अफ़गानिस्तान पर सूखे का संकट मंडरा रहा है – संयुक्त राष्ट्र संघ के वरिष्ठ अधिकारी का इशारा

afghan-drought-un-1काबुल – ठंड़ के साथ ही अफ़गानिस्तान पर सूखे जैसी स्थिति का संकट मंड़राने लगा है| इसलिए से अफ़गान किसानों को अंतरराष्ट्रीय स्तर से कृषि सहायता की काफी ज़रूरत है, ऐसा इशारा संयुक्त राष्ट्र संघ के वरिष्ठ अधिकारी ने दिया| यह संकट करीब आने के दौरान नशीले पदार्थों की खेती से मिलने वाला मुनाफा बढ़ रहा है| इस वजह से अफ़गान किसान पीढ़ी दर पीढ़ी चलती आ रही खेती छोड़कर बड़ी मात्रा में अफीम की खेती करने की ओर रुख करने की संभावना है, यह इशारा अफ़गान वृत्तसंस्था ने दिया|

रोम में स्थित संयुक्त राष्ट्र संघ की ‘फुड ऐण्ड एग्रिकल्चरल ऑर्गनाइज़ेशन-एफएओ’ के प्रतिनिधि रिचर्ड ट्रेंशार्ड ने अफ़गानिस्तान की कृषि संबंधी समस्याओं की ओर पूरे विश्‍व का ध्यान आकर्षित किया| अफ़गानिस्तान के किसानों के लिए स्थिति काफी विनाशकारी होने का इशारा टेंरशार्ड ने दिया| इस वर्ष अफ़गानी किसानों को बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है और अपने जानवर बेचने के लिए भी वह मज़बूर हुए हैं| उनके सिर पर कर्ज़ का भार बढ़ रहा है और बीज खरीदने के लिए भी पैसा ना होने की शिकायत अफ़गान किसान कर रहे हैं, ऐसा ट्रेंशार्ड ने कहा|

अफगानी जनता के लिए खेती ही पेट भरने का प्रमुख स्रोत है| इससे पहले अफ़गान किसानों की इतनी खराब स्थिति नहीं हुई थी| लेकिन, बीते वर्ष से कृषि क्षेत्र से जुड़े अफ़गानियों पर बड़ा संकट टूट पड़ा है, यह दावा ट्रेंशार्ड ने किया| अफ़गानिस्तान के किसानों को बचाना है तो उन तक बीज, खाद एवं पैसा और अनाज़ पहुँचाना आवश्यक है, ऐसा निवेदन ट्रेंशार्ड ने किया|

afghan-drought-un-2संयुक्त राष्ट्र संघ ने कुछ दिन पहले जारी की हुई जानकारी के अनुसार लगभग दो करोड़ अफ़गान नागरिकों को पेट भरने में कठिन हो गया है| वर्ष के अन्त तक इनकी संख्या सवा दो करोड़ से अधिक हो जाएगी| सूखे की वजह से अफ़गानिस्तान की समस्या बढ़ रही है और अफ़गानिस्तान को भारी मात्रा में मानवीय सहायता की आवश्यकता होने का निवेदन ट्रेंशार्ड ने किया| अफ़गानिस्तान के परंपरागत कृषि क्षेत्र से संबंधित चिंताजनक जानकारी सामने आ रही है और इसी बीच स्थानीय वृत्तसंस्था ने अफ़गानिस्तान की भीषण स्थिति विश्‍व के सामने लाई है|

अफ़गानिस्तान के दक्षिणी हिस्से के हेल्मंड प्रांत के किसान अब अपनी परंपरागत खेती छोड़कर अफीम की खेती करने के लिए मज़बूर होंगे, ऐसा कहा है| अफीम की खेती से बड़ा मुनाफा प्राप्त होने से किसानी इसी ओर रुख कर रहे हैं, यह इशारा अफ़गान वृत्तसंस्था ने दिया| इसके लिए संयुक्त राष्ट्र संघ की ‘यूएनओडीसी’ ने पेश की हुई रपट का दाखिला भी अफ़गान वृत्तसंस्था ने दिया| अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में अब अफ़गानिस्तान के ताजे सूखे मेवे की तुलना में वहां के अफीम, मेथ जैसे नशीले पदार्थों की मॉंग अधिक होने का बयान ‘यूएनओडीसी’ ने किया था| इसी वजह से अफ़गान किसान सूखे मेवे के बजाय अफीम की खेती को प्राथमिकता दे रहे हैं, यह चिंता ‘यूएनओडीसी’ ने व्यक्त की थी| अमरीका की सेना वापसी के बाद अफ़गानिस्तान की सत्ता तालिबान के हाथों में जा रही थी तब, आनेवाले दिनों में अफ़गानिस्तान फिर से नशीले पदार्थों के व्यापार का केंद्र बनेगा, यह चिंता विश्‍लेषकों ने व्यक्त की थी|

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