भारत की ‘ऐप्स पाबंदी’ पर चीन की तीव्र नाराज़गी

बीजिंग/नई दिल्ली – राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा होने का आरोप लगाकर भारत ने चीन के और ५४ नए ‘ऐप्स’ पर पाबंदी लगाई थी| इसके बाद चीन की हुवेई कंपनी पर भारतीय यंत्रणाओं ने छापे भी मारे थे| इस पर चीन ने उम्मीद के नुसार तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ की है| भारत चीनी कंपनियों के खिलाफ दमन की नीति अपना रहा है, यह आरोप चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने लगाया है| चीन की कंपनियों से भारत न्यायिक और भेदभाव रहित बर्ताव करेगा, चीन के वाणिज्य मंत्रालय को यह उम्मीद है|

china-apps-india-ban-2सोमवार को भारत ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरनाक साबित हो रहे चीन के और ५४ नए ‘ऐप्स’ पर पाबंदी लगाने का ऐलान किया था| इसके बाद बुधवार को चीन की दूरसंचार क्षेत्र की प्रमुख ‘हुवेई’ कंपनी के भारत में स्थित दफ्तरों पर छापे मारे गए| ‘हुवेई’ से पहले ‘शाओमी’ और अन्य चीनी कंपनियों को भी लक्ष्य किया गया था| ऐसे में उम्मीद के नुसार चीन से प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है|

‘चीन के साथ द्विपक्षीय आर्थिक एवं व्यापारी सहयोग की गति एवं विकास जारी रखने के लिए भारत पुख्ता कदम उठाएगा, यह उम्मीद है| चीन के अलावा अन्य सभी विदेशी निवेशकों से भारत को उचित और भेदभाव रहित बर्ताव करना पडेगा’, इन शब्दों में चीन के वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता गाओ फेंग ने अपने देश की नाराज़गी व्यक्त की| इस दौरान फेंग ने ‘हुवेई’ पर मारे गए छापों के मुद्दे पर भी भारत की आलोचना की|

china-apps-india-ban-1‘भारतीय यंत्रणा चीनी कंपनियों के खिलाफ दमन की नीति अपना रही है| चीन के लिए यह काफी चिंताजनक और गंभीर बात है’, ऐसी आलोचन फेंग ने की| चीनी माध्यमों ने भी भारत की इस कार्रवाई पर आक्रामक शब्दों में संज्ञान लिया है| भारत ने चीन के ‘ऐप्स’ पर लगाई पाबंदी भारत को ही नुकसान पहुँचाएगी, यह दावा चीन के सरकारी अखबार ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने किया है|

चीनी ऐप्स पर लगाई गई पाबंदी राजनीतिक उद्देश्यों से किया गया निर्णय होने का आरोप भी चीनी अखबार ने लगाया| ‘ऐप’ पर लगाई गई पाबंदी और चीनी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने से भारत की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुँचेगा, यह भी ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने कहा है| सन २०२० में गलवान घाटी में भारत-चीन सेना के संघर्ष के बाद भारत में तीव्र प्रतिक्रियाएँ दर्ज़ हुईं थी| भारतीय जनता एवं व्यापारियों ने चीनी उत्पादनों के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाई थी| इसके अलावा भारत सरकार ने भी आक्रामक भूमिका अपनाकर चीन के ‘ऐप्स’ पर पाबंदी लगाने का निर्णय किया था|

पिछले दो वर्षों में भारत और चीन के संबंधों में ‘एलएसी’ के मुद्दे को लेकर तनाव निर्माण हुआ है और चीन अपने वचनों का पालन नहीं करता है, यह आरोप भारत ने लगाया है| चीन की अड़ियलता पर प्रत्युत्तर देने के लिए भारत ने आर्थिक और व्यापारी स्तर पर सख्त नीति अपनाई है और इससे चीन का काफी बड़ा नुकसान होने लगा|

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