जयशंकर ने गौर फरमाया।

युक्रेन के मुद्दे पर भारत और चीन का एकमत - विदेशमंत्री एस. जयशंकरअमेरिकन माध्यमों से बातचीत करते समय विदेश मंत्री जयशंकर ने, युक्रेन की समस्या राजकीय चर्चा द्वारा ही कल होगी, यह केवल भारत को ही नहीं, बल्कि चीन को भी लग रहा है, यह स्पष्ट किया। पिछले ही महीने में चीन के विदेश मंत्री वँग ई भारत दौरे पर आए थे। उस समय युक्रेन के युद्ध के बारे में हमारी चर्चा संपन्न हुई थी। राजकीय संवाद के द्वारा ही युक्रेन का मसला हल होगा, इस पर हमारा एकमत हुआ था, ऐसा जयशंकर ने बताया।

युक्रेन के युद्ध के संदर्भ में तटस्थता की भूमिका अपनाने वाला भारत यह एकमात्र देश नहीं है, इस बात पर इसके जरिए विदेश मंत्री जयशंकर अमरीका का गौर फरमा रहे हैं। उसी समय, भारत और चीन रशिया के संदर्भ में अपना रहे एक समान भूमिका की ओर अमरीका अलग-अलग दृष्टिकोण से देख रही है, ऐसी फटकार भी विदेश मंत्री ने इस समय लगाई। भारतीय राजनयिक और सामरिक विश्‍लेषक बहुत पहले से इस बात पर गौर फरमा रहे हैं ।

विदेश मंत्री ने पत्रकार परिषद में यह मुद्दा उपस्थित करके अमरीका की दोगले पन पर सटीकता से उंगली रखी हुई दिख रही है। बायडेन प्रशासन ने भी शुरू से ही रशिया के साथ सहयोग करने से लेकर भारत को लक्ष्य करने की नीति अपनाई है। यह बात भारत-अमरीका संबंधों के लिए उपकारी साबित नहीं होगी। भारत के अन्य देशों के साथ होनेवाले संबंध यह स्वतंत्र मुद्दा है, उसमें अमरीका की दखलअंदाज़ी भारत बर्दाश्त नहीं करेगा, यह विदेश मंत्री जयशंकर तथा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ‘टू प्लस टू’ चर्चा के उपलक्ष्य में फिर एक बार स्पष्ट किया है।

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