‘रेपो रेट’ बरकरार रखकर ‘आरबीआई’ की उद्योग क्षेत्र को राहत

मुंबई – रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांता दास गुरुवार को रेपो रेट ०.२५ बढ़ाने का ऐलान करेंगे, ऐसी कड़ी आशंका जताई जा रही थी। वैश्विक स्तर पर शुरू उथल-पुथल पर गौर करके रेपो रेट ०.२५ प्रतिशत बढ़ाने का निर्णय होने की उम्मीद जताई जा रही थी। लेकिन, रिज़र्व बैंक के गवर्नर ने रेपो रेट पहले के स्तर पर बरकरार रखने का ऐलान करके उद्योग क्षेत्र को सुखद झटका दिया। इसका सकारात्मक असर दिखने लगा है और इसके चलते शेअर बाज़ार में तेजी देखी जा रही थी। यह निर्णय विकास के लिए सहायक साबित होगा, ऐसा दावा उद्योग क्षेत्र कर रहा है। लेकिन, रेपो रेट बढ़ोतरी का निर्णय अस्थायी तौर पर रोका गया हैं और ज़रूरत महसूस होने पर आगे इसमें बदलाव किया जाएगा, ऐसा गवर्नर शक्तिकांता दास ने कहा हैं।

इससे पहले फ़रवरी महीने में रेपो रेट ०.२५ प्रतिशत बढ़ाने का ऐलान रिज़र्व बैंक ने किया था। इसके साथ ही देश में रेपो रेट बढ़कर ६.५ प्रतिशत हुआ था। गुरुवार को गवर्नर शक्तिकांता दास इसमें ०.२५ प्रतिशत अधिक बढ़ोतरी करेंगे, ऐसा अनुमान जताया जा रहा था। लेकिन, उन्होंने यह रेट बरकरार रखने का निर्णय करने के बाद उद्योग क्षेत्र को सुखद झटका लगा। शेअर बाज़ार पर इसका सकारात्मक असर दिखाई दिया। इससे कर्ज़ महंगा नहीं होगा, इसके चलते आम नागरिक भी खूश हुए हैं। गृह कर्ज महंगा ना होने का गृह निर्माण पर अच्छा असर होगा, ऐसा दावा विश्लेषक कर रहे हैं। इससे रिअर इस्टेट एवं बैंकों के शेअर्स में तेज़ी देखी गई।

रिज़र्व बैंक ने अपनाई यह नीति संतुलित हैं और इससे विकास को गति प्राप्त होगी, ऐसा विश्वास उद्योग क्षेत्र के नामांकित व्यक्त कर रहे हैं। इस साल अर्थव्यवस्था अच्छी गति से प्रगति करेगी, इसपर रिज़र्व बैंक ने विश्वास दर्शाया है और इसका असर अच्छा होगा, ऐसा आर्थिक विशेषज्ञ कह रहे हैं। मौजूदा समय में रेपो रेट की बढ़ोतरी अर्थव्यवस्था पर बुरा असर करती। इसी वजह से रिज़र्व बैंक ने किया यह निर्णय अधिक स्वागतार्ह है, ऐसा दावा उद्योग क्षेत्र कर रहा हैं।

अमरीका के सिलिकॉन वैली बैंक, क्रेडिट स्यूस जैसें बैंक दिवालियां होने के बाद अमरीका के साथ यूरोपिय देशों के बैंक भी दिवालिया होने की दहलिज पर होने की चेतावनियां दी जा रही हैं। साथ ही बैंकिंग क्षेत्र पर मंड़रा रहा यह संकट अभी खत्म नहीं हुआ हैं, ऐसी चेतावनी अंतरराष्ट्रीय स्तर के नामांकित आर्थिक विशेषज्ञ दे रहे हैं। ऐसी स्थिति में रिज़र्व बैंक ने रेपो रेट ना बढ़ाने का किया निर्णय बड़ा अहम समझा जा रहा हैं। इस वजह से उद्योग क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा, ऐसा देश के आर्थिक विशेषज्ञ कह रहे हैं।

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