चीन से जैविक खाद की खरीद करने से इन्कार कर रही श्रीलंका को भारत से खाद की तेज़ी से आपूर्ति – वायुसेना के विमान १०० टन खाद के साथ श्रीलंका पहुँचे

नई दिल्ली/कोलंबो – चीन से खरीदे जैविक खाद में नुकसानकारी सूक्ष्म जंतु पाए जाने के बाद, श्रीलंका ने यह खाद चीन को लौटाया था। इसके बाद भड़के चीन ने श्रीलंका के सरकारी बैंक को ब्लैकलिस्ट किया। लेकिन, इस विवाद में श्रीलंका में खाद की बड़ी किल्लत निर्माण हो रही थी और ऐसें में श्रीलंका ने भारत से खाद की शीघ्र आपूर्ति करने की माँग की थी। इस पृष्ठभूमि पर भारतीय वायुसेना की सहायता से श्रीलंका को तेज़ी से खाद की आपूर्ति शुरू की गई हैं। १०० टन ‘नैनो नायट्रोजन लिक्विड यूरिया’ लेकर भारतीय वायुसेना के विमान श्रीलंका में दाखिल हुए।

india-srilanka-organic-fertiliser-1भारत ने श्रीलंका को खाद की आपूर्ति करना भारत का श्रीलंका पर प्रभाव बढ़ाने के लिए अहम साबित होगा, ऐसा विश्‍लेषकों का कहना हैं। तभी, श्रीलंका ने बीते कुछ समय में किए निर्णयों के कारण श्रीलंका और चीन के बीच दरार निर्माण हुई है और यह दरार अधिक चौड़ी होती स्पष्ट दिख रही है। चीन ने श्रीलंका में निर्माण किए हुए कोलंबो बंदरगाह के करीब, उससे भी बड़े बंदरगाह का निर्माण करने का ठेका बीते महीने भारतीय कंपनी को प्राप्त हुआ था। इसके बाद भारतीय विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला और सेनाप्रमुख जनरल मनोज नरवणे ने श्रीलंका का अहम दौरा भी किया था। इस दौरान रक्षा समेत अलग अलग स्तरों पर सहयोग बढ़ाने का निर्णय हुआ था।

india-srilanka-organic-fertiliser-2श्रीलंका में फिलहाल खाद की भारी किल्लत बनी है। श्रीलंका में बोवाई का मौसम है और समय पर खाद उपलब्ध नहीं हुआ, तो यह मौसम ज़ाया हो जाएगा, यह चिंता श्रीलंका के किसानों को सता रही है। इस वजह से खाद की आपूर्ति करने के मसले को लेकर श्रीलंका में किसानों के प्रदर्शन भी जारी हैं। श्रीलंका ने मई महीने में ही, रासायनिक खाद के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाई है। इस वजह से श्रीलंका ने बड़ी मात्रा में चीन के जैविक खाद की खरीद करने का निर्णय किया था। लेकिन, कोलंबो बंदरगाह में उतारें खाद की जाँच करने पर इसमें बड़े नुकसानदेह सूक्ष्म जंतु पाए गए। इसके बाद श्रीलंका ने चीन से पहुँचा करीबन ९६ हज़ार टन खाद स्वीकारने से इन्कार करके यह खाद लौटाया था। वहीं, श्रीलंका की अदालत ने इस खाद के पैसे अदा करने से, श्रीलंका के सरकारी बैंक को रोक दिया। इस निर्णय से चिनी कंपनी को बड़ा नुकसान पहुँचा है और इससे चीन आगबबुला हुआ है। इसके बाद खाद की खरीद के लिए ‘लेटर ऑफ क्रेडिट’ प्रदान करनेवाले श्रीलंका के प्रमुख सरकारी बैंक को चीन ने ब्लैक लिस्ट किया।

लेकिन, इस पूरे विवाद में श्रीलंका के सामने बड़ी समस्या खड़ी हुई और श्रीलंका को अपने पड़ोसी भारत की याद आई। चीन के खाद से इन्कार करने पर श्रीलंका ने भारत से खाद की खरीद करने की तैयारी शुरू की। लेकिन, यह खाद भारत तेज़ी से प्रदान करें, यह आवाहन श्रीलंका ने किया था। जलमार्ग से श्रीलंका तक खाद पहुँचने में देरी हो सकती हैं, इसे ध्यान में रखकर भारत ने विमानों की सहायता से श्रीलंका को खाद की आपूर्ति शुरू की है। वायुसेना के दो विमान कुल १०० टन लिक्विड नायट्रोजन खाद के साथ श्रीलंका पहुँचे।

‘प्रकाश का उत्सव होनेवाली दिवाली में भारतीय वायसेना श्रीलंका के लिए फिर से आशा की किरन लेकर पहुँची हैं। श्रीलंका की सरकार ने शीघ्रता में भारत से सहायता माँगने पर, भारतीय वायुसेना के विमान १०० टन खाद के साथ श्रीलंका में उतरें हैं’, यह बात श्रीलंका में स्थित भारत के उच्चायुक्त ने सोशल मीडिया में रेखांकित की।

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