अमरीका और रशिया के बीच अंतरिक्ष सुरक्षा एवं परमाणु हथियारों के मुद्दे पर चर्चा शुरू

वियन्ना – चीन ने अलग अलग क्षेत्रों में शुरू की हुई आक्रामक गतिविधियों की पृष्ठभूमि पर अमरीका ने अंतरिक्ष सुरक्षा एवं परमाणु हथियारों के मुद्दे पर रशिया के साथ चर्चा शुरू की हैं। यूरोप के वियन्ना शहर में शुरू हुई यह चर्चा चार दिनों तक जारी रहेगी और दोनों देशों के विदेश, रक्षा एवं परमाणु सुरक्षा सं संबंधित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी इस चर्चा में शामिल हुए हैं। अमरीका ने कुछ दिन पहले ही रशिया के विरोध में उपग्रह विरोधी मिसाइल का परीक्षण करने का गंभीर आरोप किया था। तभी, रशिया ने अमरीका के साथ परमाणु हथियारों से संबंधित नए समझौते के लिए उत्सुक ना होने के दावे किए थए। इस पृष्ठभूमि पर इन दोनों देशों की चर्चा शुरू होने अहमियत रखता हैं।

अमरीका ने पिछले वर्ष ही रशिया के साथ किए ‘इंटरमिजिएट रेंज न्युक्लिअर फोर्सेस ट्रिटी’ (आयएनएफ) से पीछे हटने का कदम उठाया था। रशिया इस समझौते के प्रावधानों का उल्लंघन करनेवाले मिसाइलों के परीक्षण करने के आरोप अमरीका ने किए थे। रशिया ने अमरीका ने लगाए यह आरोप ठुकराकर उल्टा हम ‘स्टार्ट ट्रिटी’ के अगले चरण के लिए भी तैयार होने का बयान किया था। इसके बाद अमरीका ने चीन के परमाणु हथियारों का मुद्दा उपस्थित करके नए ‘स्टार्ट’ समझौते में चीन को भी शामिल करने की बात बड़ी जोर से रखी थी। लेकिन, चीन ने इसके लिए स्पष्ट शब्दों में इन्कार किया हैं। अमरीका और रशिया के बीच वर्ष २०१० में हुए ‘न्यू स्टार्ट ट्रिटी’ के अनुसार दोनों देशों में मौजूद परमाणु हथियारों की संख्या १,५५० से अधिक नही होगी, यह बात तय हुई थी।

US-russia-spaceहथियारों की स्पर्धा के साथ ही अमरीका और रशिया के बीच बढ़ रही अंतरिक्ष स्पर्धा विवाद का मुद्दा बना हैं। रशिया और चीन यह दोनों प्रमुख देश अंतरिक्ष युद्ध के लिए घातक हथियार विकसित कर रहे हैं, यह आरोप अमरिका लगातार कर रही हैं। पिछले सप्ताह में ही अमरीका और ब्रिटेन ने रशिया के विरोध में उपग्रह विरोधी मिसाइल का परीक्षण करने का आरोप किया था। १५ जुलाई के दिन किया गया यह परीक्षण रशिया ने विश्‍व से छुपाकर रखा हैं, यह आरोप भी इन दोनों देशों ने किया था। रशिया के इस परीक्षण की वज़ह से अमरीका, ब्रिटेन एवं मित्रदेशों के हितसंबंधों के लिए ख़तरा बना हैं, ऐसी आलोचना इन देशों ने की थी। रशिया की यह हरकत अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन करनेवाली होने का दावा भी अमरीका ने किया था।

रशिया पर किए गए इन गंभीर आरोपों के बाद अमरीका और रशिया के राष्ट्राध्यक्षों ने फोन पर बातचीत भी की थी। इस दौरान सामरिक स्थिरता, हथियारों पर प्रतिबंध, ईरान, कोरोना वायरस समेत अन्य अहम मुद्दों पर चर्चा होने की जानकारी दोनों देशों ने साझा की थी। पिछले दो महीनों में राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प और पुतिन के बीच हुई यह दुसरीं चर्चा थी। यह पृष्ठभूमि ध्यान में रखकर देखें तो सोमवार से वियन्ना में रशिया और अमरीका के बीच शुरू हुई चर्चा ध्यान आकर्षित करनेवाली साबित होती हैं। इस चर्चा का पहला दिन पुरी तरह से अंतरिक्ष सुरक्षा के मुद्दे के लिए आरक्षित रखा गया और इसके बाद तीन दिनों में परमाणु हथियारों से संबंधित ‘न्यू स्टार्ट ट्रिटी’ से संबंधित अगले चरण के मुद्दे पर चर्चा होगी, यह जानकारी संबंधित सूत्रों ने साझा की। यह चर्चा अमरीका-रशिया दोनों के हितसंबंधों के लिए काफ़ी अहम साबित होगी, यह संकेत अमरिकी विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने दिए हैं।

US-russia-spaceइसी बीच चीन की घेराबंदी करने के लिए रशिया और चीन के बीच अमरीका दूरी निर्माण करें, इस तरह के संकेत अमरीका स्थित कुछ पूर्व एवं वर्तमान के अधिकारी दे रहे हैं। चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग और रशियन राष्ट्राध्यक्ष पुतीन के दरमियान अब ज्यदा नज़दिकीयां नही रही हैं, ऐसा दावा भी इन अमरिकी अधिकारियों ने किया हैं। वर्ष २०१४ में अमरीका के साथ यूरोपिय देशों ने लगाए प्रतिबंधों के बाद रशिया ने चीन के साथ अधिक नज़दिकीयां बनाना शुरू किया था।

र्इंधन और रक्षा क्षेत्र के बड़े समझौते एवं आर्थिक, निवेश एवं अंतरिक्ष क्षेत्र से संबंधित आधार पर यह नज़दिकीयां बनी हैं। लेकिन, जासूसी की घटना, तकनीक ‘डुप्लिकेशन’ एवं अन्य कई मुद्दों पर दोनों देशों में बने मतभेद लगातार सामने आ रहे हैं। अमरीका को विरोध, यह बात दोनों देशों की नीति का प्रमुख समान मुद्दा रहा हैं और रशियाएवं अमरीका के बीच बना तनाव कम करने के लिए कदम उठाने पर चीन के लिए यह बड़ा झटका साबित होगा, यह दावा अमरिकी अधिकारी कर रहे हैं।

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