‘ब्रेक्झिट’ और सरकारी ‘बाँड्स’ की गिरावट के बाद सोना दो साल के रेकार्ड स्तर तक उछला

लंडन, दि. ७ (वृत्तसंस्था) – ‘ब्रेक्झिट’ की वजह से अर्थव्यवस्था में आयी हुए अनिश्‍चित स्थिति और सरकारी बाँड्स के रिटर्न में हुई गिरावट की वजह से बुधवार को सोने के दाम में ०.६ प्रतिशत की उछाल आयी|

‘ब्रेक्झिट’ की वजह से अर्थव्यवस्था में आयी अनिश्‍चितइस उछाल के बाद सोने के दाम प्रति ट्रॉय औंस(३१.१० ग्रॅम)१३६७.१० डॉलर्स पर पहुँच गये है| ये दाम सन २०१४ के बाद के उच्चतम दाम हैं| सोने की यह कीर्तिमान उछाल इस क्षेत्र के उपक्रमों के लिए लाभदायक साबित हो रही है| सोने का कारोबार करनेवालीं कंपनियों के समभागों में तीन से सात प्रतिशत की बढ़त दिखाई दी है| आंतर्राष्ट्रीय वित्तसंस्था ‘युबीएस’ ने दावा किया है की सन २०१९ तक सोने के दाम १,४७५ डॉलर्स तक उछाल सकते है|

पिछले महीने में ब्रिटन ने, युरोपीय संघ से बाहर निकलने हा फैसला किया| इस फैसले के बाद आंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में तेजी से गतिविधियाँ शुरू है| अमरीका के मध्यवर्ती बँक ‘फेडरल रिजर्व’ ने ‘ब्रेक्झिट’ के परिणाम ठीक तरह से सामने आने तक ब्याज के दामों में किसी भी तरह का बदलाव न करने का फैसला किया है| इसकी वजह से सरकारी बॉंड्स के दाम में बडी गिरावट आयी है| ‘ब्रेक्झिट’ की वजह से ब्रिटन स्थित निजी कंपनियाँ तथा निवेशक उपक्रमों का भविष्य भी अनिश्‍चित बन चुका है| इसकी तीव्र प्रतिक्रिया शेअरबाजारों में दिखायी दी है| ब्रिटन की मुद्रा पौंड का मूल्य तीन दशकों के नीचतम स्तर पर जा चुका है|

इन गतिविधियों की वजह से, निवेशकों द्वारा संरक्षित विकल्प ढूँढा जा रहा है और ‘सोना’ यह सबसे अच्छा विकल्प बनकर सामने आया है| इस साल की शुरुवात से ही सोने के दामों में बडी उछाल आ रही है| सन २०१६ के पहले तीन महीनों में ही, सोने के दामों में करीब १५ प्रतिशत से ज़्यादा बढ़ोतरी दिखायी दी है| आंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था निश्‍चित गति से आगे न बढने के कारण प्रमुख वित्तसंस्थाओं ने चेतावनी जारी की है| इस चेतावनी में कहा गया है की अर्थव्यवस्था पर मंदी की परछाई कायम रह सकती है|

इस वजह से कई देशों के मध्यवर्ती बँकों के साथ प्रमुख निवेशकों द्वारा सोने का विकल्प चुना जा रहा है| सोने के बढ़ती माँग की वजह से दामों में उछाल आती दिखाई दे रही है| अगले कई महीनों तक यह दौर कायम रहने की संभावना जतायी जा रही है| चीन और रशिया जैसे देशों द्वारा भी, पिछले कई सालों से अपने सोने के भंडार में वृद्धि करने का कदम उठाया गया है|

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