युरोपीय महासंघ से ब्रिटन की ‘एक्झिट’

प्रधानमंत्री कॅमेरॉन के इस्तीफ़े की घोषणा

दुनियाभर में उठीं ‘ब्रेक्झिट’ की गूँजें- जागतिक स्तर पर आर्थिक गिरावट

cameron

लंडन, दि. २४ (पीटीआय) – ‘ब्रेक्झिट’ के पक्ष में क़ौल देकर ब्रिटन की जनता ने युरोपीय महासंघ में रहने के विकल्प को नकार दिया है। इस निर्णय की गंभीर राजनीतिक गूँजें, ब्रिटन के साथ साथ दुनियाभर में उठीं होकर, जागतिक शेअर बाज़ारों में तथा आर्थिक एवं राजनीतिक क्षेत्रों में बड़ी रफ़्तार के साथ गतिविधियाँ हो रही हैं। ब्रिटन के प्रधानमंत्री डेव्हिड कॅमेरॉन ने इस सार्वमत का नतीजा ज़ाहिर होने के बाद इस्तीफ़ा देने की घोषणा की। लेकिन राजनीतिक स्थिरता को मद्देनज़र रखते हुए, अगले तीन महीनों तक मैं प्रधानमंत्रीपद पर रहूँगा, ऐसा कॅमेरॉन ने घोषित किया। जर्मनी की चॅन्सेलर मर्केल एवं फ़्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष हॉलांदे ने इस निर्णय पर अफ़सोस ज़ाहिर किया। वहीं, ब्रिटन के पीछे पीछे फ़्रान्स एवं नेदरलँड्स भी युरोपीय महासंघ से बाहर निकलें, ऐसी माँग इन देशों के कुछ नेताओं ने की है।

४८.१ बनाम ५१.९ ऐसे फ़र्क़ से ब्रिटन की जनता ने ‘ब्रेक्झिट’ के पक्ष में क़ौल दिया। गत कुछ दिनों से, ब्रिटन की जनता युरोपीय महासंघ में रहने का फ़ैसला करेगी, ऐसा चित्र निर्माण हुआ था। लेकिन ‘ब्रेक्झिट’ के पक्ष में फ़ैसला कर ब्रिटन की जनता ने सारी दुनिया को झटका दिया। यह नतीजा घोषित किया जाने के बाद प्रधानमंत्री डेव्हिड कॅमेरॉन ने अपने इस्तीफ़े की घोषणा की। इस नतीजे के बाद मेरा प्रधानमंत्रीपद पर रहना उचित साबित नहीं होगा, यह कहते हुए कॅमेरॉन ने, दूसरे नेता के चयन का निर्णय होने तक मैं प्रधानमंत्री पद पर रहूँगा, यह स्पष्ट किया। उसी समय, ब्रिटन के निवेशकारों को तथा मार्केट्स को प्रधानमंत्री कॅमेरॉन ने आश्वस्त किया। ब्रिटन की अर्थव्यवस्था स्थिर एवं मज़बूत है, इसका यक़ीन कॅमेरॉन ने दिलाया।

Nigel-Farageइसी बीच, ‘२३ जून यह ब्रिटन के इतिहास में ‘स्वतंत्रतादिवस’ के रूप में जाना जायेगा’ ऐसा कहकर ‘युकिप’ पार्टी के नेता निगेल फ़ॅराज ने खुशी ज़ाहिर की है। फ़ॅराज ने ‘ब्रेक्झिट’ के समर्थन में आक्रामक प्रचारमुहिम चलायी थी। ‘युरोपीय महासंघ ढ़ह रहा है, युरोपीय महासंघ आख़िरी साँसें गिन रहा है, यह ब्रिटन की जनता ने इस सार्वमत के द्वारा साबित कर दिया है। आनेवाले समय में, स्वीडन, ऑस्ट्रिया, डेन्मार्क और इटली इन देशों की जनता को भी विचार करना चाहिए कि महासंघ में रहना है या नहीं’ ऐसा आवाहन फ़ॅराज ने किया है। ‘ब्रेक्झिट’ पर फ़ॅराज तथा अन्य कुछ नेता खुशी ज़ाहिर कर रहे होते समय, ब्रिटन एवं युरोपीय देश तथा जागतिक अर्थव्यवस्था पर ‘ब्रेक्झिट’ के परिणाम दिखायी देने लगे हैं।

सन १९८५ के बाद पहली ही बार, ब्रिटन की मुद्रा रहनेवाले ‘पाऊंड’ में एक ही दिन में दस प्रतिशत की विक्रमी गिरावट आयी है। वहीं, युरोपीय महासंघ की मुद्रा रहनेवाले ‘युरो’ में भी तीन प्रतिशत की गिरावट आयी। कच्चे तेल के दामों में गिरावट आयी होकर, सोने के दाम में बड़ी वृद्धि हुई है। एशियाई बाज़ारों पर भी इसका असर पड़ा होकर, जापान के शेअर बाज़ार में भी काफ़ी गिरावट दिखायी दी है। सभी देशों की मुद्राओं में गिरावट दर्ज़ होने के बाद, हर देश ने इस गिरावट को रोकने के लिए उपाययोजनाएँ शुरू की हैं। जापान के अर्थमंत्री तारो आसो ने, मुद्रा की समस्या को हल करने के लिए आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सहयोग प्रस्थापित करने का आवाहन किया है।

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