भारत और चीन के बीच विवाद बढ़ता जाएगा – पूर्व राजनीतिक अधिकारी की चेतावनी

नई दिल्ली – लद्दाख की एलएसी पर तनाव कम करने के लिए भारत और चीन की सेनाओं के बीच चर्चा का 16 वाँ चर्चासत्र रविवार से शुरू हो रहा है। इस चर्चा से पहले ही भारत ने ये संकेत दिए हैं कि लद्दाख की एलएसी से चीन ने अपनी सेना पीछे हटाने के सिवाय तनाव कम नहीं होगा। लेकिन चीन इस माँग को मान्य करने के लिए तैयार नहीं है। इस कारण, इस चर्चा से चीन से बहुत बड़ी उम्मीदें नहीं रखी जा सकतीं, यह पहले ही स्पष्ट हुआ है। ऐसी परिस्थिति में भारत के पूर्व राजनीतिक अधिकारी ऐसा दावा कर रहे हैं कि भारत-चीन के बीच का विवाद अगले समय में आने वाले समय में अधिक ही बढ़ेगा।

भारत और चीनसंयुक्त राष्ट्र संघ में नियुक्त भारत के पूर्व राजदूत सयेद अकबरूद्दीन ने भारत और चीन के संबंधों के विषय में अपना निष्कर्ष दर्ज किया है। ‘चीन अपनी विस्तार वादी नीति को कायम रखते हुए जागतिक व्यवस्था को मनचाहा आकार देने की कोशिश कर रहा है। चीन की ये महत्वाकांक्षाएँ ऐसे बढ़ी हैं कि तभी भारत ने भी अपनी पारंपरिक संयमी राजनैतिक नीति त्याग दी है। उसके बदले भारत ने सन 2014 से अधिक प्रभावी और महत्वाकांक्षी तथा खतरा मोल लेने की तैयारी होनेवाली नीति का स्वीकार किया है। उसी के साथ, अपने अन्य पड़ोसी देशों के साथ भारत का सहयोग, पहले कभी नहीं था इतनी भारी मात्रा में बढ़ा हुआ दिख रहा है’, ऐसा निरीक्षण अकबरूद्दीन ने दर्ज किया।

आज के दौर में अमरीका यह एकमात्र महासत्ता ना रही होकर, चीन कई मोरचों पर अमरीका को चुनौती दे रहा है। इस कारण, पहले कभी ना अनुभव की हुई परिस्थिति फिलहाल सामने आ रही है। उसी समय, चीन ने आक्रामक रवैया अपनाकर सीमा विवाद छेड़ा है। साथ ही, पाकिस्तानव्याप्त कश्मीर में बुनियादी सुविधाओं के प्रकल्प भी चीन ने हाथ में लिए हैं। इस वजह से चीन के भारत के साथ होने वाले मतभेद अधिक से अधिक बढ़ते जाएंगे और दोनों देशों के बीच की दरार बढ़ती जाएगी, ऐसा अकबरुदद्दीन ने आगे कहा।

चीन की महत्वाकांक्षा और कारनामे बढ़ते चले जा रहे हैं, ऐसे में भारत का अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव भी बढ़ रहा है। सन 2015 में संपन्न हुई भारत और अफ्रीकी देशों की परिषद का जिक्र इस समय अकबरूद्दीन ने किया। वहीं, सन 2018 के प्रजासत्ताक दिन के अवसर पर आसियान देशों के राष्ट्रप्रमुख उपस्थित थे। वहीं, हाल ही में संपन्न हुई आयटूयुटू में भी भारत की विदेश नीति में हुए बदलाव के संकेत दिखाई दिए हैं, ऐसा अकबरूद्दीन ने कहा है।

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