वैश्विक अर्थव्यवस्था प्रतिद्वंद्वि गुटों में विभाजित हो रही है – यूरोपिय सेंट्रल बैंक की प्रमुख क्रिस्तिन लेगार्ड का दावा

ब्रुसेल्स – बढ़ रहे भू-राजनीतिक तनाव के कारण वैश्वि अर्थव्यवस्था के ‘डि-ग्लोबलाइजेशन’ की प्रक्रिया शुरू हुई है। इसके बड़े लंबे परिणाम सभी को भुगतने पड़ेंगे। वैश्विक अर्थव्यवस्था प्रतिद्वंद्वी गुटों में विभाजित होने के आसार दिखने लगे हैं, ऐसा दावा यूरोपियन सेंट्रल बैंक की प्रमुख क्रिस्तिन लेगार्ड ने किया। लेगार्ड ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार में बनी मुश्किलों पर ध्यान आकर्षित करने के साथ ही वैश्विक सप्लाई चेन की रचना फिर से करने की आवश्यकता स्पष्ट की।

वैश्विक अर्थव्यवस्था प्रतिद्वंद्वि गुटों में विभाजित हो रही है - यूरोपिय सेंट्रल बैंक की प्रमुख क्रिस्तिन लेगार्ड का दावारशिया ने पिछले कुछ सालों में चीन और अन्य देशों की सहायता से अमेरिका के वर्चस्व को चुनौती देना शुरू किया है। रशिया-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर इसको अधिक गति प्राप्त हुई है और ‘ब्रिक्स’ और अन्य गुटों के माध्यम से विश्व के विभिन्न देशों से बढ़ाया जा रहा सहयोग इसीका हिस्सा समझा जा रहा है। रशिया औड़ चीन ने विभिन्न देशों के साथ किए समझौतों के माध्यम से अमेरिकी डॉलर का इस्तेमाल कम करने की गतिविधियां शुरू की हैं। दो महीने पहले रशिया में आयोजित एक परिषद के दौरान राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने यह दावा किया कि, आर्थिक और व्यापारी संबंधों के दायरे में नए मॉडेल का उदय हो रहा हैं।

वैश्विक अर्थव्यवस्था प्रतिद्वंद्वि गुटों में विभाजित हो रही है - यूरोपिय सेंट्रल बैंक की प्रमुख क्रिस्तिन लेगार्ड का दावादुसरी ओर पश्चिमी देश अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रशिया अलग-थलग होने का चित्र खड़ा रहे हैं। यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर रशिया के साथ कारोबार करने वाले देशों की संख्या कम हो रही है, ऐसे दावे भी अमेरिका और यूरोपिय देश कर रहे हैं। रशिया का ईंधन व्यापार और उससे प्राप्त हो रही आय एवं अनाज की निर्यात कम होने के मुद्दे पर ध्यान आकर्षित किया जा रहा है। अमेरिका और यूरोप ने चीन के वर्चस्व वाली व्यापारी व्यवस्था को भी लक्ष्य किया है और इसके विकल्प का निर्माण भी विभिन्न देशों को साथ लेकर किया जा रहा है।

वैश्विक अर्थव्यवस्था प्रतिद्वंद्वि गुटों में विभाजित हो रही है - यूरोपिय सेंट्रल बैंक की प्रमुख क्रिस्तिन लेगार्ड का दावाइस पृष्ठभूमि के मद्देनज़र यूरोपियन सेंट्रल बैंक की प्रमुख ने किया दावा ध्यान आकर्षित तरता हैं। कुछ महीने पहले जर्मनी के चान्सलर ओलाफ शोल्झ ने भी यह कहकर ध्यान आकर्षित किया था कि, शीत युद्ध के बाद खड़ी हुई व्यवस्था खत्म हो रही हैं। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष की प्रमुख ख्रिस्तालिना जॉर्जिवा ने भी भू-राजनीतिक स्तर पर बढ़ते मतभेदों की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिरता को नुकसान पहुंचा है, यह कहा था।

वहीं, कोरोना की महामारी और रशिया-यूक्रेन युद्ध जैसे एक के बाद एक खड़े हुए संकटों की वैश्विक अर्थव्यवस्था के लंबे आर्थिक विकास का दौर खत्म हुआ है, ऐसा दावा वर्ल्ड बैंक की रपट में किया गया था। अंतरराष्ट्रीय स्तर केअभ्यास गुट और आर्थिक विशेषज्ञों ने भी ‘ब्रिक्स’ जैसे गुट का उदय, विस्तार और स्वतंत्र मुद्रा के साथ अन्य विकल्प होने वाली व्यवस्था के लिए हो रही कोशिशों की ओर लगातार ध्यान आकर्षित किया है।

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