भारत-भूटान पारंपरिक सहयोग को मज़बूत करेंगे

नई दिल्ली – भूटान के राजे ‘जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक’ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने के बाद बुधवार को दोनों देशों का संयुक्त निवेदन जारी किया गया। दोनों देशों के समय की कसौटी पर उतरे संबंधों का दाखिला देकर यह संबंध अधिक मज़बूत करने के लिए पांच मुद्दों पर प्रधानमंत्री मोदी और भूटान के राजे वांगचुक की चर्चा हुई। इससे संबंधित संयुक्त निवेदन बुधवार को जारी किया गया। भारत और भूटान के पारंपरिक सहयोग को चुनौती देकर चीन ने भूटान में हस्तक्षेप करने की गतिविधियां शुरू की थी। लेकिन, राजे वांगचुक के इस भारत दौरे के बाद चीन की इन कोशिशों को सफलता नहीं मिलेगी, यह फिर से स्पष्ट हुआ हैं।

पारंपरिक सहयोगसाल २०१७ में भारत, भूटान और चीन की सीमा जहां मिलती हैं वहां के डोकलाम क्षेत्र में भारत और चीन की सेना एक-दूसरें के सामने खड़ी हुई थी। भारतीय सेना वहां से पीछे हटे, इसके लिए चीन ने युद्ध की धमकियां देने की कोशिश की थी। लेकिन, इसका भारत पर असर नहीं हुआ था। इस वजह से डोकलाम में भूटान की ज़मीन पर कब्ज़ा करने की चीन की साज़िश नाकाम हुई थी। इसके बाद चीन ने भूटान के नेताओं को मुहरा बनाकर भारत विरोधी माहौल तैयार करने की साज़िश की थी।

भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग ने तीन देशों की सीमा जहां जुड़ती हैं उस डोकलाम पर बोलने का चीन को भी समान अधिकार होने का विवादित बयान किया था। भूटान के लिए चीन भी भारत उतना ही करीबी देश होने के संकेत इसके ज़रिये भूटान के प्रधानमंत्री ने दिए थे। इसपर भारत से तीव्र प्रतिक्रिया सामने आयी थी। भूटान यह भारत का करीबी सहयोगी देश हैं और भूटान के विदेश व्यवहार वर्ष १९७३ में किए समझौते के अनुसार भारत ही संभाल रहा हैं। इस वजह से प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग का बयान भारत ने बड़ी गंभीरता से देखा था।

इस पृष्ठभूमि पर भूटान के राजे ‘जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक’ के भारत दौरे की अहमियत बढ़ी थी। राजे वांगचुक की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चर्चा हुई। इस दौरान भारत और भूटान का एक-दूसरें का विश्वास एवं सहयोग अधिक व्यापक करने से संबंधित पांच मुद्दों के कार्यक्रम पर चर्चा हुई। आर्थिक सहयोग और विकास, व्यापारी यातायात एवं निवेश संबंधित सहयोग, दोनों देशों की आर्थिक समृद्धि एवं ऊर्जा संबंधित सहयोग और अंतरिक्ष, स्टार्टअप्स संबंधित सहयोग का इसमें समावेश हैं। साथ ही अपनी सीमा पर दोनों देशों की संयुक्त चौकी स्थापित करने पर भी प्रधानमंत्री मोदी और राजे वांगचुक की चर्चा होने की जानकारी विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने साझा की।

मराठी

Leave a Reply

Your email address will not be published.