‘जी ७’ गुट के जापान और ब्रिटेन को मंदी से पहुंचा नुकसान – वैश्विक मंदी के आसार बढ़े

टोकियो/लंदन- रशिया-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद रशिया पर प्रतिबंध लगाकर रशियन अर्थव्यवस्था कमज़ोर करने की चेतावनी दे रहे ‘जी ७’ गुट के अर्थव्यवस्थाओं की सांस फुलती देखी जा रही है। कुछ दिन पहले यूरोप के शीर्ष देश जर्मनी की अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में फंसने की जानकारी स्पष्ट हुई थी। इसके बाद अब जापान और ब्रिटेन इन दोनों देशों को मंदी से नुकसान पहुंचा है। अर्थव्यवस्था की गिरावट के बाद जापान ने विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था होने का स्थान खो दिया है और ब्रिटेन के सामने खड़ी चुनौती अधिक गंभीर होने के संकेत माध्यमों ने दिए हैं।

पिछले साल लगातार दो तिमाहियों में जापान की अर्थव्यवस्था की गिरावट हुई। जुलाई से सितंबर २०२३ में जापान की अर्थव्यवस्था ३.३ प्रतिशत और अक्टूबर से दिसंबर २०२३ में ०.४ प्रतिशत फिसली थी। आवश्यक सामान की कीमत की हुई बढ़ोतरी, वेतन की कटौती, उत्पादों की मांग में हुई गिरावट, फिसलता जन्मदर और बढ़ती आयु की जनसंख्या की वजह से उभरी वर्कफोर्स की कमी जैसे मुद्दे मंदी की वजह होने की बात कही जा रही है।‘जी ७’ गुट के जापान और ब्रिटेन को मंदी से पहुंचा नुकसान - वैश्विक मंदी के आसार बढ़े

लगातार दो तिमाहियों में हुई गिरावट के कारण जापान का जीडीपी ४.५ ट्रिलियन डॉलर से ४.२ ट्रिलियन डॉलर तक फिसला है। इससे जापान ने विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था होने का स्थान खो दिया है। जापान से पहले आर्थिक मंदी से झुझ रहे जर्मनी का जीडीपी ४.४ ट्रिलियन डॉलर हुआ है। ‘जर्मनी ने जापान को पिछे छोड़ना जापान की अर्थव्यवस्था में रणनीतिक सुधार बड़े आवश्यक होने की बात रेखांकित करता है। इसमें नियमित नौकरी में अधिक से अधिक महिलाओं को प्रोत्साहित करना और विदेशी निवेश में बनी बाधाएं दूर करने’ का समावेश है। जापान के व्यापार और उद्योग राज्य मंत्री योशिताका शिंदो ने यह कहकर नए प्रावधानों के संकेत दिए।

जापान के बाद ‘जी ७’ का हिस्सा होने वाले ब्रिटेन को भी आर्थिक मंदी से नुकसान पहुंचा है। अक्टूबर से दिसंबर २०२३ के तिमाही में ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था की ०.३ प्रतिशत गिरावट हुई। उससे पहले जुलाई से सितंबर की तिमाही में ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था ०.१ प्रतिशत फिसली थी। लगातार दो तिमाहियों में हुई गिरावट के कारण ब्रिटेन को आर्थिक मंदी से नुकसान पहुंचने का ऐलान ‘ऑफिस ऑफ द नेशनल स्टैटिस्टिक्स’ (ओएनएस) ने किया है। सेवा, उत्पाद और निर्माण कार्य के क्षेत्र के नकारात्मक प्रदर्शन के कारण ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को मंदी से नुकसान पहुंचने की जानकारी सामने आयी है।

ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था की मंदी प्रधानमंत्री ऋषी सुनाक के सामने खड़ी मुश्किलें बढ़ाएगी, ऐसे संकेत भी प्राप्त हो रहे हैं। ‘जी ७’ गुट के जापान और ब्रिटेन को मंदी से पहुंचा नुकसान - वैश्विक मंदी के आसार बढ़ेपिछले साल प्रधानमंत्री पद की बागड़ोर संभालने के बाद सुनाक ने अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करना प्राथमिकता होने का ऐलान किया था। लेकिन, मंदी से नुकसान पहुंचने से यह ‘सुनाक रिसेशन’ होने की आलोचना विपक्ष कर रहा है। ब्रिटेन के वित्त मंत्री जेरेमी हंट ने इसे ठुकराया है। अर्थव्यवस्था सकारात्मक मोड़ पर है और महंगाई कम करना ही प्रमुख उद्देश्य होने का बयान उन्होंने किया। उससे पहले कोरोना के दौर में ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था की कुल २२.५ प्रतिशत गिरावट हुई थी।

जर्मनी और जापान के बाद मंदी से नुकसान पहुंचा ब्रिटेन ‘जी ७’ का तीसरा देश बना है। ‘जी ७’ के अन्य देशों के आर्थिक विकास की गति कम हुई है, फिर भी मंदी ने अभी नुकसान नहीं पहुंचाया है। फ्रान्स, इटली, कनाड़ा और अमेरिका इन चारों देशों की अर्थव्यवस्थाओं ने सकारात्मक बढ़ोतरी दर्ज़ की है। जर्मनी, जापान और ब्रिटेन यह तीनों देश व्यापरिक नज़रिये से काफी जुड़े हैं। फिहला चीन की अर्थव्यवस्था की भी गिरावट शुरू है और इससे इन देशों को भी नुकसान पहुंचता दिख रहा है। चीन के संकट के बाद तीन शीर्ष देशों को मंदी का सामना करना पड़ा और इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था को भी मंदी से नुकसान पहुंचने की संभावना बढ़ने की चिंता कुछ विश्लेषकों ने जताई है।

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