इम्रान खान ने कबूल करने से पाकिस्तान की पोलखोल – भारत की फटकार

नई दिल्ली – कश्मीर और अफगानिस्तान में जंग में उतरे करीबन ३० से ४० हजार आतंकी पाकिस्तान में रह रहे है, यह बात पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान ने कबूल की है| अपनी अमरिका यात्रा के दौरान बोलते समय प्रधानमंत्री इम्रान खान ने यह विधान करने पर भारत में कडी प्रतिक्रिया उमड रही है| कम से कम अब पाकिस्तान उनके देश में रहनेवाले इन आतंकियों पर कार्रवाई करें, यह फटकार भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रविश कुमार ने लगाई है|

अपनी अमरिका यात्रा में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कश्मीर और अफगानिस्तान में लडनेवाले ३० से ४० हजार लोग आज भी पाकिस्तान में है, यह बात स्वीकार की है| लेकिन, इस सभीयों को हथियारी गुट ऐसा जिक्र करके इम्रान खान ने उन्हें आतंकी कहना टाल दिया है| इस वजह से पाकिस्तान के आतंकवाद संबंधी नीति में बदलाव नही हुआ है, यही संकेत स्पष्ट तौर पर प्राप्त हो रहे है| बल्कि, यही संदेशा देने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने यह विधान किया होगा, यही दिखाई दे रहा है| इस पर भारत की प्रतिक्रिया दर्ज हुई है| विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रविश कुमार ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने किए इस विधान पर संज्ञान लिया है|

इम्रान खान ने यह कबुली देने से पाकिस्तान की पहले की सरकारे इस बारे में अमरिका को सच्चाई दे नही रही थी, यही बात सिद्ध हुई है, ऐसा रविश कुमार ने कहा| अफगानिस्तान एवं भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देनेवाली संगठनों के ठिकाने पाकिस्तान में है और वही पर उन्हें पैसा, प्रशिक्षण और हथियार दिए जाते है, यह आरोप पहले भी भारत, अफगानिस्तान और अमरिका ने भी किया था|

लेकिन, पाकिस्तान की पहले की सरकारों ने यह आरोप ठुकराए थे| लेकिन, प्रधानमंत्री इम्रान खान ने अफगानिस्तान और कश्मीर में लडनेवाले हजारों लोग अपने देश में होने की बात कबुल करके पाकिस्तान आतंकियों को पनाह देता है, यही बात स्वीकार की है|

इस ओर ध्यान आकर्षित करके रविश कुमार ने कम से कम अब तो पाकिस्तान ने पीछे हटे बिना आतंकियों के विरोध में कडी कार्रवाई करें, यह मांग की| ‘जैश ए मोहम्मद’ का प्रमुख मौलाना मसूद अजहर और जमात उल दवा का प्रमुख हफीज सईद को नजरबंद करने के अलावा पाकिस्तान ने आतंकी संगठनों के विरोध में अन्य कार्रवाई नही की है| लेकिन, कुछ समय बाद इन दोनों को रिहा करके पाकिस्तान आतंकियों की नाराजगी दूर करता रहा है| इतना ही नही तो इन आतंकियों को नजरबंद करना यानी उन्हें सुरक्षा देना ही होता है, यह आरोप भी होते रहे है|

प्रधानमंत्री इम्रान खान की अमरिका यात्रा से पहले पाकिस्तान ने हफीज सईद को नजरबंद करने के समाचार प्रसिद्ध हुए थे| लेकिन, ऐसी धुल झोंकनेवाली कोशिश का परिणाम अमरिका पर नही होगा, यह इशारा कुछ अमरिकी अधिकारियों ने दिया था| अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष के साथ हुई बातचीत सकारात्मक होने का दावा पाकिस्तान कर रहा है, फिर भी इस बातचीत में भी ट्रम्प ने पाकिस्तान के दोगलेपन पर उंगली रखने की बात सामने आ रही है| अपने ही प्रशासन ने पाकिस्तान का डेढ अरब डॉलर्स की सालाना सहायता रोक दी थी, इसकी याद दिलाकर ट्रम्प ने यह निर्णय पीछे नही लेंगे, यह बात इम्रान खान के सामने ही पत्रकारों के सामने स्पष्ट की थी|

Leave a Reply

Your email address will not be published.