भारत और चीन के बीच ‘बफर स्टेट’ के तौर पर सरदार पटेल को स्वतंत्र तिब्बत की उम्मीद थी – रक्षाबलप्रमुख जनरल बिपीन रावत

नई दिल्ली – ‘देश के पहले गृहमंत्री सरकार पटेल दूरदर्शी नेता थे। भारत और चीन के बीच ‘बफर स्टेट’ के रूप में तिब्बत स्वतंत्र रहे, यह उम्मीद उस समय के प्रधानमंत्री पंड़ित जवाहरलाल नेहरू को खत द्वारा व्यक्त की गई थी’, इसकी याद ताज़ा करके रक्षाबलप्रमुख जनरल बिपीन रावत ने भारत की चीन संबंधी भूमिका में हो रहे ध्यान आकर्षित करनेवाले बदलाव के संकेत दिए। जब कभी भारत ने अपनी सैन्य शक्ति को अनदेखा किया, तब विदेशी ताकतों ने इसका लाभ उठाया, ऐसा कहकर रक्षाबलप्रमुख ने वर्ष १९६२ में चीन के हमले का दाखिला दिया।

‘बफर स्टेट’सरदार पटेल के स्मरण में ‘ऑल इंडिया रेडिओ’ ने आयोजित समारोह में रक्षाबलप्रमुख जनरल रावत बोल रहे थे। सरदार पटेल की दूरदर्शीता की साक्ष उन्होंने तिब्बत को लेकर किए बयान से व्यक्त हुई, ऐसा जनरल रावत ने इस दौरान कहा। भारत और चीन के बीच स्थित तिब्बत स्वतंत्र रहे, इससे भारत अधिक सुरक्षित रहेगा, ऐसा सरदार पटेल ने पंडित नेहरू को खत में कहा था। ५० के दशक में सरदार पटेल के इन विचारों की अहमियत आगे के दिनों में स्पष्ट हुई। जब कभी देश की सैन्य शक्ति को नजरअंदाज किया गया है तब-तब विदेशी ताकतों ने लाभ उठाया। वर्ष १९६२ में चीन के हुए हमलों की वजह से यह बात नए से सामने आयी’, ऐसा कहकर जनरल रावत ने चीन की विश्‍वासघाती एवं विस्तारवादी नीति की ओर ध्यान आकर्षित किया।

वर्ष १९६२ के युद्ध के बाद भी भारतीय सेना और चीन की सेना के बीच मुठभेड़ हुई। वर्ष १९६७ में सिक्कीम के नथूला पास, १९८६ में तवांग के वांगडूग, २०१७ में डोकलाम में और हाल ही में लद्दाख में भी भारत और चीन की सेनाओं का एक-दूसरे से संघर्ष हुआ था। वर्ष १९६२ में असावधान भारत पर हमला करके चीन के आत्मविश्‍वास का यह नतीजा होने की बात पर जनरल रावत ने ध्यान आकर्षित किया। इसके बाद भारतीय रक्षाबल सतर्क होने की बात कहकर देश की सुरक्षा को लेकर रक्षाबलों ने अपनाई सावधान भूमिका की जानकारी भी जनरल रावत ने साझा की।

चीन और पाकिस्तान के संभावित खतरों को लेकर भारतीय रक्षाबल काफी चौकन्ना है, यह भी जनरल रावत ने आगे कहा। चीन और पाकिस्तान को अपने क्षेत्र का विस्तार करने की महत्वाकांक्षा हैं और इसके में भारत के रक्षाबलों को चौकन्ना रहना ही होता हैं, ऐसा कहकर जनरल रावत ने चीन और पाकिस्तान को भी कड़ी चेतावनी दी। केवल भू-सीमा ही नहीं बल्कि, समुद्री क्षेत्र में भी रक्षाबलों ने सावधानी बरतनी है, ऐसा जनरल रावत ने कहा।

जनरल रावत के ध्यान आकर्षित करने वाले यह बयान सार्वजनिक हो रहे थे तभी भारतीय सेना ने पूर्व लद्दाख के क्षेत्र में विशेष युद्धाभ्यास करने की खबर प्राप्त हो रही हैं। ठंड़ शुरू होने के साथ ही ‘एलएसी’ पर अधिक समय तक रहने की तैयारी जुटाई जा रही थी तभी भारतीय सेना ने यह युद्धाभ्यास करके चीन को और एक इशारा दिया हुआ दिखता हैं। केवल लद्दाख ही नहीं, बल्कि अरुणाचल प्रदेश के ‘एलएसी’ के करीब भी भारतीय सेना युद्धाभ्यास कर रही है, यह पहले ही स्पष्ट हुआ था।

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