पठानकोट हमले में पाक़िस्तान का हाथ होने के पुख़्ता सबूत अमरीका द्वारा भारत को सुपूर्द

नई दिल्ली, दि. ३० (पीटीआय) – पठानकोट आतंकी हमले के बारे में भारत ने दिये हुए सबूतों को नाकारनेवाले पाक़िस्तान को अमरीका ने ज़ोरदार चाँटा मारा हैं| ये हमला करनेवाले आतंकियों ने पाक़िस्तान के ‘जैश-ए-मोहम्मद’ के नेताओं से की हुई ‘चॅट’ का वर्णन विस्तार से बतानेवाला क़रीबन हज़ार पन्नों का अहवाल अमरीका ने भारत के ‘एनआयए’ को दिया है| सार्क समिट के लिए भारत के गृहमंत्री राजनाथ सिंह पाक़िस्तान जाने की तैयारी कर रहे हैं, तभी यह अहवाल हाथ में आने से भारत का पक्ष और भी मजबूत हो गया है| यह हमला करनेवाले ‘जैश’ के सरगना ‘मौलाना मसूद अझहर’ पर सख़्त कार्रवाई करने की भारत की माँग इससे और भी मज़बूत होनेवाली है|

पठानकोटजनवरी महीने में, वायुसेना के पठानकोट के अड्डे पर ‘जैश’ के आतंकवादियों ने हमला किया था| ये सभी हमलावर पाक़िस्तान के थे, यह बात सामने आयी थी| साथ ही, इस हमले में ‘जैश’ का सहयोग था, यह बात भी स्पष्ट हुई थी| इस आतंकी संगठन का प्रमुख मौलाना मसूद अझहर ने ही इस हमले की साज़िश रची थी, इसके पुख़्ता सबूत भारत ने पाक़िस्तान को सौंप दिए थे| साथ ही, इन हमलावरों में से एक आतंकवादी ने पाक़िस्तान में अपनी माँ से मोबाईल द्वारा वार्तालाप किया था, इसके सबूत भी पाक़िस्तान को दिए गये थे| इसके बाद, इस हमले की छानबीन करने के लिए पाक़िस्तान से अधिकारियों का एक दल भारत में आया था| लेकिन उसके बाद इस हमले के बारे में पाक़िस्तान की ओर से किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई| मौलाना मसूद अझहर पर सख़्त कार्रवाई करने की भारत की माँग भी पाक़िस्तान ने ठुकरायी थी|

भारत ने दिए हुए सबूतों को ठुकरानेवाले पाक़िस्तान के सामने नयी चुनौती खड़ी हुई है| पठानकोट हमलें में भाग लेनेवाले ‘नासिर हुसैन’, ‘अबू बकर’, ‘उमर फारूख’ तथा अब्दुल कयूम’ ये आतंकवादी, भारत में घुसपैठ करने के बाद पाक़िस्तान के कराची शहर में अपने नेताओं के साथ ‘सोशल नेटवर्किंग’ साईट के ज़रिये संपर्क में थे| इन आतंकवादियों की भारतीय सुरक्षाकर्मियों के साथ चल रही मुठभेड़ के दौरान, करीब ८० घंटें इतने समय तक ये आतंकवादी कराची में बैठे अपने नेता से ‘चॅट’ कर रहे थे| कराची से इन आतंकवादियों को सूचना देनेवाला हमलावर ‘जैश’ का नेता ‘कासिफ जान’ इस नाम से जाना जाता है|

‘कासिफ जान’ सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके इन आतंकवादियों के संपर्क में था, यह बात भी इस अहवाल में नमूद की गई है| साथ ही, ‘मुल्ला दादुल्ला’ नाम के आतंकवादी ने इसी प्रकार से, पठानकोट पर हमला करनेवाले आतंकवादियों से संपर्क किया था, ऐसी जानकारी इस अहवाल में दी गयी है।

क़रीब हज़ार पन्नोंवाले इस अहवाल में, पाक़िस्तान जिनका बिल्कुल इन्कार नहीं कर सकता, ऐसे पुख़्ता सबूत हैं, ऐसा कहा जाता है| भारत की राष्ट्रीय जाँच एजन्सी ‘एनआयए’ के पास अमरीका ने यह अहवाल सौंपा है| इस मामले में सहयोग देने का आवाहन एनआयए ने अमरीका से किया था|

इसी दौरान, ३ अगस्त से पाक़िस्तान में शुरू हो रहे ‘सार्क समिट’ में गृहमंत्रियो की बैठक संपन्न होनेवाली है| इसके लिए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह पाक़िस्तान जानेवाले हैं| उनके इस दौरे में वे पाक़िस्तान के नेताओं से द्विपक्षीय चर्चा नहीं करेंगे, यह बात स्पष्ट हो चुकी है| फिर भी उनके इस दौरे से पहले भारत के हाथ में आए इस अहवाल से पाक़िस्तान के उपर दबाव और भी बढ़ा है|

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