‘ऑकस डील’ में हाइपरसोनिक क्षेपणास्त्र तथा ‘इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेअर’ का समावेश

वॉशिंग्टन/कॅनबेरा – पिछले साल अमरीका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए ‘ऑकस डील’ की व्याप्ति बढ़ाने का फैसला किया गया है। मंगलवार को तीनों देशों ने संयुक्त निवेदन जारी करके, समझौते में हाइपरसोनिक क्षेपणास्त्र तथा ‘इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेअर कॅपॅबिलिटी’ का समावेश करने का ऐलान किया। इसके अलावा रक्षा संशोधन क्षेत्र में सहयोग अधिक बढ़ाया जा रहा है, ऐसा भी निवेदन में बताया गया।

‘ऑकस डील’ में हाइपरसोनिक क्षेपणास्त्र तथा ‘इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेअर’ का समावेशइंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की वर्चस्ववादी हरकतों को प्रत्युत्तर देने के लिए सितंबर २०२१ में अमरीका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया ने रक्षा सहयोग समझौते की घोषणा की थी। ‘ऑकस डील’ यह नाम होनेवाले इस समझौते के अनुसार, अमरीका और ब्रिटेन ऑस्ट्रेलिया को 8 परमाणु पनडुब्बियों की सप्लाई करनेउवाले हैं। पनडुब्बियों का निर्माण कार्य ऑस्ट्रेलिया में होगा और उसके लिए अमेरिका और ब्रिटेन के तंत्रज्ञान का इस्तेमाल किया जाने वाला है। ‘ऑकस डील’ में हाइपरसोनिक क्षेपणास्त्र तथा ‘इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेअर’ का समावेशआनेवाले डेढ़ साल में पहली परमाणु पनडुब्बी का काम शुरू होने के संकेत सूत्रों ने दिए हैं। तीन देशों के इस समझौते पर चीन में तीव्र नाराज़गी ज़ाहिर करके, इससे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में हथियारों की होड़ बढ़ेगी, ऐसी चेतावनी दी थी।

उसके बाद ‘ऑकस डील’ में साइबर तंत्रज्ञान, आर्टिफिशल इंटेलिजन्स, क्कांटम तंत्रज्ञान इन क्षेत्रों के सहयोग का भी समावेश किया गया था। अब हाइपरसोनिक क्षेपणास्त् और व ‘इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेअर’ क्षमताओं को शामिल करके तीनों देशों ने चीन को संदेश दिया बताया जाता है।

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