‘यूएपीए’ लोकसभा में मंजूर

नई दिल्ली – ‘अनलॉफुल एक्टिव्हिटीज् (प्रिव्हेंशन) अमेंडमेंट एक्ट’ (यूएपीए) को बुधवार के दिन लोकसभा ने मंजुरी दी है| संबंधित कानून में सुधार करने के लिए रखे गए इस विधेयक का लोकसभा में कुछ सांसदों ने बडा विरोध किया था| लेकिन, ‘यूएपीए’ में सुधार होने से आतंकियों के विरोध में अधिक प्रभावी तरीके से कार्रवाई करना मुमकिन होगा, यह कहकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शहा इन्होंने इस विधेयक का समर्थन किया| साथ ही इस कानून का गलत इस्तेमाल होगा, यह कुछ सांसदों ने व्यक्त किए डर का कुछ आधार ना होने की बात भी केंद्रीय गृहमंत्री ने इस दौरान स्पष्ट की|

करीबन एक हफ्ता पहले लोकसभा में ‘राष्ट्रीय तपास संस्था’ (एनआईए) के अधिकारों में बढोतरी करने के लिए रखा गया सुधारित विधेयक मंजूर किया गया था| आतंकी गतिविधियों में शामिल किसी को भी आतंकी करने से लेकर उनपर कार्रवाई करने के लिए ‘एनआईए’ के अधिकारों में बढोतरी की गई थी| इसके साथ ही ‘यूएपीए’ के सुधार का विधेयक भी लोकसभा में रखा गया था| इस पर बुधवारी वोटिंग हुई| इससे पहले सदन में ‘यूएपीए’ के सुधारित विधेयक पर जोरदार चर्चा हुई|

इस सुधार की वजह से ‘एनआईए’ को किसी भी राज्य में जाकर स्थानिय पुलिस को जानकारी दिए बिना संदिग्धों को गिरफ्तार करने का अधिकार हो रहा है| इस सुधार का गलत इस्तेमाल हो सकता है, यह कहकर कुछ विपक्षी नेताओं ने इस विधेयक को लेकर आपत्ति व्यक्त की| साथ ही यह सुधारित विधेयक समीक्षा के लिए स्थायी समिती के सामने रखने की मांग विपक्षी नेता कर रहे थे| लेकिन, आतंकवाद का खतरा ध्यान में रखकर जलद गति से यह विधेयक संमत करना जरूरी है, यह कहकर केंद्र सरकार ने विपक्षी नेताओं की मांग ठुकराई|

आतंकियों पर कडी और प्रभावी कार्रवाई करने के लिए इस सुधारित विधेयक की बडी जरूरत है, यह कहकर केंद्रीय गृहमंत्री ने इस सुधारित विधेयक का समर्थन किया| ‘इंडियन मुजाहिद्दीन इस आतंकी संगठना का ‘यासिन भटकळ’ की लंबे समय तक खोज हो रही थी| लेकिन, उसे आतंकी घोषित किया होता तो काफी पहले ही उसे पकडना पुलिस को मुमकिन हुआ होता| लेकिन, ऐसा ना होने के कारण ही भटकळ की जरूरी जानकारी हर एक पुलिस स्थानक में नही थी| इसी बात का भटकळ ने लाभ उठाया था, यह याद भी केंद्रीय गृहमंत्री ने दिलाई|

साथ ही वैचारिकता का बुरका पहन कर हिंसा कर रहे वामपंथी आतंकियों के विरोध में भी केंद्रीय गृहमंत्री ने इस दौरान फटकार लगाई| हिंसा का प्रसार करके जनता के अज्ञान का लाभ उठा रहे और बडी तादाद में खूनखराबा करवा रहे इन वामपंथीयों की हरकतें वैचारिक है, यह सरकार को मंजूर नही है| इसके विरोध में केंद्र सरकार की भुमिका कडी है और वामपंथी आतंकियों के बारे में किसी भी प्रकारकी सहानुभूति दिखाई नही जाएग, यह बात भी केंद्रीय मंत्री शहा ने डटकर रखी|

‘‘यूएपीए’ का गलत इस्तेमाल नही होगा| इसका इस्तेमाल सीर्फ दहशतगर्दों के विरोध में ही होगा| आतंकवाद जड से हटाने के लिए ऐसे कडे कानून की जरूरत है’, यह विश्‍वास गृहमंत्री ने सदन में व्यक्त किया| इसके बाद यह सुधारित विधेयक पर लोकसभा में वोटिंग हुई और यह सुधारित विधेयक मंजूर किया गया|

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