हज़ार बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ चीन से भारत में आने की तैयारी में

नई दिल्ली, (वृत्तसंस्था) – चीन से अपने कारखाने स्थलांतरित करने की तैयारी में होनेवालीं तक़रीबन हज़ार  बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ भारत में अपने कारखाने स्थापित करने के लिए उत्सुक हैं। इस कारण, आनेवाले समय में भारत जागतिक उत्पादन का केंद्र बन सकता है। ये कंपनियाँ विभिन्न सरकारी विभाग, विदेशस्थ भारतीय दूतावासों के ज़रिये विभिन्न स्तरों पर भारत से चर्चा कर रहीं होने की जानकारी वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने दी। साथ ही, दक्षिण कोरियास्थित भारतीय राजदूत श्रीप्रिया रंगनाथन ने भी आनेवाले कुछ महीनों में कोरियन कंपनियाँ अपने कारखाने भारत में स्थलांतरित करेंगी, ऐसा विश्वास व्यक्त किया है। 

कोरोनावायरस के बारे में बहुत कुछ छिपाया होने के आरोप चीन पर हो रहे हैं। कोरोनावायरस के संक्रमण के लिए ज़िम्मेदार होनेवाले चीन के विरोध में आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वातावरण ग़र्म हो चुका है। इसका परिणाम दुनिया के प्रमुख देशों के चीन के साथ के व्यापारी संबंधों पर होने की गहरी संभावना ज़ाहिर की जा रही है। कुछ महीने पहले, व्यापार युद्ध की पार्श्वभूमि पर, अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने अमरिकी कंपनियों को चीन से अपना बोरियाबिस्तरा बाँध निकलने की सूचनाएँ दी थीं। कोरोनावायरस की महामारी के कारण अमरीका-चीन संबंध अधिक ही बिग़ड़े होकर, आनेवाले समय में अमरिकी कंपनियाँ चीन से बाहर निकल सकतीं हैं, ऐसे दावें किये जा रहे हैं।

अमरीका के साथ जापान, दक्षिण कोरिया इन देशों ने भी चीन के साथ का व्यापारी सहयोग कम करने की तैयारी शुरू की है। दो हफ़्ते पहले ही जापान ने, चीन से बाहर निकलने के लिए इच्छुक होनेवालीं जापानी कंपनियों को २.२ अरब डॉलर्स की सहायता प्रदान की जायेगी, ऐसी घोषणा की थी। जापान की सरकार ने अपनीं कंपनियों को चीन से बाहर मिकलने के लिए प्रोत्साहन देकर चीन को बहुत बड़ा झटका दिया है। आनेवाले समय में अन्य देश भी ऐसे ही निर्णय लेंगे, ऐसा दावा किया जा रहा है। यह भारत के लिए सुअवसर होकर, इसका लाभ भारत को मिल सकता है, ऐसा भी विश्लेषकों का कहना है।

इस पार्श्वभूमि पर, १००० कंपनियाँ अपने कारखाने भारत में स्थापन करने के लिए भारत सरकार से चर्चा कर रहीं होने की ख़बर सामने आ रही है। इन कंपनियों में से लगभग ३०० कंपनियों ने अपनी योजनाएँ प्रस्तुत कीं होकर, उनके साथ विचारविनिमय चालू है, ऐसी जानकारी एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी है, ऐसा माध्यमों का कहा है। ये ३०० कंपनियाँ इलेक्ट्रॉनिक्स, मोबाईल, वैद्यकीय उपकरण, वस्त्रउद्योग क्षेत्र से जुड़ीं होने की जानकारी भी इस अधिकारी ने दी।

‘कोरोनावायरस का संकट नियंत्रण में आने के बाद भारत के लिए बहुत अच्छीं बातें घटित होंगी, ऐसी उम्मीद है। भारत वैकल्पिक जागतिक उत्पादन केंद्र के रूप में उदयित होगा। सितम्बर महीने में भारत सरकार ने कॉर्पोरेट टॅक्स में बड़ी कटौती की थी। इस टॅक्स को २५.१७ प्रतिशत तक नीचे लाया गया था; वहीं, नयीं उत्पादन कंपनियों के लिए यह टॅक्स १७ प्रतिशत किया गया था। यह टॅक्स अन्य दक्षिण एवं पूर्व एशियायी देशों की तुलना में बहुत कम है। इसका फ़ायदा भारत को मिलेगा’ ऐसा भी इस अधिकारी ने कहा है।

‘एक ही टोकरी में सारे अंड़ें रखने के अपने रवैये का दुनिया अब फेरविचार कर रही है। कई कंपनियाँ भारत में आने के लिए उत्सुक हैं’ ऐसा ‘डिपार्टमेन्ट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री अँड इंटरनल ट्रेड’ (डीपीआयआयटी) के सचिव गुरुप्रसाद मोहपात्रा ने कहा है।

इसी बीच दक्षिण कोरियास्थित भारत की राजदूत श्रीप्रिया रंगनाथन ने, कोरोना का संकट टलने पर कोरियन कंपनियाँ भारत में अपने कारखाने स्थापन करेंगी, ऐसे स्पष्ट संकेत दिये हैं। भारत के मार्केट्स् की प्रचंड माँग को देखते हुए अगले कुछ महीनों में कोरियन कंपनियाँ इसपर अमल करेंगी, ऐसा विश्वास एक न्यूज़ चॅनल को दिये इंटरव्यू के दौरान राजदूत रंगनाथन ने व्यक्त किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published.