ब्रिटन में ‘ब्रेक्झिट’ की तीव्र प्रतिक्रियाएँ

नये सार्वमत के साथ ‘लेक्झिट’ की माँग

scotland

लंडन, दि. २६ (वृत्तसंस्था) – ब्रिटन के लगभग ५२ प्रतिशत नागरिकों ने युरोपीय महासंघ में से बाहर निकलने के पक्ष में कौल दिया है, मग़र फिर भी इस निर्णय की तीव्र प्रतिक्रियाएँ ब्रिटन में सुनायीं देने लगी हैं। ‘ब्रेक्झिट’ के फ़ैसले के बाद अब ब्रिटन के शहरी भागों में, ‘रिमेन’ की माँग ज़ोर पकड़ रही होकर, संसद की अधिकृत वेबसाईट पर इस मामले में दस्तख़तों की मुहिम चलायी जा रही है। इस मुहिम को ज़बरदस्त प्रतिसाद मिला होकर, महज़ ४८ घंटों में पूरे ३० लाख नागरिकों ने अपना समर्थन दर्शाया है। उसी समय, ‘राजधानी लंडन ब्रिटन से अलग होकर युरोपीय महासंघ की सदस्य बनें’ ऐसा प्रस्ताव दूसरी ओर से लंडन के महापौर सादिक़ खान को दिया गया है।

brexit_zee-news‘ब्रेक्झिट’ के बाद ब्रिटन के साथ साथ, आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर से भी आक्रामक स्वरूप की प्रतिक्रियाएँ आना शुरू हो गया था। ‘ब्रेक्झिट’ का समर्थन करनेवालें प्रमुख राजनीतिक नेताओं को छोड़कर, बाक़ी जनमानस में से तीव्र प्रतिक्रियाएँ सुनायी देने लगी थीं। महासंघ से बाहर निकलने का ब्रिटन द्वारा लिया गया निर्णय, राजधानी लंडन के साथ साथ ब्रिटन के महत्त्वपूर्ण शहरों के नागरिकों को कुछ ख़ास पसंद नहीं आया होने की बात सामने आने लगी है। इसी असंतोष में से, ‘ब्रेक्झिट’ का नतीजा निकलने के बाद, पुन: सार्वमत लेने की माँग ज़ोर पकड़ रही थी। इसी माँग में से, ठेंठ ब्रिटीश संसद को इस संदर्भ में आवाहन करनेवाली मुहिम हाथ में ली गयी।

ब्रिटीश संसद के अधिकृत संकेतस्थल (वेबसाईट) पर यह मुहिम शुरू की गयी होकर, लँकेस्टर के विल्यम हिली इस छात्र ने इसकी शुरुआत की होने की जानकारी मिली है। इस मुहिम के द्वारा, ‘पुन: एक सार्वमत लिया जाये’ ऐसी माँग ब्रिटन सरकार से की गयी है। ‘सार्वमत के दौरान यदि ७५ प्रतिशत से कम वोटिंग हुआ और बहुमत ६० प्रतिशत से कम हों, तो पुन: सार्वमत लेने का नियम लागू करें’, ऐसा इसमें कहा गया है। शुक्रवार को शुरू हुई इस मुहिम को अभूतपूर्व प्रतिसाद मिला होकर, रविवार तक पूरे ३० लाख से भी अधिक नागरिकों ने इस माँग को प्रतिसाद दिया होने की जानकारी सामने आयी है।

ब्रिटीश संसद के नियमानुसार, किसी प्रस्ताव या माँग को एक लाख से भी अधिक नागरिकों का समर्थन प्राप्त हुआ, तो उस मुद्दे पर  संसद में चर्चा करना अनिवार्य रहता है। पुन: सार्वमत लेने के प्रस्ताव को ३० लाख से भी अधिक नागरिकों द्वारा प्रतिसाद दिये जाने के कारण, अगले हफ़्ते यह प्रस्ताव संसद में चर्चा के लिए लाया जाने की संभावना है। लेकिन संसद में हालाँकि प्रस्ताव चर्चा के लिए लाया गया, तो भी ब्रिटन में पुन: सार्वमत लिया जाने की संभावना नहीं है, ऐसे संकेत सूत्रों ने दिए।

brexit-revoteइसी दौरान, लंडन को ब्रिटन से अलग करने की मुहिम भी सोशल मीडिया में रफ़्तार पकड़ रही है, ऐसा सामने आया है। जेम्स मॅले इस लेखक ने नाराज़गी दर्शाने के लिए शुरू की हुई इस मुहिम को तक़रीबन १ लाख ३० हज़ार नागरिकों ने प्रतिसाद दिया है। मॅले ने अपने निवेदन में, लंडन को ब्रिटन से अलग रखकर युरोपीय महासंघ का हिस्सा बनाने का प्रस्ताव रखा है। ‘लंडन यह एक आंतर्राष्ट्रीय शहर होकर, हम युरोपीय महासंघ के केंद्रस्थान में रहना पसंद करेंगे’ ऐसा दावा इसमें किया गया है।

इसी निवेदन में, लंडन को सिंगापुर की तरह ‘सिटी स्टेट’ बनाने की संकल्पना भी प्रस्तुत की है। लंडन के महापौर सादिक़ खान ने हालाँकि इस मुहिम को दर्ज़ किया है, लेकिन लंडन को अलग करने की माँग को उन्होंने ख़ारिज़ कर दिया है। ‘लेकिन युरोपीय महासंघ के साथ चर्चा करते समय लंडन का स्थान बरक़रार रखने के प्रयास होने चाहिए’ ऐसी प्रतिक्रिया महापौर खान ने दी है।

दो साल पहले ब्रिटन से अलग होने में असफल साबित हुए स्कॉटलंड में भी आज़ादी की माँग ने पुन: ज़ोर पकड़ा होकर, एक सर्वेक्षण में ६० प्रतिशत नागरिकों ने ब्रिटन से अलग होने के पक्ष में कौल दिया है। स्कॉटलंड की फ़र्स्ट मिनिस्टर निकोला स्टर्जन ने ‘ब्रेक्झिट’ पर प्रतिक्रिया देते हुए, ‘स्कॉटलंड में दूसरी बार सार्वमत मुमक़िन होकर, स्कॉटलंड को युरोपीय महासंघ का भाग बनना है’ ऐसा दावा किया था।

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