‘यूएई’ अमरीका में राजनीतिक हस्तक्षेप कर रहा है – गुप्तचर विभाग की रपट होने का अमरिकी अखबार का दावा

वॉशिंग्टन – संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) अमरीका में राजनीतिक हस्तक्षेप कर रहा है, ऐसा आरोप अमरिकी गुप्तचर विभाग ने लगाया है। ‘नैशनल इंटेलिजेंस काऊन्सिल’ ने इसकी रपट बनायी है और अमरिकी अखबार में इससे संबंधित खबर जारी हुई है। यूएई के साथ ही सौदी अरब और खाड़ी के अन्य देश भी अपने लिए लाभदायी नीति के लिए बड़ी मात्रा में लॉबिंग करके इसके लिए खर्च कर रहे हैं, यह दावा इस रपट मे किया गया है। रशिया, चीन और ईरान जैसें देश अमरीका में जासूसी एवं अन्य हरकतें करने में जुटे होने का आरोप पहले भी कई बार लगाए गए हैं। लेकिन, यूएई जैसा खाड़ी का अमरिकी मित्रदेश पर लगाए गए, यह आरोप ध्यान आकर्षित करते हैं, यह दावा अमरिकी विश्लेषक लगा रहे हैं।

राजनीतिक हस्तक्षेपयूएई ने अमरीका अपने लिए लाभदायी नीति अपनाए इसके लिए भारी मात्रा मे खर्च किया है। अमरिकी ‘जस्टिस डिपार्टमेंट’ की जानकारी के अनुसार साल २०१६ से अबतक यूएई ने अमरीका में खर्च की हुई रकम कूल १५.४ करोड़ डॉलर्स है। इनमें से बड़ी रकम अमरिकी थिंक टैंक, यूनिवर्सिटीज्‌‍ के अनुसंधान पर प्रभाव बनाने के लिए इस्तेमाल हुई, यह दावा वॉशिंग्टन पोस्ट ने किया। अपने के लिए लाभदायक नीति अमरीका अपनाएं, दूसरे देश और कंपनियां अमरीका में लॉबिंग करते हैं। अमरिकी कानून के अनुसार यह बात अवैध नहीं हैं। इसका लाभ यूएई और अन्य देश उठा रहे हैं, यह बात भी इस अवसर से बाहर आयी, ऐसा दावा कुछ विश्लेषक कर रहे हैं।

अमरिकी नीति यूएई के पक्ष में रहें और यूएई की हुकूमत का विरोध कर रहें लोगों पर जासूसी करने के लिए अमरीका के पूर्व सेना एवं गुप्तचर विभाग के अधिकारियों का इस्तेमाल यूएई कर रहा है। साथ ही राज घराने की हुकूमत और अभी तक अमरीका के नज़रिये से अनुदार सामाजिक व्यवस्था के यूएई पर अमरीका से आलोचना ना हो, इसके लिए यूएई अमरीका में राजनीतिक हस्तक्षेप कर रहा हैं, ऐसा आरोप ‘नैशनल इन्टेलिजेन्स काऊंसिल’ की रपट में लगाया गया है। यह जानकारी साझा करके वॉशिंग्टन पोस्ट ने अपनी खबर में इसपर नामांकितों के विचार और बयान भी दर्ज़ किए हैं।

खाड़ी में अमरीका का प्रमुख मित्रदेश होने वाले यूएई को लेकर सामने आयी यह नई जानकारी ध्यान आकर्षित कर रही हैंस, ऐसा अमरिकी ब्रुकिंग्ज्‌‍ इन्स्टीट्यूट के सिनिअर फेलो ब्रुस रिडेल ने कहा हैं। इसी बीच अमरीका में मौजूद यूएई के राजदूत युसेफ अल ओतायबा ने अपने देश का अमरीका पर सकारात्मक प्रभाव हैं, यह अभिमान की बात होने का बयान करके इससे दोनों देशों के अच्छे ताल्लुकात रेखांकित होते हैं, यह दावा किया। लेकिन, वॉशिंग्टन पोस्ट की खबर में अमरीका और यूएई के बीच ट्रम्प प्रशासन के कार्यकाल में जितना सहयोग था, उतना मौजूदा समय में ना होने के संकेत दिए हैं।

सौदी अरब के क्राउन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान ने पत्रकार जमाल खाशोगी की हत्या करवाई थी। लेकिन, यह हत्या करने के कुछ दिन पहले यूएई की गुप्तचर यंत्रणा ने खाशोगी की पत्नी की फोन में स्पाइवेयर होने का दावा किया जा रहा हैं। यूएई ने यह आरोप ठुकराए थे। ऐसें में येमन युद्ध में उतरकर सौदी का साथ दे रहे यूएई पर मानव अधिकार संगठनों ने आलोचना की थी। साथ ही लीबिया, यूक्रेन और अफ्रीकी देशों में सैन्य गतिविधि कर रहें वैग्नर ग्रूप जैसी रशिया से संबंधित कॉन्ट्रैक्ट सैनिक भेजनवाली कंपनी को भी यूएई ने पैसें दिए, यह आरोप हुआ था। इस मामले का भी वर्णित खबर में ज़िक्र किया गया है।

इसी बीच, अमरीका के करीबी सहयोगी यूएई को ट्रम्प प्रशासन ने २३ अरब डॉलर्स के प्रगत हथियारों की आपूर्ति करने का निर्णय किया था। लेकिन, बायडेन प्रशासन ने यूएई को यह हथियार प्राप्त करने नहीं दिए। इसके पीछे यूएई की यही हरकत होने के संकेत इस खबर से दिए गए हैं।

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