अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में ईंधन की कीमतों में अधिक उछाल आएगा – गोल्डमन सैक्स का इशारा

वॉशिंग्टन – पश्चिमी देशों ने रशिया पर लगाए प्रतिबंध और ओपेक प्लस देशों ने ईंधन उत्पादन में की हुई कटौती के कारण साल के अन्त तक ईंधन की कीमतें फिर से उछलकर १०० डॉलर्स से अधिक हो जाएंगी, ऐसी चेतावनी अमरीका की शीर्ष वित्त संस्था गोल्डमन सैक्स ने दी है। चीन में ईंधन की बढ़ती हुई मांग भी ईंधन के दर में उछाल के लिए सहायक साबित होगी, ऐसा दावा इस वित्त संस्था ने किया। अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की कीमत फिलहाल प्रति बैरल ८० डॉलर्स के करीब है।

अमरीका की प्रमुख और अंतरराष्ट्रीय स्तर की शीर्ष निवेश एवं सिक्युरिटीज्‌ व्यवस्थापन कंपनी के तौर पर गोल्डमन सैक्स की पहचान है। गोल्डमन सैक्स करती विश्व के विभिन्न देशों की सरकारें, वित्तीय संस्थाएं, कॉर्पोरेशन्स और धनिकों को आर्थिक निवेश की सलाह एवं वित्तीय सेवा प्रदान करने का कार्य है। पिछले १५० सालों से इस क्षेत्र में काम कर रही इस वित्तसंस्था के ग्राहक अमरीका से लेकर विश्वभर के विकसित, विकासशील देश एवं शीर्ष कारोबारी कंपनियां हैं। अंतरराष्ट्रीय राजनीति और गतिविधियों का वैश्विक बाज़ार पर होनेवाले असर का अनुमान यह वित्तसंस्था लगाती है। इसकी वजह से गोल्डमन सैक्स का बयान पर गौर किया जाता है।

इस वित्तसंस्था के वरिष्ठ विश्लेषक जेफ्री क्युरी ने दो दिन पहले सौदी अरब में आयोजित एक समारोह में बोलते समय अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में ईंधन के गिरते उत्पादन पर चिंता जताई। यूक्रेन युद्ध शुरू होते ही अमरीका और मित्रदेशों ने रशिया पर लगाए हुए प्रतिबंधों की वजह से रशियन ईंधन की अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में सप्लाई बाधित हुई है। साथ ही ओपेक प्लस देशों ने भी ईंधन उत्पादन बढ़ाने से इन्कार किया है। इन बातों का वैश्विक बाज़ार में ईंधन की कीमतों पर असर पडेगा। ऐसे में साल के अन्त तक ईंधन की कीमतें नए उछाल के साथ प्रति बैरल १०० डॉलर्स से अधिक होंगीं, ऐसा जेफ्री क्युरी ने कहा है।

रशिया पर लगाए गए प्रतिबंध, ईंधन उत्पादन में कमी और चीन में बढ़ती हुई ईंधन की मांग साल २०२४ की शुरूआत में इससे अधिक खतरनाक समस्या निर्माण करेगी, ऐसी चेतावनी क्युरी ने दी। ईंधन की बढ़ती हुई मांग की पूर्ति के लिए ईंधन उत्पादकता बढ़ानी पडेगी। इस साल मई तक ईंधन की मांग की तुलना में आपूर्ति में कमी का गणित बदलना पडेगा, यह सुझाव भी क्युरी ने दिया। सौदी के ईंधन मंत्री प्रिन्स अब्दुलअज़ीज़ बिन सलमान ने भी पश्चिमी देशों ने रशिया पर लगाए प्रतिबंधों का भीषण प्रभाव पडेगे, ऐसी चेतावनी दी है।

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